नवरात्रि पर ऐसा क्या करें कि 9 दिन में मिले मनचाहा वरदान?
Navratri Nine Days नवरात्रि का पर्व केवल देवी की पूजा का अवसर नहीं है, बल्कि यह आत्मशुद्धि, इच्छापूर्ति और साधना का विशेष समय है। इन 9 दिनों में साधक चाहे गृहस्थ हो या सन्यासी, अगर सही विधि और नियमों के साथ पूजा करता है तो मनचाही सिद्धि प्राप्त हो सकती है। नवरात्रि में की गई साधना अन्य दिनों की तुलना में कई गुना फलदायी होती है। यही कारण है कि प्राचीन ऋषि-मुनियों ने नवरात्रि को “साधना सिद्धि का द्वार” बताया है।
DivyayogAshram के अनुसार, नवरात्रि में की गई उपासना से केवल भौतिक इच्छाएं ही पूरी नहीं होतीं, बल्कि आत्मिक शक्ति, शांति और सुरक्षा भी मिलती है। यह पर्व हमें माँ दुर्गा की नौ शक्तियों से जोड़ता है, और हर दिन अलग-अलग स्वरूप की साधना से जीवन की अलग-अलग बाधाओं का समाधान संभव होता है।
नवरात्रि में 9 दिनों की महत्ता
- पहला दिन – शैलपुत्री पूजा: जीवन की शुरुआत और स्थिरता के लिए।
- दूसरा दिन – ब्रह्मचारिणी पूजा: तप, संयम और शक्ति के लिए।
- तीसरा दिन – चंद्रघंटा पूजा: भय और बाधाओं से मुक्ति के लिए।
- चौथा दिन – कूष्मांडा पूजा: सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य के लिए।
- पाँचवां दिन – स्कंदमाता पूजा: संतान सुख और परिवार के सौभाग्य के लिए।
- छठा दिन – कात्यायनी पूजा: विवाह व रिश्तों में सफलता के लिए।
- सातवां दिन – कालरात्रि पूजा: शत्रु विनाश और सुरक्षा के लिए।
- आठवां दिन – महागौरी पूजा: शुद्धि, सौंदर्य और शांति के लिए।
- नौवां दिन – सिद्धिदात्री पूजा: मनोकामना पूर्णता और आध्यात्मिक उन्नति के लिए।
मनचाहा वरदान पाने के लिए आवश्यक नियम
- सात्विकता अपनाएँ – नवरात्रि में खान-पान और विचार दोनों शुद्ध रखें।
- नियमित जप – हर दिन कम से कम 108 बार “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे” का जप करें।
- दीपक प्रज्वलन – सुबह-शाम गाय के घी का दीपक जलाना अत्यंत फलदायी है।
- भक्ति और विश्वास – केवल विधि नहीं, बल्कि विश्वास और भक्ति का होना अनिवार्य है।
- दान और सेवा – कन्या पूजन, गौ सेवा और भूखे को अन्न देना वरदान प्राप्ति की गति को तेज करता है।
विशेष साधना विधि (DivyayogAshram मार्गदर्शन)
- एक स्वच्छ स्थान पर लाल या पीले वस्त्र बिछाएँ।
- माँ दुर्गा की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
- पंचोपचार पूजा करें – दीप, धूप, पुष्प, अक्षत, और नैवेद्य।
- हर दिन संबंधित देवी के नाम का 11 माला जप करें।
- “ॐ दुं दुर्गायै नमः” मंत्र का न्यूनतम 108 बार जप अनिवार्य रूप से करें।
- अंत में अपनी इच्छा को स्पष्ट भाव से माँ के चरणों में प्रकट करें।
नवरात्रि में 9 दिनों में मिलने वाले वरदान
- धन और समृद्धि की प्राप्ति
- विवाह और रिश्तों में सफलता
- संतान सुख की प्राप्ति
- शत्रु और बाधाओं से रक्षा
- नौकरी-व्यवसाय में उन्नति
- स्वास्थ्य लाभ और रोग निवारण
- मानसिक शांति और आत्मविश्वास
- घर-परिवार में सौहार्द
- आध्यात्मिक उन्नति और मोक्ष की दिशा
DivyayogAshram का सुझाव
नवरात्रि में साधना केवल इच्छा पूर्ति के लिए न करें, बल्कि इसे अपने जीवन के उत्थान और आत्मिक प्रगति का माध्यम मानें। मनचाहा वरदान तभी मिलेगा जब आपका उद्देश्य शुद्ध और लोककल्याणकारी होगा।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q1. क्या नवरात्रि में कोई भी साधना कर सकता है?
हाँ, लेकिन सात्विक नियमों का पालन करना आवश्यक है।
Q2. क्या केवल घर में पूजा करने से वरदान मिल सकता है?
हाँ, घर में श्रद्धा से की गई साधना भी अत्यंत फलदायी होती है।
Q3. कौन सा मंत्र सबसे प्रभावी है?
“ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे” नवरात्रि का सार्वभौमिक मंत्र है।
Q4. क्या नौ दिन उपवास रखना जरूरी है?
जरूरी नहीं, श्रद्धा और क्षमता के अनुसार उपवास रखें।
Q5. क्या रोजाना अलग-अलग देवी की पूजा करनी चाहिए?
हाँ, हर दिन एक विशेष रूप की पूजा करने से साधना अधिक सफल होती है।
Q6. क्या नवरात्रि में टोटके करना ठीक है?
हाँ, लेकिन केवल वे जो शास्त्र सम्मत और सात्विक हों।
Q7. क्या इस दौरान गुरु मार्गदर्शन आवश्यक है?
हाँ, गुरु का मार्गदर्शन साधना को सिद्धि की ओर ले जाता है।
यह लेख DivyayogAshram की आध्यात्मिक परंपरा और अनुभवों पर आधारित है। यदि आप नवरात्रि के 9 दिनों में सही विधि से साधना करेंगे, तो निश्चित ही मनचाहा वरदान प्राप्त करेंगे।







