सौतन या तीसरे व्यक्ति से छुटकारा दिलाने वाली तांत्रिक साधना
Powerful Tantra Ritual जीवन में कई बार प्रेम, विवाह या दांपत्य जीवन में किसी तीसरे व्यक्ति का हस्तक्षेप आ जाता है। यह स्थिति व्यक्ति के मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को गहरा आघात पहुंचाती है। यदि आपका जीवनसाथी किसी अन्य व्यक्ति की ओर आकर्षित हो गया है या आपके दांपत्य जीवन में सौतन का आगमन हो गया है, तो तांत्रिक साधना से इस समस्या का समाधान संभव है।
यह एक 18 दिन की साधना है, जिसमें विशेष तांत्रिक विधियों और सिद्ध मंत्रों का प्रयोग किया जाता है। इस साधना का मूल उद्देश्य अपने जीवनसाथी को पुनः प्रेम और समर्पण की ओर प्रेरित करना तथा तीसरे व्यक्ति के प्रभाव से मुक्त करना है।
इस तांत्रिक साधना के लाभ
- यह साधना सौतन को आपके जीवन से दूर करने में सहायक होती है।
- यदि आपका जीवनसाथी किसी अन्य व्यक्ति की ओर आकर्षित है, तो यह साधना उसे वापस लाने में मदद करती है।
- इस साधना के माध्यम से दांपत्य जीवन में प्रेम और विश्वास की भावना फिर से जाग्रत होती है।
- तांत्रिक साधना नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त कर दांपत्य जीवन में शांति लाती है।
- यह साधना व्यक्ति को बुरी नजर और नकारात्मक शक्तियों से बचाने में सहायक होती है।
- जब पति-पत्नी के बीच प्रेम और समर्पण रहता है, तो परिवार में भी शांति बनी रहती है।
- इस साधना से जीवनसाथी के मन में छिपे द्वेष और गलतफहमियों का नाश होता है।
- जो लोग अपने प्रेमी या पति को पुनः पाना चाहते हैं, उनके लिए यह साधना अत्यंत प्रभावशाली होती है।
- तांत्रिक साधना से जीवनसाथी के मन में सकारात्मक ऊर्जा और प्रेम का संचार होता है।
- इस साधना से साधक का मन एकाग्र होता है और नकारात्मक विचारों का नाश होता है।
- इस साधना से दुर्भाग्य दूर होता है और भाग्य में वृद्धि होती है।
- अगर किसी ने तंत्र-मंत्र से आपके रिश्ते को प्रभावित किया है, तो यह साधना उसे निष्प्रभावी कर सकती है।
- इस साधना से व्यक्ति का आकर्षण और प्रभावशक्ति बढ़ती है।
- जो लोग प्रेम विवाह करना चाहते हैं, उनके लिए भी यह साधना उपयोगी होती है।
- इस साधना के माध्यम से पति-पत्नी के बीच गहरा आत्मीय संबंध स्थापित होता है।
साधना विधि
आवश्यक सामग्री
- लाल कपड़ा
- काले तिल
- 21 गोमती चक्र
- चंदन की माला
- सरसों का तेल
- काली यंत्र या फोटो
- दीपक और धूप
साधना करने की प्रक्रिया
- किसी शांत स्थान पर लाल कपड़ा बिछाकर बैठें।
- काली यंत्र को स्थापित करें और दीपक जलाएं।
- चंदन की माला से निम्न मंत्र का 108 बार जाप करें: ॐ ह्रीं क्रीं देवदत्त मम् कार्य सिद्धिम् क्लीं नमः (यहां ‘देवदत्त’ की जगह संबंधित व्यक्ति का नाम लें)
- यह प्रक्रिया 18 दिनों तक लगातार करें।
- साधना पूरी होने के बाद गोमती चक्र को बहते जल में प्रवाहित करें।
नियम और सावधानियां
साधना के दौरान आवश्यक नियम
- साधना के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें।
- सात्विक भोजन करें और नकारात्मक विचारों से बचें।
- यह साधना रात्रि 10 बजे से 12 बजे के बीच करनी चाहिए।
- साधना के दौरान किसी से बात न करें।
- इसे गुप्त रूप से करें, अन्यथा साधना का प्रभाव कम हो सकता है।
मुहूर्त
सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त:
- कृष्ण पक्ष की अष्टमी, अमावस्या या पूर्णिमा तिथि
- मंगलवार, शनिवार और शुक्रवार के दिन विशेष फलदायी होते हैं।
- ग्रहणकाल में की गई साधना शीघ्र फलदायी होती है।
सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्न
1. क्या यह साधना सभी कर सकते हैं
हाँ, परंतु स्त्रियों को मासिक धर्म के दौरान साधना से बचना चाहिए।
2. साधना का असर कितने दिनों में दिखता है
अधिकांश मामलों में 18 से 40 दिनों के भीतर सकारात्मक परिवर्तन दिखने लगते हैं।
3. क्या साधना को बीच में रोका जा सकता है
नहीं, साधना को बीच में रोकना उचित नहीं है।
4. क्या यह साधना हानिकारक हो सकती है
यदि विधि और नियमों का पालन किया जाए, तो यह साधना सुरक्षित होती है।
5. क्या इस साधना के लिए गुरु की आवश्यकता है
अगर आप पहली बार कर रहे हैं, तो किसी जानकार से सलाह लेना उचित होगा।
6. क्या यह साधना सौतन को हानि पहुंचाती है
नहीं, यह साधना केवल नकारात्मक प्रभाव समाप्त कर आपके जीवनसाथी को वापस लाने में सहायक होती है।
7. क्या इस साधना के बाद कोई पूजन आवश्यक है
हाँ, साधना पूर्ण होने के बाद हनुमान जी की पूजा करना शुभ होता है।
8. यदि साधना सफल न हो तो क्या करें
ऐसी स्थिति में पुनः साधना करें या किसी अनुभवी साधक से मार्गदर्शन लें।
यह तांत्रिक साधना सौतन या तीसरे व्यक्ति से छुटकारा दिलाने में अत्यंत प्रभावी होती है। यदि विधिपूर्वक की जाए, तो यह निश्चित रूप से सकारात्मक परिणाम प्रदान करती है।