Pitra Gayatri Mantra- Purpose and Rituals

पितृ गायत्री मंत्र – पूर्वजों की कृपा प्राप्ति का सरल मार्ग

पित्र गायत्री मंत्र एक पवित्र मंत्र है जो पितृ दोष निवारण और पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए जपा जाता है। यह मंत्र आध्यात्मिक उन्नति के साथ-साथ पूर्वजों की कृपा प्राप्ति का एक महत्वपूर्ण साधन माना जाता है।

पित्र गायत्री मंत्र व उसका अर्थ

मंत्र:
“ॐ सूर्यपुत्राय विद्महे जगत्स्थित्याय धीमहि तन्नः पितरो प्रचोदयात्।”

अर्थ:
हम सूर्य के पुत्र को जानते हैं और जगत के स्थायी रूप को ध्यान में रखते हैं। हे पितरों, हमें (ज्ञान के मार्ग पर) प्रेरित करें।

यह मंत्र पितरों की शांति और उनकी कृपा प्राप्ति के लिए जपा जाता है। इसका जप करने से पितृ दोष का निवारण होता है और परिवार में सुख-समृद्धि आती है।

पित्र गायत्री मंत्र, विनियोग व उसका अर्थ

विनियोग:
“ॐ अस्य पित्र गायत्री मंत्रस्य, ब्रह्मा ऋषिः, गायत्री छन्दः, पितृ देवता, पितृ प्रसाद सिद्धये जपे विनियोगः।”

अर्थ:

  • मंत्र का अर्थ: हम सूर्य के पुत्र (धर्मराज) को जानते हैं और जगत के स्थायित्व रूप को ध्यान करते हैं। हे पितरों, कृपया हमें (सही मार्ग पर) प्रेरित करें।
  • विनियोग का अर्थ: इस मंत्र के ऋषि ब्रह्मा हैं, छंद गायत्री है, और देवता पितर हैं। इस मंत्र का जप पितृ प्रसन्नता और सिद्धि के लिए किया जाता है।

पित्र गायत्री मंत्र का जप पितरों की कृपा प्राप्त करने, पितृ दोष निवारण, और परिवार में शांति व समृद्धि के लिए अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है। इसका सही विधि से जप करने से पितृ दोष समाप्त होते हैं और पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है।

पित्र गायत्री मंत्र के लाभ

  1. पितृ दोष निवारण में सहायक।
  2. पूर्वजों की आत्मा की शांति।
  3. परिवार में सुख-शांति की स्थापना।
  4. आर्थिक समृद्धि।
  5. संतान सुख की प्राप्ति।
  6. स्वास्थ्य में सुधार।
  7. मानसिक शांति।
  8. वंश बृद्धि
  9. आध्यात्मिक उन्नति।
  10. पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
  11. जीवन में बाधाओं का निवारण।
  12. नकारात्मक ऊर्जा का नाश।
  13. कुल का कल्याण।
  14. वंश वृद्धि और समृद्धि।

पित्र गायत्री मंत्र विधि

दिन और मुहूर्त:
पित्र पक्ष में किसी भी दिन या अमावस्या के दिन मंत्र जप शुरू कर सकते हैं। प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त सर्वोत्तम है।

अवधि:
11 से 21 दिन तक रोज़ मंत्र का जप करें।

सामग्री:

  1. पीला या सफेद वस्त्र।
  2. कुशासन या ऊनी आसन।
  3. तुलसी माला या रुद्राक्ष माला।

मंत्र जप संख्या:
रोज़ 11 माला (यानी 1188 मंत्र) जप करें।

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पित्र गायत्री मंत्र जप के नियम

  1. उम्र 20 वर्ष से ऊपर होनी चाहिए।
  2. स्त्री-पुरुष कोई भी जप कर सकता है।
  3. नीले या काले कपड़े न पहनें।
  4. धूम्रपान, पद्यपान और मांसाहार का सेवन न करें।
  5. ब्रह्मचर्य का पालन करें।

Pitra shraddha vidhi

पित्र गायत्री मंत्र जप सावधानी

मंत्र जप के दौरान मन को एकाग्र रखें। किसी भी प्रकार का मानसिक तनाव न लें। जप के समय साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।

पित्र गायत्री मंत्र से संबंधित प्रश्न उत्तर

प्रश्न 1: पित्र गायत्री मंत्र किसके लिए लाभकारी है?
उत्तर: पित्र गायत्री मंत्र उन लोगों के लिए लाभकारी है जो पितृ दोष से प्रभावित हैं और अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए जप करना चाहते हैं।

प्रश्न 2: पित्र गायत्री मंत्र का जप कब शुरू करें?
उत्तर: पित्र गायत्री मंत्र का जप पितृ पक्ष या अमावस्या के दिन प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में शुरू करना चाहिए।

प्रश्न 3: पित्र गायत्री मंत्र का जप कितने दिनों तक करना चाहिए?
उत्तर: मंत्र का जप 11 से 21 दिनों तक लगातार करना चाहिए।

प्रश्न 4: पित्र गायत्री मंत्र का जप करने के लिए कौन से कपड़े पहनें?
उत्तर: मंत्र जप करते समय पीले या सफेद कपड़े पहनना चाहिए।

प्रश्न 5: मंत्र जप के दौरान किन चीजों से बचना चाहिए?
उत्तर: धूम्रपान, पद्यपान, मांसाहार, और काले-नीले कपड़ों से बचना चाहिए।

प्रश्न 6: पित्र गायत्री मंत्र का जप कौन कर सकता है?
उत्तर: 20 वर्ष से ऊपर के पुरुष और स्त्री दोनों ही इस मंत्र का जप कर सकते हैं।

प्रश्न 7: क्या पित्र गायत्री मंत्र का जप रात्रि में किया जा सकता है?
उत्तर: आदर्श समय प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त है, लेकिन अगर संभव न हो तो रात्रि में भी किया जा सकता है।

प्रश्न 8: मंत्र जप के दौरान कौन से आसन का प्रयोग करना चाहिए?
उत्तर: मंत्र जप के दौरान कुशासन या ऊनी आसन का प्रयोग करना चाहिए।

प्रश्न 9: क्या पित्र गायत्री मंत्र जप के लिए किसी विशेष दिशा में बैठना चाहिए?
उत्तर: पूर्व दिशा की ओर मुख करके जप करना सर्वोत्तम माना जाता है।

प्रश्न 10: क्या पित्र गायत्री मंत्र जप के दौरान परिवार के अन्य सदस्य शामिल हो सकते हैं?
उत्तर: हां, परिवार के अन्य सदस्य भी शामिल हो सकते हैं, बशर्ते वे नियमों का पालन करें।

प्रश्न 11: पित्र गायत्री मंत्र का जप कैसे करें?
उत्तर: मंत्र का जप शांति से, ध्यानपूर्वक और एकाग्रचित होकर करें।

प्रश्न 12: क्या पित्र गायत्री मंत्र जप के दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक है?
उत्तर: हां, जैसे कि ब्रह्मचर्य का पालन, साफ-सफाई, और उपरोक्त अन्य नियमों का पालन करना अनिवार्य है।

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