प्रॉब्लम्स इन लव लाइफ? ये 1 दिन की साधना करो, रिश्ते में आ जाएगी मिठास!
One-Day Love Ritual जब किसी रिश्ते में दूरी बढ़ने लगे, बातचीत कम होने लगे और छोटी-छोटी बातें झगड़े में बदलने लगें, तो समझिए प्रेम ऊर्जा कमजोर हो चुकी है। यह सिर्फ मानसिक नहीं, ऊर्जात्मक असंतुलन भी होता है। ऐसे समय में कोई “एक दिन की साधना” आपके रिश्ते को फिर से मधुर बना सकती है।
DivyayogAshram में किए जाने वाले प्रेम-संबंध सुधार साधना प्रयोग इसी ऊर्जा को पुनर्जीवित करते हैं। यह कोई जादू नहीं, बल्कि मन, प्राण और मंत्र की सशक्त प्रक्रिया है। इस एक दिन की साधना में व्यक्ति अपने भीतर की करुणा, प्रेम और सम्मान की तरंगों को पुनः जागृत करता है। इसका प्रभाव सामने वाले व्यक्ति के अवचेतन तक पहुँचता है, जिससे रिश्तों में मिठास, समझ और आकर्षण बढ़ने लगता है।
यदि आप महसूस कर रहे हैं कि आपका रिश्ता पहले जैसा नहीं रहा, साथी दूर या ठंडा व्यवहार कर रहा है, तो यह साधना निश्चित रूप से आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकती है।
इस साधना का उद्देश्य
- प्रेम संबंधों में बढ़ती गलतफहमियों को दूर करना
- मन में जमा क्रोध, ईर्ष्या और नकारात्मक ऊर्जा को हटाना
- साथी के मन में पुनः आकर्षण और अपनापन जगाना
- टूटे रिश्तों में संवाद और स्नेह की धारा बहाल करना
- आत्म-प्रेम और आंतरिक संतुलन को स्थापित करना
साधना का नाम
“शिव-शक्ति प्रेम माधुर्य साधना”
यह एक दिन की ऊर्जात्मक साधना है, जो शुक्रवार या सोमवार को विशेष रूप से फलदायी मानी जाती है।
मंत्र
“ॐ ह्रीं कामेश्वराय क्लीं नमः।”
यह मंत्र प्रेम, आकर्षण और करुणा की ऊर्जाओं को संतुलित करता है। इसे धीमी आवाज़ में, 108 बार जपें।
साधना विधि (Step-by-Step Method)
1. साधना का समय
संध्याकाल या रात 9 बजे के बाद का समय सर्वोत्तम है। वातावरण शांत रखें और मोबाइल बंद कर दें।
2. स्थान की तैयारी
पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें। सामने लाल या गुलाबी कपड़ा बिछाएँ।
उस पर एक दीपक जलाएँ — देसी घी का दीप सर्वोत्तम है।
3. देवी-देवता का स्मरण
शिव और शक्ति दोनों को मन में स्मरण करें।
कहें – “हे शिव, हे शक्ति, हमारे संबंध में प्रेम और समझ की ज्योति जगाओ।”
4. नाम-संकल्प
मन ही मन अपने साथी का नाम लेकर संकल्प करें —
“हमारे बीच पुनः प्रेम, स्नेह और संवाद स्थापित हो।”
5. मंत्र जप
मंत्र “ॐ ह्रीं कामेश्वराय नमः” का 108 बार जप करें।
प्रत्येक जप के साथ अपने साथी के चेहरे को मुस्कुराते हुए कल्पना करें।
6. दीप दर्शन
अंत में दीप की लौ को 2 मिनट तक एकटक देखें।
महसूस करें कि प्रेम की ऊर्जा आपके हृदय से निकलकर आपके साथी तक पहुँच रही है।
साधना के बाद क्या करें
- साधना पूरी होने के बाद 5 मिनट मौन रहें।
- अपने साथी के प्रति कोई नकारात्मक विचार न रखें।
- रात में सोने से पहले हल्की मिठाई या दूध ग्रहण करें, जिससे हृदय ऊर्जा शांत रहे।
- अगले दिन किसी एक व्यक्ति को सच्चे मन से शुभकामना दें।
आवश्यक सामग्री
- लाल या गुलाबी कपड़ा
- देसी घी का दीपक
- दो गुलाब या कमल के फूल
- अगरबत्ती या धूप
- अपनी और अपने साथी की फोटो (यदि हो)
साधना के लाभ
- रिश्तों में संवाद बढ़ता है
- पुरानी गलतफहमियाँ मिटती हैं
- साथी का मन पुनः आकर्षित होता है
- प्रेम और स्नेह की भावना बढ़ती है
