कैसे नवकूटा बाला भैरवी मंत्र से प्राप्त करें मानसिक शांति और समृद्धि
नवकूटा बाला भैरवी मंत्र एक अत्यंत शक्तिशाली और दिव्य मंत्र है जो देवी बाला भैरवी की पूजा में उपयोग किया जाता है। यह मंत्र विशेष रूप से आत्मबल, मानसिक शांति, और विशेष शक्तियों को प्राप्त करने के लिए जाप किया जाता है। इस मंत्र का प्रयोग जीवन के विभिन्न समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए किया जाता है।
दसों दिशाओं का दिग्बंधन मंत्र व उसका अर्थ
दसों दिशाओं का दिग्बंधन मंत्र साधक को सभी नकारात्मक शक्तियों और संकटों से सुरक्षित रखने के लिए जाप किया जाता है। यह मंत्र रक्षा कवच का कार्य करता है।
दिग्बंधन मंत्र:
“ॐ ह्लीं बाला भैरवी सर्वदुष्ट दुर्गति नाशिनी स्वाहा।”
अर्थ: यह मंत्र सभी दिशाओं में सुरक्षा प्रदान करता है और नकारात्मक शक्तियों से बचाता है। साथ ही यह देवी बाला भैरवी से रक्षा प्राप्त करने का एक माध्यम है।
नवकूटा बाला भैरवी मंत्र व उसका संपूर्ण अर्थ
नवकूटा बाला भैरवी मंत्र एक शक्तिशाली और दिव्य मंत्र है जिसे देवी बाला भैरवी की पूजा और साधना में उपयोग किया जाता है। इस मंत्र का विशेष महत्व है क्योंकि यह मानसिक और शारीरिक बाधाओं से मुक्ति पाने, भूत-प्रेत आदि नकारात्मक शक्तियों से रक्षा, और आत्म-शक्ति को जाग्रत करने में सहायक होता है।
मंत्र:
“ऐं क्लीं सौः ह् सैं ह् स्करीं ह् सौं ह् स्रैं ह् स्करीं ह् स्रोः।”
अर्थ:
- “ऐं” – यह बीजाक्षर देवी शक्ति, ज्ञान और बोध को प्रदर्शित करता है। यह ध्यान और मानसिक शांति को बढ़ाता है।
- “क्लीं” – यह बीजाक्षर सिद्धि और आकर्षण का प्रतीक है। यह व्यक्ति को आत्मबल और सफलता की ओर प्रवृत्त करता है।
- “सौः” – यह बीजाक्षर समृद्धि, सुख और ऐश्वर्य का प्रतीक है। इसके उच्चारण से जीवन में समृद्धि आती है।
- “ह्” – यह शक्ति का प्रतीक है और इस बीजाक्षर से देवी की शक्तियों का आह्वान किया जाता है।
- “सैं” – यह बीजाक्षर सुरक्षा और आत्मविश्वास को प्रदर्शित करता है।
- “स्करीं” – यह बीजाक्षर रचनात्मकता और सामर्थ्य का प्रतीक है।
- “सौं” – यह बीजाक्षर ऊर्जा और शक्ति का प्रतीक है, जो व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक ताकत प्रदान करता है।
- “स्रैं” – यह बीजाक्षर मानसिक शांति और साधना में स्थिरता को बढ़ाता है।
- “स्रोः” – यह बीजाक्षर देवी के आशीर्वाद और उनके प्रति पूर्ण समर्पण को व्यक्त करता है।
नवकूटा बाला भैरवी मंत्र के उच्चारण से साधक का आत्मविश्वास बढ़ता है, मानसिक शांति मिलती है, और उसे हर प्रकार की विघ्न-बाधाओं से मुक्ति मिलती है। यह मंत्र जीवन में समृद्धि, शक्ति, और सुख की प्राप्ति के लिए अत्यंत प्रभावी माना जाता है।
जप काल में इन चीजों के सेवन ज्यादा करें
इस मंत्र का जप करते समय आपको कुछ आहार और वस्तुओं का सेवन बढ़ाना चाहिए, जिससे मानसिक और शारीरिक ऊर्जा मिल सके।
- ताजे फल और शाकाहारी भोजन का सेवन करें।
- शहद और घी का सेवन करें।
- पवित्र जल का नियमित पान करें।
नवकूटा बाला भैरवी मंत्र के लाभ
- जीवन में आ रही समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
- मानसिक शांति और संतुलन प्राप्त होता है।
- आध्यात्मिक उन्नति होती है।
- कर्ज और बाधाओं से छुटकारा मिलता है।
- भूत-प्रेत आदि नकारात्मक शक्तियों से रक्षा होती है।
- समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
- दुश्मनों से सुरक्षा होती है।
