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Guru Chandal dosha nivaran pujan for health wealth

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गुरु चांडाल योग एक ऐसा ज्योतिषीय योग है जो तब बनता है जब गुरु (बृहस्पति) और राहु एक ही राशि में या एक ही घर में स्थित होते हैं। यह योग एक नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है और व्यक्ति के जीवन में समस्याओं और बाधाओं को जन्म दे सकता है। इस योग के प्रभाव को कम करने के लिए गुरु चांडाल योग पूजा का आयोजन किया जाता है। यह पूजा उन नकारात्मक प्रभावों को दूर करने में मदद करती है जो इस योग के कारण उत्पन्न हो सकते हैं।

गुरु चांडाल योग पूजा के लाभ

  1. नकारात्मक प्रभावों से मुक्ति: इस पूजा के माध्यम से गुरु चांडाल योग के कारण उत्पन्न होने वाले नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है।
  2. शांति और संतुलन: पूजा से व्यक्ति के जीवन में शांति और मानसिक संतुलन प्राप्त होता है, जिससे मानसिक तनाव और अशांति दूर होती है।
  3. आध्यात्मिक विकास: इस पूजा से साधक के आध्यात्मिक विकास में सहायता मिलती है और उसका जुड़ाव ईश्वर के साथ और भी गहरा हो जाता है।
  4. राहु के दोषों का निवारण: गुरु चांडाल योग पूजा राहु के दोषों को कम करने में सहायक होती है, जिससे जीवन में आने वाली बाधाओं और समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
  5. सम्पत्ति और समृद्धि: इस पूजा के बाद व्यक्ति के जीवन में सम्पत्ति और समृद्धि का आगमन होता है, जिससे आर्थिक समस्याओं का समाधान होता है।
  6. शुभ फल की प्राप्ति: पूजा के माध्यम से गुरु के शुभ प्रभाव बढ़ते हैं, जिससे जीवन में शुभ फल और सफलता प्राप्त होती है।
  7. शिक्षा में सुधार: गुरु चांडाल योग का प्रभाव शिक्षा और ज्ञान पर पड़ सकता है, लेकिन इस पूजा के माध्यम से शिक्षा में सुधार होता है और व्यक्ति को विद्या प्राप्ति होती है।
  8. शत्रुओं से रक्षा: पूजा के बाद व्यक्ति को शत्रुओं और विरोधियों से बचाव मिलता है और वह अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करता है।
  9. स्वास्थ्य लाभ: गुरु चांडाल योग का स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव हो सकता है, लेकिन पूजा के माध्यम से स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  10. सकारात्मक ऊर्जा: इस पूजा से साधक के चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो उसके जीवन को सकारात्मक दिशा में ले जाती है।
  11. राहु-गुरु के अशुभ योगों से मुक्ति: इस पूजा से राहु और गुरु के अशुभ योगों का प्रभाव कम होता है, जिससे जीवन में आने वाली विपत्तियों से मुक्ति मिलती है।
  12. कठिनाइयों का समाधान: इस पूजा के माध्यम से व्यक्ति के जीवन में आने वाली कठिनाइयों और समस्याओं का समाधान होता है।
  13. वैवाहिक जीवन में शांति: गुरु चांडाल योग पूजा से वैवाहिक जीवन में शांति और सामंजस्य आता है, जिससे दांपत्य जीवन सुखमय बनता है।
  14. संतान प्राप्ति: यह पूजा संतान प्राप्ति में भी सहायक हो सकती है, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो संतान सुख से वंचित हैं।
  15. पारिवारिक सुख: गुरु चांडाल योग पूजा के बाद पारिवारिक जीवन में सुख-शांति और प्रेम का माहौल बना रहता है।
  16. कर्म दोषों का निवारण: इस पूजा के माध्यम से व्यक्ति के जीवन में कर्म दोषों का निवारण होता है, जिससे उसे पूर्व जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है।
  17. धार्मिक उन्नति: गुरु चांडाल योग पूजा से व्यक्ति की धार्मिक उन्नति होती है और उसकी भक्ति और श्रद्धा बढ़ती है।
  18. अवरोधों का निवारण: इस पूजा के माध्यम से व्यक्ति के जीवन में आने वाले सभी प्रकार के अवरोधों और बाधाओं का निवारण होता है।
  19. मंगलकारी परिणाम: पूजा के बाद व्यक्ति के जीवन में मंगलकारी परिणाम देखने को मिलते हैं, जिससे उसका जीवन खुशहाल और समृद्ध होता है।
  20. समृद्ध और सुखी जीवन: गुरु चांडाल योग पूजा के बाद व्यक्ति को समृद्ध और सुखी जीवन प्राप्त होता है, जिससे उसका जीवन आनंदमय बनता है।

गुरु चांडाल योग पूजा के माध्यम से साधक अपने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में आने वाली समस्याओं और चुनौतियों का समाधान प्राप्त कर सकता है। यह पूजा न केवल नकारात्मक प्रभावों को कम करती है, बल्कि साधक को एक सकारात्मक और सुखद जीवन की ओर ले जाती है।

 

गुरु चांडाल योग पूजा से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

1. गुरु चांडाल योग क्या है?

  • गुरु चांडाल योग तब बनता है जब गुरु (बृहस्पति) और राहु एक ही राशि या एक ही घर में होते हैं। इसे एक अशुभ योग माना जाता है जो जीवन में विभिन्न प्रकार की समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।

2. गुरु चांडाल योग के क्या प्रभाव हो सकते हैं?

  • इस योग के प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में मानसिक तनाव, आर्थिक समस्याएं, वैवाहिक जीवन में तनाव, शिक्षा में बाधा, और सामाजिक जीवन में कठिनाइयां आ सकती हैं।

3. गुरु चांडाल योग पूजा क्यों करनी चाहिए?

