नवरात्रि पूजा विधि: घर पर कैसे करें सही साधना?
Navratri Puja Vidhi नवरात्रि भारत का सबसे पवित्र और शक्तिशाली पर्व है, जिसमें माता दुर्गा के नौ रूपों की उपासना की जाती है। यह पर्व केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं, बल्कि साधना, आत्मिक शुद्धि और दिव्य शक्ति प्राप्त करने का श्रेष्ठ माध्यम है।
घर पर नवरात्रि की सही पूजा और साधना करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और शक्ति का संचार होता है। यदि विधि और नियमों का पालन ठीक से किया जाए, तो माता की कृपा से रोग, शत्रु, कर्ज और दुर्भाग्य दूर होकर सौभाग्य प्राप्त होता है।
घर पर नवरात्रि पूजा की संपूर्ण विधि
1. पूजा स्थल की तैयारी
- घर के उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में साफ-सुथरा स्थान चुनें।
- लकड़ी का चौकी रखें और उस पर लाल कपड़ा बिछाएँ।
- माँ दुर्गा की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
2. घट स्थापना (कलश स्थापना)
- एक मिट्टी के पात्र में जौ/गेहूँ बोएँ।
- ताँबे/पीतल के कलश में जल भरें और आम्रपल्लव रखें।
- नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर कलश पर रखें।
3. पूजन सामग्री (Puja Samagri)
कपूर, अगरबत्ती, रोली, चावल, फूल, लाल चुनरी, फल, नैवेद्य, दीपक, पंचामृत, बेलपत्र, लौंग, इलायची आदि।
4. संकल्प और व्रत नियम
- व्रत रखने वाला व्यक्ति प्रातः स्नान कर संकल्प ले।
- सात्विक आहार लें (फल, दूध, साबूदाना, सिंघाड़ा, कुट्टू)।
- मांसाहार, मद्यपान और तामसिक भोजन से बचें।
5. देवी के नौ रूपों की पूजा क्रम
- प्रतिदिन माँ दुर्गा के अलग-अलग स्वरूप की पूजा करें।
- प्रत्येक दिन देवी का विशेष रंग और भोग अर्पित करें।
- देवी के मंत्रों का जप करें, जैसे –
“ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे”
6. आरती और हवन
- प्रतिदिन सुबह-शाम दुर्गा चालीसा और आरती करें।
- अष्टमी या नवमी के दिन हवन करें।
नवरात्रि साधना के लाभ
- घर में सुख-शांति बढ़ती है।
- धन, ऐश्वर्य और समृद्धि आती है।
- परिवार में एकता और प्रेम बढ़ता है।
- रोग और मानसिक पीड़ा से मुक्ति मिलती है।
- शत्रु और बाधाएँ नष्ट होती हैं।
- नौकरी और व्यवसाय में सफलता मिलती है।
- संतान सुख प्राप्त होता है।
- मन की शांति और ध्यान शक्ति बढ़ती है।
- जीवन में आत्मविश्वास आता है।
- कर्ज से छुटकारा मिलता है।
- सौभाग्य और यश प्राप्त होता है।
- ग्रहण दोष और पितृ दोष शांति होती है।
- आध्यात्मिक उन्नति होती है।
- इच्छाओं की पूर्ति होती है।
- देवी की कृपा से रक्षा कवच मिलता है।
घर पर नवरात्रि पूजा में ध्यान देने योग्य नियम
- सुबह-शाम दीपक जलाना न भूलें।
- घर को स्वच्छ और सुगंधित रखें।
- पूजा स्थल पर लाल रंग का महत्व है।
- व्रत के दौरान झूठ, कटु वचन और क्रोध से बचें।
- कन्या पूजन (कुमारी पूजन) अवश्य करें।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q1. घर पर नवरात्रि पूजा के लिए कौन सा समय सबसे शुभ है?
सुबह ब्रह्म मुहूर्त या प्रातः 6 से 8 बजे तक का समय सबसे उत्तम है।
Q2. क्या बिना व्रत रखे नवरात्रि पूजा कर सकते हैं?
हाँ, व्रत न रख पाने पर भी साधना और पूजा कर सकते हैं।
Q3. नवरात्रि में माँ को कौन सा फूल चढ़ाना शुभ है?
गेंदे, गुड़हल और कमल का फूल माता को अत्यंत प्रिय है।
Q4. क्या नवरात्रि में हवन करना आवश्यक है?
हाँ, अष्टमी या नवमी के दिन हवन करने से साधना पूर्ण होती है।
Q5. क्या महिलाएँ नवरात्रि व्रत रख सकती हैं?
हाँ, महिलाएँ और पुरुष दोनों समान रूप से व्रत रख सकते हैं।
Q6. अगर प्रतिदिन पूजा न कर पाएँ तो क्या करें?
कम से कम सुबह-शाम दीपक जलाकर मंत्र जप करें।
Q7. नवरात्रि साधना में सबसे महत्वपूर्ण नियम क्या है?
शुद्ध आचार, सात्विक भोजन और माँ के प्रति निष्ठा।
अंत मे
नवरात्रि पूजा विधि घर पर करना कठिन नहीं है। बस थोड़ी सावधानी और सही नियमों का पालन करना आवश्यक है। नवरात्रि साधना से व्यक्ति को शक्ति, समृद्धि, स्वास्थ्य और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। DivyayogAshram मानता है कि यदि आप सच्चे मन और भक्ति से माँ दुर्गा की साधना करें, तो जीवन की हर समस्या का समाधान संभव है।