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Ghata Dosha Puja - Balance, Peace, and Prosperity Ritual

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घात दोष निवारण पूजा: शनि-मंगल के अशुभ प्रभावों से मुक्ति का उपाय

घात दोष निवारण पूजा से शनि और मंगल के घातक प्रभावों का समाधान होता है। यह पूजा कुंडली के दोषों को शांत कर जीवन में सुख, शांति और सफलता लाती है। ज्योतिष के अनुसार, शनि और मंगल की युति जीवन में बाधाएं और मानसिक अशांति उत्पन्न कर सकती है।

कुंडली के 12 भावों में घात दोष का प्रभाव

1. प्रथम भाव में घात दोष का प्रभाव

प्रथम भाव में शनि और मंगल की युति से व्यक्ति के आत्मविश्वास में कमी आती है। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

2. द्वितीय भाव में घात दोष का प्रभाव

दूसरे भाव में यह दोष परिवार और धन पर असर डालता है। वाणी में कठोरता आ सकती है, और आर्थिक समस्याएं हो सकती हैं।

3. तृतीय भाव में घात दोष का प्रभाव

यहां यह दोष साहस और भाइयों के साथ संबंधों को प्रभावित करता है। व्यक्ति को कार्यों में विफलता का सामना करना पड़ सकता है।

4. चतुर्थ भाव में घात दोष का प्रभाव

चतुर्थ भाव में दोष माता और घर से संबंधित समस्याएं उत्पन्न करता है। मानसिक अशांति और भूमि संबंधी विवाद हो सकते हैं।

5. पंचम भाव में घात दोष का प्रभाव

पंचम भाव में यह दोष संतान सुख और प्रेम संबंधों को प्रभावित करता है। शिक्षा में रुकावटें आ सकती हैं।

6. षष्ठ भाव में घात दोष का प्रभाव

षष्ठ भाव में शनि+मंगल की युति रोग, शत्रु और ऋण की समस्याएं बढ़ाती है। व्यक्ति पर कोर्ट-कचहरी के मामले चल सकते हैं।

7. सप्तम भाव में घात दोष का प्रभाव

सप्तम भाव में यह दोष वैवाहिक जीवन में अशांति और साझेदारी में असफलता लाता है। संबंध टूटने की संभावना बढ़ती है।

8. अष्टम भाव में घात दोष का प्रभाव

अष्टम भाव में दोष लंबी आयु, मानसिक शांति और आध्यात्मिकता में बाधा डालता है। दुर्घटनाओं का भय बना रहता है।

9. नवम भाव में घात दोष का प्रभाव

यहां यह दोष भाग्य, धर्म और गुरु से जुड़े मामलों को प्रभावित करता है। यात्रा में बाधाएं और असफलता संभव है।

10. दशम भाव में घात दोष का प्रभाव

दशम भाव में यह दोष करियर, मान-सम्मान और प्रतिष्ठा में बाधा उत्पन्न करता है। नौकरी और व्यापार में असफलता हो सकती है।

11. एकादश भाव में घात दोष का प्रभाव

एकादश भाव में दोष आय और दोस्तों के साथ संबंधों को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। इच्छाएं पूरी होने में देरी होती है।

12. द्वादश भाव में घात दोष का प्रभाव

द्वादश भाव में यह दोष खर्च, विदेश यात्रा और आध्यात्मिकता पर असर डालता है। धन हानि और मानसिक तनाव बढ़ सकता है।

घात दोष निवारण पूजा के प्रमुख लाभ

1. शनि और मंगल के अशुभ प्रभावों का समाधान

यह पूजा शनि और मंगल के कारण उत्पन्न अशुभ प्रभावों को शांत कर जीवन में शांति लाती है।

2. करियर में प्रगति

घात दोष निवारण पूजा करियर में आने वाली बाधाओं को दूर कर उन्नति के नए रास्ते खोलती है।

3. धन और समृद्धि में वृद्धि

पूजा से आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं, और धन वृद्धि व समृद्धि का अनुभव होता है।