- व्यापार में सफलता मिलती है।
- जीवन में खुशहाली आती है।
- सेहत में सुधार होता है।
- संतान सुख प्राप्त होता है।
- घर में शांति का वातावरण रहता है।
- विवाह में सफलता मिलती है।
- सभी प्रकार के भय समाप्त होते हैं।
- आत्मविश्वास बढ़ता है।
- समस्याओं का समाधान जल्दी मिलता है।
- ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है।
- आंतरिक शक्ति और शांति का अनुभव होता है।
पूजा सामग्री और मंत्र विधि
पूजा सामग्री:
- दीपक
- गुलाब के फूल
- ताजे फल
- शुद्ध जल
- चन्दन या कपूर
- लोहबान और धूप
मंत्र विधि:
- इस मंत्र का जप रोजाना 20 मिनट तक करें।
- 21 दिन तक इसे नियमित रूप से जाप करें।
- पूजा का दिन सोमवार या शुक्रवार सर्वोत्तम है।
- आदर्श मुहूर्त में सुबह या संतान के समय जप करें।
मंत्र जप के नियम
- मंत्र जप करते समय ध्यान केंद्रित रखें।
- उम्र 20 वर्ष से ऊपर होना चाहिए।
- स्त्री और पुरुष दोनों जप कर सकते हैं।
- ब्लू या ब्लैक कपड़े न पहनें।
- धूम्रपान, मद्यपान, और मांसाहार से दूर रहें।
- ब्रह्मचर्य का पालन करें।
know more about bagalamukhi sadhana shivir
जप सावधानी
नवकूटा बाला भैरवी मंत्र का जप करते समय कुछ सावधानियाँ ध्यान में रखनी चाहिए, ताकि साधना पूरी तरह से प्रभावी और सफल हो सके। सही तरीके से मंत्र का जप करने से अधिक लाभ प्राप्त होता है और साधक देवी की कृपा को शीघ्र प्राप्त कर सकता है।
यहाँ कुछ महत्वपूर्ण जप सावधानियाँ दी गई हैं:
- उम्र सीमा:
इस मंत्र का जप केवल 20 वर्ष या उससे ऊपर के व्यक्ति को ही करना चाहिए। यह सुनिश्चित करता है कि साधक मानसिक रूप से परिपक्व हो और मंत्र के प्रभाव को सही तरीके से समझ सके। - परिस्थिति:
मंत्र जप करते समय किसी शांत और पवित्र स्थान पर बैठना चाहिए, जहाँ कोई विघ्न न हो। यह स्थान देवी के प्रति श्रद्धा और ध्यान का केंद्र होना चाहिए। - स्वच्छता:
जप से पहले शरीर और मन को शुद्ध करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। स्नान करके, स्वच्छ वस्त्र पहनकर और नकारात्मक विचारों से मुक्त होकर ही जप करना चाहिए। - ब्लू या ब्लैक कपड़े न पहनें:
इस मंत्र का जप करते समय नीले या काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए, क्योंकि ये रंग नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माने जाते हैं। हल्के रंगों के कपड़े पहनना अधिक शुभ होता है। - धूम्रपान, मद्यपान, और मांसाहार से बचें:
जप के दौरान किसी भी प्रकार का धूम्रपान, मद्यपान, और मांसाहार का सेवन नहीं करना चाहिए। यह शारीरिक और मानसिक शुद्धता के लिए आवश्यक है। - ब्रह्मचर्य का पालन करें:
जप करते समय ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। यह साधना में सफलता के लिए एक महत्वपूर्ण नियम है। - जप का समय और स्थिति:
सर्वोत्तम समय सुबह या रात्रि का होता है, जब वातावरण शुद्ध और शांत हो। यदि संभव हो, तो जप सूर्योदय के समय करें। जप को नियमित रूप से और 21 दिन तक निरंतर करना चाहिए, ताकि यह प्रभावी हो।
नवकूटा बाला भैरवी मंत्र से संबंधित प्रश्न-उत्तर
प्रश्न 1: नवकूटा बाला भैरवी मंत्र का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर: यह मंत्र मानसिक शांति, नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा और देवी बाला भैरवी की कृपा प्राप्त करने के लिए है।
प्रश्न 2: इस मंत्र का जप कब और कैसे करना चाहिए?
