मनुष्य मे चेतना लाने वाले घंटेश्वर भैरव एक महत्वपूर्ण भैरव अवतार हैं जिन्हें घंटा भीरु भी कहा जाता हैं। ये भैरव, देवी के द्वारपाल माने जाते है। और उन्हें घंटा भीरु के रूप में पूजा जाता हैं। घंटेश्वर भैरव की पूजा से भक्तों को समृद्धि, सुरक्षा, और भयमुक्ति की प्राप्ति होती है। घंटा" का मतलब घंटी और "ईश्वर" का मतलब भगवान होता है।
घंटेश्वर भैरव साधना से लाभ
- मनोकामना पूर्ति: इस साधना से साधक की सभी इच्छाएँ पूरी होती हैं।
- शत्रु नाश: साधना करने से शत्रुओं का नाश होता है।
- धन संपत्ति में वृद्धि: साधक को धन और संपत्ति की प्राप्ति होती है।
- स्वास्थ्य में सुधार: रोगों से मुक्ति मिलती है और स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- संतान सुख: जिन दंपत्तियों को संतान नहीं हो रही होती है, उन्हें संतान सुख की प्राप्ति होती है।
- भूत-प्रेत बाधा से मुक्ति: भूत-प्रेत, तांत्रिक बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
- व्यवसाय में उन्नति: व्यवसाय में सफलता और उन्नति मिलती है।
- मानसिक शांति: मानसिक शांति और स्थिरता प्राप्त होती है।
- कार्य सिद्धि: सभी कार्यों में सफलता मिलती है।
- आध्यात्मिक उन्नति: साधक की आध्यात्मिक उन्नति होती है।
- साहस और आत्मविश्वास: साहस और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
- शत्रु भय निवारण: शत्रुओं का भय समाप्त होता है।
- अदृश्य शक्तियों का संरक्षण: साधक को अदृश्य शक्तियों का संरक्षण प्राप्त होता है।
- मन की शांति: मन को शांति और सुकून मिलता है।
- भाग्य वृद्धि: भाग्य में वृद्धि और सुधार होता है।
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घंटेश्वर भैरव साधना - सामान्य प्रश्न
- घंटेश्वर भैरव साधना क्या है? घंटेश्वर भैरव साधना एक तांत्रिक साधना है जिसमें भगवान भैरव की आराधना की जाती है।
- यह साधना कौन कर सकता है? इसे कोई भी व्यक्ति कर सकता है, जो भैरव की कृपा प्राप्त करना चाहता है।
- इस साधना का सही समय क्या है? इस साधना को रात्रि के समय, विशेषकर अमावस्या या पूर्णिमा की रात को करना सबसे प्रभावी माना जाता है।
- इस साधना के लिए कौन से वस्त्र पहनने चाहिए? साधना के समय लाल या काले वस्त्र पहनना उचित होता है।
- इस साधना को करने से पहले क्या तैयारी करनी चाहिए? साधक को शुद्धता का पालन करना चाहिए, स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करना चाहिए, और एकांत स्थान का चयन करना चाहिए।
- क्या इस साधना के लिए किसी विशेष सामग्री की आवश्यकता होती है? हाँ, भैरव की मूर्ति या चित्र, लाल कपड़ा, दीपक, अगरबत्ती, और नैवेद्य (भोग) के साथ घंटेश्वर भैरव साधना सामग्री की आवश्यकता होती है।
- इस साधना को कितने दिनों तक करना चाहिए? साधना को 21 दिनों तक निरंतर करने से श्रेष्ठ फल प्राप्त होते हैं।
- इस साधना को करने का मंत्र क्या है? "ॐ घंटेश्वराय नमः" मंत्र का जाप करना चाहिए।
- क्या इस साधना के दौरान किसी प्रकार की व्रत का पालन करना चाहिए? साधक को मांस, मदिरा आदि का त्याग करना चाहिए और सात्विक भोजन करना चाहिए।
- साधना करते समय मन को कैसे एकाग्र रखें? मन को एकाग्र रखने के लिए भैरव के चित्र या मूर्ति पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
- इस साधना के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? साधना के समय में किसी प्रकार की नकारात्मक सोच और क्रोध से बचना चाहिए।
- क्या इस साधना के लिए किसी गुरु की आवश्यकता है? अगर आप इस साधना को सही तरीके से करना चाहते हैं तो गुरु का मार्गदर्शन लेना बेहतर होता है।
- क्या इस साधना को घर पर किया जा सकता है? हाँ, इस साधना को घर पर भी किया जा सकता है, यदि वहां शांत और पवित्र वातावरण हो।
- साधना समाप्ति के बाद क्या करना चाहिए? साधना समाप्त होने पर भैरव को धन्यवाद दें और नैवेद्य (भोग) को प्रसाद के रूप में ग्रहण करें।
- इस साधना का प्रभाव कितने समय में दिखाई देता है? साधक की श्रद्धा और निष्ठा के अनुसार इसका प्रभाव कुछ ही दिनों में दिखाई देने लगता है।
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