  • यह पूजा गुरु चांडाल योग के नकारात्मक प्रभावों को कम करने, जीवन में शांति और समृद्धि लाने और शुभ फल प्राप्त करने के लिए की जाती है।

4. गुरु चांडाल योग पूजा कब करनी चाहिए?

  • इस पूजा का आयोजन गुरु पुष्य नक्षत्र, गुरुवार, या किसी शुभ मुहूर्त में किया जा सकता है। यह पूजा शुभ समय पर करने से इसके अधिक लाभ प्राप्त होते हैं।

5. गुरु चांडाल योग पूजा के लिए कौन-कौन सी सामग्रियाँ आवश्यक हैं?

  • पूजा के लिए पीले वस्त्र, पीला फूल, चंदन, अक्षत, गंगाजल, पंचामृत, घी का दीपक, धूप, राहु केतु का यंत्र, और गुरु के बीज मंत्र की माला आवश्यक होती है।

6. क्या इस पूजा के लिए विशेष तैयारी की आवश्यकता होती है?

  • हां, पूजा से पहले साधक को शुद्धता और संयम का पालन करना चाहिए। मानसिक और शारीरिक शुद्धता, साथ ही ध्यान और मंत्र जाप करना चाहिए।

7. गुरु चांडाल योग पूजा कौन कर सकता है?

  • यह पूजा कोई भी व्यक्ति कर सकता है जिसे इस योग का सामना करना पड़ रहा हो। विशेष रूप से, उन लोगों को जो गुरु और राहु के प्रभाव से प्रभावित हो रहे हों।

8. क्या यह पूजा स्वयं की जा सकती है या किसी पुजारी की आवश्यकता होती है?

  • यह पूजा स्वयं भी की जा सकती है, लेकिन किसी योग्य ज्योतिषी या विद्वान पुजारी की सहायता से करना अधिक लाभकारी हो सकता है।

9. गुरु चांडाल योग पूजा के बाद कौन-कौन सी सावधानियाँ बरतनी चाहिए?

  • पूजा के बाद सात्विक आहार का पालन करना चाहिए, नकारात्मक विचारों और गतिविधियों से दूर रहना चाहिए, और नियमित रूप से गुरु मंत्र का जाप करना चाहिए।

10. गुरु चांडाल योग पूजा से कितने समय में लाभ मिलता है?

  • लाभ मिलने का समय व्यक्ति के कर्मों और पूजा की शुद्धता पर निर्भर करता है। कुछ लोगों को तुरंत लाभ मिलता है, जबकि कुछ को समय के साथ लाभ दिखाई देता है।

11. गुरु चांडाल योग का असर कितने समय तक रहता है?

  • यह योग तब तक प्रभावी रहता है जब तक गुरु और राहु एक ही राशि या घर में होते हैं। इस योग का प्रभाव गुरु की दशा और राहु की दशा के दौरान भी विशेष रूप से देखा जा सकता है।

12. क्या इस पूजा के बाद जीवन में कोई सुधार देखने को मिलता है?

  • हां, इस पूजा के बाद जीवन में शांति, समृद्धि, और मानसिक संतुलन प्राप्त होता है। नकारात्मक प्रभाव कम हो जाते हैं और जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं।

13. गुरु चांडाल योग पूजा का क्या महत्व है?

  • यह पूजा गुरु और राहु के अशुभ प्रभावों को शांत करने में सहायक होती है, जिससे व्यक्ति के जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और उसे सफलता और समृद्धि प्राप्त होती है।

14. गुरु चांडाल योग से बचने के उपाय क्या हैं?

  • गुरु चांडाल योग से बचने के लिए नियमित रूप से गुरु मंत्र का जाप करें, गुरुवार के दिन व्रत रखें, पीले वस्त्र धारण करें, और गाय को गुड़ और चना खिलाएं।

15. क्या गुरु चांडाल योग पूजा के लिए विशेष व्रत या उपवास करना चाहिए?

  • पूजा के दिन उपवास करना शुभ माना जाता है। व्रत से पूजा की प्रभावशीलता बढ़ती है और साधक को अधिक लाभ प्राप्त होते हैं।

16. गुरु चांडाल योग से संबंधित कौन से मंत्रों का जाप करना चाहिए?

  • गुरु मंत्र ("ॐ बृं बृहस्पतये नमः") और राहु मंत्र ("ॐ रां राहवे नमः") का जाप करना चाहिए। इन मंत्रों का नियमित जाप गुरु चांडाल योग के प्रभाव को कम करता है।

17. गुरु चांडाल योग का प्रभाव किन-किन क्षेत्रों पर पड़ सकता है?

  • यह योग शिक्षा, करियर, वैवाहिक जीवन, स्वास्थ्य, सामाजिक जीवन, और आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

18. क्या गुरु चांडाल योग का प्रभाव कम करने के अन्य उपाय भी हैं?

  • हां, इस योग के प्रभाव को कम करने के लिए रत्न धारण करना, दान करना, और गुरु तथा राहु के लिए विशेष यज्ञ करना भी सहायक हो सकता है।

19. गुरु चांडाल योग पूजा का परिणाम कब तक देखने को मिलता है?

  • पूजा का सकारात्मक परिणाम धीरे-धीरे व्यक्ति के जीवन में दिखाई देने लगता है, और यह समय के साथ स्थायी हो जाता है।

20. गुरु चांडाल योग पूजा से कौन से विशेष लाभ प्राप्त हो सकते हैं?

  • इस पूजा के माध्यम से व्यक्ति को मानसिक शांति, समृद्धि, शिक्षा में सफलता, वैवाहिक जीवन में सुधार, और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव प्राप्त होते हैं।

 

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