नैना देवी मंत्र: तीन दिन की साधना से कर्ज़ और गरीबी से मुक्ति!
Naina Devi mantra एक शक्तिशाली साधना है जो जीवन की बाधाओं को दूर करती है। तीन दिन की नैना देवी साधना से कर्ज़ और गरीबी से मुक्ति संभव है। यह साधना मनोकामना पूर्ति, आर्थिक समृद्धि और सुख-शांति लाने में सहायक मानी जाती है। माँ नैना देवी के इस चमत्कारी मंत्र का नियमित जप करने से साधक के जीवन में नकारात्मकता समाप्त होती है।
विनियोग मंत्र और उसका अर्थ
विनियोग मंत्र:
“ॐ अस्य श्री नैना देवी मंत्रस्य ब्रह्मा ऋषिः, गायत्री छंदः, नैना देवी देवता, श्री नैना देवी प्रसाद सिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः॥”
अर्थ: इस मंत्र के ऋषि ब्रह्मा हैं, छंद गायत्री है और देवी नैना इसका देवता हैं। इस मंत्र का जप नैना देवी की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
दसों दिशाओं का दिग्बंधन मंत्र और उसका अर्थ
दिग्बंधन मंत्र:
“ॐ पूर्वाय दिग्बंधनं, दक्षिणाय दिग्बंधनं, पश्चिमाय दिग्बंधनं, उत्तराय दिग्बंधनं, ईशानाय दिग्बंधनं, अग्न्याय दिग्बंधनं, नैऋत्याय दिग्बंधनं, वायव्याय दिग्बंधनं, ऊर्ध्वाय दिग्बंधनं, अधः दिशाय दिग्बंधनं स्वाहा॥”
अर्थ: इस मंत्र से दसों दिशाओं की सुरक्षा होती है। यह साधना में बाहरी नकारात्मक शक्तियों को रोकने के लिए किया जाता है।
नैना देवी मंत्र और उसका संपूर्ण अर्थ
मंत्र:
“ॐ ऐं ह्रीं श्रीं नैना देव्ये कार्य सिद्धिम् देही देही नमः॥”
अर्थ: इस मंत्र के जप से साधक की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। माँ नैना देवी की कृपा से कार्य सिद्धि होती है।
जप के दौरान सेवन करने योग्य पदार्थ
- सात्विक एवं ताजे फल
- दूध और मिश्री
- पंचामृत
- गाय का घी
- तुलसी पत्र युक्त जल
- चने और गुड़
- सूखे मेवे
- नारियल
- चावल और खीर
- शहद और गंगाजल
नैना देवी मंत्र साधना के लाभ
- आर्थिक तंगी दूर होती है।
- कर्ज़ से मुक्ति मिलती है।
- घर में सुख-समृद्धि आती है।
- मनोबल और आत्मविश्वास बढ़ता है।
- मानसिक शांति प्राप्त होती है।
- सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं।
- कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
- पारिवारिक कलह समाप्त होती है।
- धन आगमन के मार्ग खुलते हैं।
- व्यापार में वृद्धि होती है।
- कोर्ट-कचहरी के मामलों में विजय प्राप्त होती है।
- स्वास्थ्य लाभ मिलता है।
- ग्रह बाधाएं समाप्त होती हैं।
- शत्रुओं का नाश होता है।
- प्रेम संबंधों में सुधार होता है।
- शुभ कार्यों में सफलता मिलती है।
- देवी कृपा से जीवन में स्थिरता आती है।
- आध्यात्मिक उन्नति होती है।
पूजा सामग्री और मंत्र जप विधि
आवश्यक सामग्री
- लाल वस्त्र
- चावल और फूल
- धूप और दीपक
- नैवेद्य (फल, मिठाई)
- लाल चंदन
- जल से भरा कलश
- माँ नैना देवी की प्रतिमा या चित्र
मंत्र जप का दिन, अवधि और मुहूर्त
- दिन: शुक्रवार और नवरात्रि के दिन सर्वोत्तम
- अवधि: 20 मिनट प्रतिदिन, लगातार 18 दिन
- मुहूर्त: ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4-6 बजे) या रात 9-11 बजे
मंत्र जप के नियम
- जप करने वाला 20 वर्ष से ऊपर हो।
- स्त्री-पुरुष कोई भी जप कर सकता है।
- नीले और काले रंग के वस्त्र न पहनें।
- धूम्रपान, मद्यपान और मांसाहार न करें।
- ब्रह्मचर्य का पालन करें।
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जप के दौरान सावधानियां
- मन को एकाग्र रखें।
- शुद्ध स्थान पर बैठकर जप करें।
- मंत्र उच्चारण शुद्धता से करें।
- बीच में उठने से बचें।
- साधना के दौरान नकारात्मक विचार न आने दें।
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नैना देवी मंत्र से जुड़े प्रश्न और उत्तर
प्रश्न 1: नैना देवी मंत्र किस प्रकार की सिद्धि देता है?
उत्तर: यह मंत्र कार्य सिद्धि, आर्थिक उन्नति और मनोकामना पूर्ति करता है।
प्रश्न 2: नैना देवी मंत्र कब जपना चाहिए?
उत्तर: ब्रह्म मुहूर्त या रात में शांत समय में जप करना श्रेष्ठ होता है।
प्रश्न 3: क्या महिलाएं इस मंत्र का जप कर सकती हैं?
उत्तर: हां, महिलाएं भी इस मंत्र का जप कर सकती हैं।
प्रश्न 4: क्या मासिक धर्म के दौरान जप किया जा सकता है?
उत्तर: नहीं, इस दौरान मंत्र जप स्थगित कर देना चाहिए।
प्रश्न 5: क्या मंत्र जप में माला का उपयोग आवश्यक है?
उत्तर: हां, रुद्राक्ष या स्फटिक माला का उपयोग उत्तम होता है।
प्रश्न 6: नैना देवी साधना कितने दिनों की होती है?
उत्तर: कम से कम 3 दिन और अधिकतम 18 दिन तक की जाती है।
प्रश्न 7: मंत्र जप में कौन सी सामग्री आवश्यक होती है?
उत्तर: दीपक, धूप, फूल, चावल, नैवेद्य, जल, लाल चंदन।
प्रश्न 8: क्या कर्ज़ से मुक्ति के लिए यह मंत्र प्रभावी है?
उत्तर: हां, यह मंत्र आर्थिक समस्याओं को दूर करने में सहायक है।
प्रश्न 9: क्या इस मंत्र का प्रभाव तुरंत दिखता है?
उत्तर: नियमित जप और आस्था से शीघ्र प्रभाव दिखता है।
प्रश्न 10: क्या मंत्र जाप के दौरान किसी विशेष आहार का सेवन करना चाहिए?
उत्तर: सात्विक आहार लेना चाहिए और तामसिक भोजन से बचना चाहिए।
प्रश्न 11: क्या किसी विशेष दिशा की ओर मुख करके जप करना चाहिए?
उत्तर: पूर्व दिशा की ओर मुख करके जप करना उत्तम होता है।
प्रश्न 12: क्या इस साधना से आध्यात्मिक उन्नति भी होती है?
उत्तर: हां, यह साधना आध्यात्मिक जागरण में सहायक होती है।