उत्तर: इस मंत्र का जप सुबह या रात्रि के समय करना चाहिए। शांत और स्वच्छ स्थान पर जप करें।
प्रश्न 3: नवकूटा बाला भैरवी मंत्र में कितने बीजाक्षर होते हैं?
उत्तर: इस मंत्र में आठ बीजाक्षर होते हैं, जो विभिन्न प्रकार की शक्तियों को आह्वान करते हैं।
प्रश्न 4: मंत्र का जप करने से क्या लाभ मिलता है?
उत्तर: यह मंत्र मानसिक शांति, शक्ति, समृद्धि और सफलता के लिए लाभकारी है। नकारात्मकता दूर होती है।
प्रश्न 5: क्या इस मंत्र का जप महिला और पुरुष दोनों कर सकते हैं?
उत्तर: हां, इस मंत्र का जप स्त्री और पुरुष दोनों कर सकते हैं, यदि वे उपयुक्त शुद्धता का पालन करें।
प्रश्न 6: इस मंत्र का जप करते समय क्या सावधानियाँ रखनी चाहिए?
उत्तर: शरीर और मन की शुद्धता, शांत वातावरण, और ब्रह्मचर्य का पालन करना आवश्यक है।
प्रश्न 7: इस मंत्र का उच्चारण कितने समय तक करना चाहिए?
उत्तर: इस मंत्र का जप 21 दिन तक रोज 20 मिनट करना चाहिए, ताकि पूर्ण प्रभाव प्राप्त हो सके।
प्रश्न 8: क्या मंत्र जप के दौरान कोई विशेष सामग्री चाहिए होती है?
उत्तर: हां, मंत्र जप के दौरान फूल, घी का दीपक, और जल की आवश्यकता हो सकती है।
प्रश्न 9: नवकूटा बाला भैरवी मंत्र के बीजाक्षरों का क्या महत्व है?
उत्तर: प्रत्येक बीजाक्षर की अपनी विशेषता है, जो जीवन में शक्ति, समृद्धि और सफलता लाने में मदद करता है।
प्रश्न 10: क्या इस मंत्र का जप रात को करना शुभ है?
उत्तर: हां, रात का समय भी उपयुक्त होता है, जब वातावरण शांत और ध्यान के लिए उपयुक्त होता है।
प्रश्न 11: क्या इस मंत्र का जप विशेष पूजा के समय भी किया जा सकता है?
उत्तर: हां, यह मंत्र पूजा के समय भी उच्चारित किया जा सकता है। यह पूजा की प्रभावशीलता को बढ़ाता है।
प्रश्न 12: क्या इस मंत्र का जप करने से शारीरिक समस्याओं का समाधान होता है?
उत्तर: यह मंत्र मानसिक और शारीरिक शांति लाता है, जो शारीरिक समस्याओं के समाधान में सहायक हो सकता है।