- दिल की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है
- अनजाने डर और अविश्वास मिटते हैं
- वैवाहिक तनाव कम होता है
- आत्मविश्वास और सौम्यता बढ़ती है
- अकेलेपन की भावना खत्म होती है
- संबंध में आध्यात्मिक गहराई आती है
- काम और क्रोध पर नियंत्रण आता है
- प्रेम में स्थिरता और सम्मान बढ़ता है
- हृदय चक्र सक्रिय होता है
- रिश्ते में क्षमा और स्वीकार्यता आती है
- साथी के मन में पुनः आकर्षण जागता है
साधना का रहस्य
यह साधना सिर्फ दूसरे व्यक्ति को आकर्षित करने के लिए नहीं, बल्कि अपने भीतर प्रेम की ज्योति प्रज्वलित करने के लिए है।
DivyayogAshram में माने जाने वाले सिद्धांत के अनुसार, “जिसके भीतर प्रेम है, वही प्रेम को आकर्षित करता है।”
जब आप भीतर से प्रेममय होते हैं, तो आपके शब्द, नजर और ऊर्जा सब प्रेम की भाषा बोलते हैं — और यही परिवर्तन रिश्ते में मिठास लाता है।
विशेष मुहूर्त
- शुक्रवार — प्रेम और आकर्षण के लिए
- पूर्णिमा तिथि — भावनात्मक संतुलन के लिए
- चतुर्थी तिथि — गलतफहमी दूर करने के लिए
यदि ये तीनों एक साथ पड़ें, तो यह साधना अत्यधिक प्रभावशाली होती है।
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सावधानियाँ
- साधना के समय मन में किसी का दोष न सोचें।
- किसी तीसरे व्यक्ति से इस साधना के बारे में चर्चा न करें।
- जप के दौरान हँसी-मज़ाक या फोटो लेना साधना का प्रभाव कम करता है।
- साधना पूर्ण होने के बाद ही दीपक बुझाएँ।
DivyayogAshram की सलाह
DivyayogAshram के गुरुजनों के अनुसार, रिश्तों को ठीक करने की शुरुआत “मन” से होती है, न कि “सामने वाले” से। जब आप अपनी ऊर्जा शुद्ध करते हैं, तो पूरा वातावरण बदलने लगता है। इस एक दिन की साधना को शुक्रवार को करने से अक्सर वही व्यक्ति, जो दूर चला गया था, खुद संपर्क करता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. क्या यह साधना अविवाहित लोग भी कर सकते हैं?
हाँ, यह साधना प्रेम आकर्षण और आत्म-प्रेम दोनों के लिए है।
प्रश्न 2. क्या इसमें कोई तांत्रिक विधि है?
नहीं, यह सरल, वैदिक और मन-ऊर्जा आधारित साधना है।
प्रश्न 3. अगर साथी बहुत नाराज़ है तो?
साधना के सात दिन बाद कोई सरल संदेश भेजें, उसका असर स्वतः दिखाई देगा।
प्रश्न 4. क्या साधना के लिए दीक्षा ज़रूरी है?
नहीं, यह सामान्य गृहस्थ व्यक्ति भी कर सकता है।
प्रश्न 5. क्या इस साधना के साथ किसी वस्तु का दान करना चाहिए?
हाँ, साधना के अगले दिन एक गरीब दंपत्ति को मिठाई या फल देना शुभ होता है।
प्रश्न 6. क्या इसे हर सप्ताह दोहराया जा सकता है?
हाँ, लेकिन हर बार नई भावना और नये संकल्प के साथ करें।
प्रश्न 7. क्या यह साधना दूरस्थ संबंधों में भी असर करती है?
हाँ, क्योंकि ऊर्जा दूरी नहीं जानती।
अंत मे
प्रेम का संबंध केवल शब्दों का नहीं, ऊर्जाओं का भी होता है। जब हम भीतर से शांत, प्रेमपूर्ण और विनम्र बनते हैं, तो रिश्ता अपने आप मधुर हो जाता है। यह “एक दिन की साधना” आपकी प्रेम ऊर्जा को फिर से संतुलित कर, रिश्ते में वही मिठास लौटाती है जो कभी थी।
DivyayogAshram का यह सिद्ध प्रयोग हजारों साधकों ने किया है और हर बार परिणाम अद्भुत रहा है। आज ही शुक्रवार या पूर्णिमा को यह साधना करें — और देखें कैसे प्रेम फिर से आपके जीवन में मुस्कुराने लगता है।