4. मानसिक शांति का अनुभव

इस पूजा से मानसिक तनाव कम होता है, जिससे मन शांत और स्थिर रहता है।

5. वैवाहिक जीवन में सामंजस्य

घात दोष के कारण वैवाहिक जीवन में उत्पन्न समस्याओं का समाधान होता है, और दांपत्य जीवन सुखमय बनता है।

6. संतान सुख की प्राप्ति

यह पूजा संतान से जुड़ी बाधाओं को दूर कर संतान सुख प्रदान करती है।

7. परिवारिक कलह से मुक्ति

घात दोष निवारण पूजा परिवार में सामंजस्य और शांति बनाए रखने में सहायक होती है।

8. स्वास्थ्य में सुधार

शनि और मंगल के प्रभाव से उत्पन्न स्वास्थ्य समस्याएं कम होती हैं और शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य सुधरता है।

9. दुर्घटनाओं और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा

यह पूजा दुर्घटनाओं और नकारात्मक ऊर्जाओं से रक्षा करती है।

10. आध्यात्मिक उन्नति

पूजा व्यक्ति के भीतर सकारात्मकता और आध्यात्मिक उन्नति के लिए प्रेरणा प्रदान करती है।

11. शत्रुओं पर विजय

यह पूजा शत्रुओं और विरोधियों से बचाव कर जीवन में सुरक्षा का एहसास कराती है।

12. भाग्य का उदय

घात दोष निवारण पूजा से भाग्य का उदय होता है और रुके हुए कार्य सफलतापूर्वक पूरे होते हैं।

घात दोष निवारण पूजा से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर

1. घात दोष क्या होता है?

घात दोष शनि और मंगल की युति से उत्पन्न होता है, जो जीवन में बाधाएं और समस्याएं लाता है।

2. घात दोष निवारण पूजा क्यों करनी चाहिए?

इस पूजा से शनि और मंगल के अशुभ प्रभाव शांत होते हैं और जीवन में शांति व समृद्धि आती है।

3. घात दोष किन लोगों की कुंडली में पाया जाता है?

जिनकी कुंडली में शनि और मंगल एक साथ या विपरीत दृष्टि में होते हैं, उनमें यह दोष पाया जाता है।

4. घात दोष निवारण पूजा कैसे की जाती है?

विशेष ज्योतिषीय नियमों और मंत्रों के साथ शनि और मंगल की शांति के लिए यह पूजा की जाती है।

5. क्या यह पूजा घर पर कर सकते हैं?

हां, विशेषज्ञ ज्योतिषी के मार्गदर्शन में इसे घर पर भी किया जा सकता है।

6. घात दोष निवारण पूजा में क्या सामग्री चाहिए?

पूजा के लिए शनि और मंगल से संबंधित सामग्री जैसे तिल का तेल, लौंग, और नारियल की आवश्यकता होती है।

7. घात दोष निवारण पूजा करने का शुभ समय क्या है?

शनिवार और मंगलवार को यह पूजा करना सबसे शुभ माना जाता है।

8. क्या घात दोष से जीवन में असफलता आती है?

हां, यह दोष करियर, संबंधों और स्वास्थ्य में नकारात्मक प्रभाव डालता है।

9. क्या इस पूजा के बाद दोष पूरी तरह समाप्त हो जाता है?

पूजा के प्रभाव से दोष शांत होता है और इसके अशुभ प्रभाव समाप्त होते हैं।

10. क्या इस पूजा से आर्थिक स्थिति सुधर सकती है?

हां, यह पूजा धन और समृद्धि में बाधा को दूर कर आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाती है।

हमारे विद्वान पंडित इस घात दोष निवारण पूजा को वैदिक व तांत्रोक्त पद्धति से संपन्न करवाते है। इस पूजा मे आप आकर या ऑनलाईन भी भाग ले सकते है। यह पूजा हमारे "१० महाविद्या पीठ" आश्रम मे संपन्न करवाई जाती है। पूजन समाप्त होने के बाद पूजा सामग्री आपके एड्रेस पर भेजी जाती है।

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