भुक्ति मुक्ति यक्षिणी, भुक्ति (आनंद, सुख) और मुक्ति (मोक्ष, छुटकारा) की प्राप्ति में सहायक यक्षिणी होती है। इस यक्षिणी की साधना से व्यक्ति को जीवन में आनंद और सुख की प्राप्ति होती है, साथ ही उसे मोक्ष की प्राप्ति के लिए मार्ग प्रशस्त करती है।
भुक्ति मुक्ति यक्षिणी साधना के लाभ
- धन-संपत्ति की प्राप्ति: साधक को अपार धन और संपत्ति की प्राप्ति होती है।
- सुख-शांति का अनुभव: साधक के जीवन में शांति और आनंद का अनुभव होता है।
- मनोकामना पूर्ति: साधक की सभी इच्छाएँ पूरी होती हैं।
- संसारिक और आध्यात्मिक संतुलन: जीवन में भौतिक और आध्यात्मिक दोनों प्रकार की संतुलन प्राप्त होती है।
- स्वास्थ्य में सुधार: साधना से शरीर और मन दोनों स्वस्थ रहते हैं।
- कर्ज मुक्ति: कर्ज से छुटकारा मिलता है।
- शत्रुओं पर विजय: साधक अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करता है।
- आध्यात्मिक उन्नति: साधक की आध्यात्मिक शक्ति और जागरूकता बढ़ती है।
- विपरीत परिस्थितियों का निवारण: जीवन की कठिनाइयों और विपरीत परिस्थितियों का निवारण होता है।
- आत्म-साक्षात्कार: साधना से आत्मा की गहराइयों में प्रवेश और साक्षात्कार होता है।
- मन की शांति: साधक को मानसिक शांति और स्थिरता मिलती है।
- आकर्षण शक्ति: साधक के व्यक्तित्व में आकर्षण शक्ति बढ़ती है।
- परिवार में सुख और समृद्धि: साधना से परिवार में सुख और समृद्धि आती है।
- दिव्य शक्ति की प्राप्ति: साधक को दिव्य शक्ति और ज्ञान की प्राप्ति होती है।
- समाज में मान-सम्मान: साधक को समाज में मान-सम्मान और प्रतिष्ठा मिलती है।
- व्यावसायिक उन्नति: व्यापार या नौकरी में सफलता और उन्नति प्राप्त होती है।
- मोक्ष की प्राप्ति: साधक को जीवन के अंत में मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- दुर्भाग्य का नाश: जीवन से दुर्भाग्य और नकारात्मकता का नाश होता है।
- सभी बाधाओं का निवारण: जीवन की सभी बाधाओं और समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
- अनन्त प्रेम और स्नेह: साधक के जीवन में प्रेम और स्नेह का संचार होता है।
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भुक्ति मुक्ति यक्षिणी सामान्य प्रश्न
- भुक्ति मुक्ति यक्षिणी साधना क्या है?
- यह एक तांत्रिक साधना है जिसमें साधक भौतिक सुखों और मोक्ष की प्राप्ति के लिए यक्षिणी की पूजा करता है।
- यह साधना किसके लिए उपयुक्त है?
- यह साधना उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो सांसारिक सुख और आध्यात्मिक उन्नति दोनों प्राप्त करना चाहते हैं।
- क्या साधना के लिए कोई विशेष समय होता है?
- साधना को रात के समय, विशेषकर अमावस्या या पूर्णिमा के दिन, करना श्रेष्ठ माना जाता है।
- साधना के लिए कौन सा मंत्र जाप करना चाहिए?
- भुक्ति मुक्ति यक्षिणी का विशेष मंत्र गुरु से प्राप्त होता है, जो साधना के दौरान जाप किया जाता है।
- क्या इस साधना के लिए गुरु की आवश्यकता है?
- हाँ, इस साधना को सही मार्गदर्शन और सुरक्षित तरीके से करने के लिए गुरु की आवश्यकता होती है।
- साधना के दौरान क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए?
- शुद्धता, नियमबद्धता, और गुरु के निर्देशों का पालन करना आवश्यक है।
- क्या साधना के दौरान व्रत रखना आवश्यक है?
- हाँ, व्रत रखने से साधना का प्रभाव बढ़ता है और साधक की एकाग्रता में वृद्धि होती है।
- साधना के कितने समय बाद फल प्राप्त होता है?
- साधना के फल प्राप्त होने का समय साधक की निष्ठा और साधना की विधि पर निर्भर करता है।
- क्या साधना में कोई विघ्न आ सकता है?
- साधना के दौरान यदि कोई विघ्न आता है तो गुरु की सलाह से उसे दूर किया जा सकता है।
- क्या साधना को बीच में छोड़ा जा सकता है?
- साधना को अधूरा छोड़ना उचित नहीं है; इसे शुरू करने के बाद पूरा करना चाहिए।
- क्या साधना को गोपनीय रखना चाहिए?
- हाँ, साधना को गोपनीय रखना चाहिए और किसी से साझा नहीं करना चाहिए।
- साधना के बाद क्या करना चाहिए?
- साधना के बाद यक्षिणी की आरती और गुरु का आभार व्यक्त करना चाहिए।
- क्या साधना के दौरान संगीत या भजन का प्रयोग किया जा सकता है?
- साधना के दौरान साधक को भक्ति संगीत या भजन सुन सकते हैं ताकि एकाग्रता बनी रहे।
- साधना के दौरान क्या विशेष वस्त्र पहनने चाहिए?
- लाल या सफेद वस्त्र पहनना साधना के लिए शुभ माना जाता है।
- साधना के बाद क्या विशेष आहार लेना चाहिए?
- साधना के बाद साधक को सात्विक आहार का सेवन करना चाहिए।
भुक्ति मुक्ति यक्षिणी साधना एक अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली साधना है। इसे श्रद्धा और निष्ठा के साथ करने से साधक को अद्वितीय लाभ प्राप्त होते हैं।
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