जो कोई न कर सके, वह कर दिखाएगी निकुंभला देवी साधना!
Nikumbhala Sadhana – निकुंभला देवी – रावण की कुलदेवी, तंत्र जगत की गुप्त और परम सिद्ध शक्ति मानी जाती हैं। यह साधना उन लोगों के लिए है जो जीवन में असंभव को संभव करना चाहते हैं। जब जीवन हर ओर से बंद हो, जब न्याय न मिले, जब शत्रु हावी हों, जब व्यापार ठप हो, जब विवाह, संतान या संपत्ति में बाधाएं हों – तब निकुंभला देवी की साधना दिव्य शक्ति बनकर सामने आती है।
यह साधना एक गुप्त तांत्रिक प्रक्रिया है, जिसमें साधक देवी के कालरूप को जागृत करता है। यह साधना केवल इच्छित फल ही नहीं देती, बल्कि साधक को अदृश्य तांत्रिक रक्षण भी प्रदान करती है। यदि आपने सब कुछ आज़मा लिया है, और अब जीवन में कोई मार्ग नहीं बचा, तो यह साधना आपके लिए है। निकुंभला देवी वह कर सकती हैं जो कोई न कर सके।
निकुंभला साधना के दिव्य लाभ
- शत्रु विनाश एवं अदृश्य तांत्रिक रक्षा
- असंभव कार्य की सिद्धि
- व्यापार और धन में अत्यधिक वृद्धि
- विवाह एवं संतान संबंधी बाधाओं का अंत
- कोर्ट केस व कानूनी मामलों में विजय
- आत्मबल, तेज और शक्ति में वृद्धि
- अदृश्य दुश्मनों से रक्षा
- ग्रह बाधाओं एवं ऊपरी असर से मुक्ति
- संपत्ति विवादों का समाधान
- राजनीति या सामाजिक क्षेत्र में उन्नति
- भय, असुरक्षा और कमजोरी से छुटकारा
- अचानक भाग्योदय
- दुर्भाग्य का नाश और सौभाग्य की प्राप्ति
- तांत्रिक शक्तियों का जागरण
- दिव्य स्वप्नदर्शन और आंतरिक मार्गदर्शन
साधना के नियम (Niyam)
- साधना काल: अमावस्या, मंगलवार या शनिवार से प्रारंभ करें
- स्थान: एकांत, पवित्र और शांत स्थान (यथासंभव दक्षिण दिशा में मुख रखें)
- वस्त्र: काले या नीले रंग के वस्त्र पहनें
- शुद्धता: ब्रह्मचर्य, शुद्ध आहार, मौन आवश्यक
- समय: रात्रि 12 बजे के बाद (निशा काल सर्वोत्तम)
- देवी चित्र या मूर्ति रखें और रक्षायंत्र स्थापित करें
🕉 मंत्र जप विधि (Mantra Vidhi)
🔸 मंत्र:
ॐ क्रीं ह्रीं निकुंभला कालरूपिणी नमः।
- 11, 21 या 108 माला जप करें (रुद्राक्ष माला का प्रयोग करें)
- एक नारियल पर देवी का नाम लिखकर पूजा करें
- 21 दिन तक दीपक और धूप जलाएं
- प्रतिदिन एक नीला पुष्प देवी को चढ़ाएं
- अंतिम दिन हवन करें (घी, गुग्गुलु, लवंग, इलायची आदि से)
सामान्य प्रश्न
Q1: क्या यह साधना सभी कर सकते हैं?
A1: यह साधना केवल मानसिक रूप से दृढ़ और गंभीर साधकों के लिए उपयुक्त है।
Q2: साधना के लिए गुरु आवश्यक है?
A2: यदि आप तांत्रिक साधनाओं में नए हैं, तो गुरु का मार्गदर्शन आवश्यक है।
Q3: मंत्र का जाप दिन में किया जा सकता है?
A3: यह रात्रिकालीन साधना है – विशेष रूप से मध्यरात्रि में प्रभावी होती है।
Q4: क्या इस साधना से तांत्रिक शक्ति मिलती है?
A4: हाँ, नियमित साधना से रक्षण और जागरण अनुभव होता है।
Q5: कौन-से दिन शुरू करें?
A5: अमावस्या, भूतड़ी अमावस्या, या कालाष्टमी सर्वोत्तम माने जाते हैं।
Q6: क्या विशेष भोग चढ़ाना चाहिए?
A6: नारियल, गुड़, नीला फूल और नींबू चढ़ाना शुभ माना गया है।
Q7: अगर साधना बीच में छूट जाए तो?
A7: पुनः संकल्प लेकर पूरे विधिविधान से दोबारा शुरू करें।
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