Lambkarna Bhairav Sadhana For Protection

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लम्बकर्ण भैरव साधना एक शक्तिशाली साधना है जो भगवान भैरव के इस विशेष रूप को प्राप्त करने के लिए की जाती है। इस साधना का मुख्य उद्देश्य व्यक्ति को भैरव की कृपा, सुरक्षा, और सफलता प्राप्त करने में मदद करना होता है। …

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Description

लम्बकर्ण भैरव साधना एक शक्तिशाली साधना है जो भगवान भैरव के इस विशेष रूप को प्राप्त करने के लिए की जाती है। इस साधना का मुख्य उद्देश्य व्यक्ति को भैरव की कृपा, सुरक्षा, और सफलता प्राप्त करने में मदद करना होता है। लम्बकर्ण भैरव साधना साधक को शत्रु बाधाओं, नकारात्मक ऊर्जा, और अदृश्य शक्तियों से मुक्ति दिलाने के लिए की जाती है। इसके अलावा, यह साधना साधक को आध्यात्मिक उन्नति, सुरक्षा, और मानसिक शांति प्रदान करती है।

लम्बकर्ण भैरव साधना के लाभ

  1. शत्रु बाधा से मुक्ति: लम्बकर्ण भैरव साधना करने से साधक को शत्रु बाधाओं से मुक्ति मिलती है। यह साधना शत्रुओं के नकारात्मक प्रभावों को समाप्त करती है।
  2. अदृश्य शक्तियों का निवारण: यह साधना साधक को अदृश्य शक्तियों, तांत्रिक बाधाओं, और नकारात्मक ऊर्जा से बचाती है और उसे सुरक्षा प्रदान करती है।
  3. धन और समृद्धि: लम्बकर्ण भैरव साधना से साधक के जीवन में धन और समृद्धि का संचार होता है। यह साधना आर्थिक समृद्धि और स्थिरता प्रदान करती है।
  4. स्वास्थ्य और रोगमुक्ति: इस साधना के द्वारा साधक के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है और वह रोगों से मुक्ति पाता है।
  5. साहस और आत्मविश्वास में वृद्धि: लम्बकर्ण भैरव साधना से साधक के साहस और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है, जिससे वह जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए सक्षम होता है।
  6. परिवारिक सुख और शांति: इस साधना के प्रभाव से साधक के परिवार में सुख, शांति और सामंजस्य बना रहता है।
  7. आध्यात्मिक उन्नति: साधना के द्वारा साधक की आध्यात्मिक यात्रा में उन्नति होती है, जिससे उसे आत्मज्ञान और मोक्ष की प्राप्ति में मदद मिलती है।
  8. कर्म बाधाओं का नाश: लम्बकर्ण भैरव साधना से साधक के जीवन की कर्म बाधाओं का निवारण होता है, जिससे उसे शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
  9. भय और चिंता से मुक्ति: इस साधना के द्वारा साधक के मन से सभी प्रकार के भय और चिंता का नाश होता है, जिससे वह निर्भीक और शांतचित्त रहता है।
  10. तंत्र साधनाओं में सफलता: लम्बकर्ण भैरव साधना साधक को तंत्र साधनाओं में सफलता प्राप्त करने में सहायक होती है।
  11. संतान सुख: इस साधना के द्वारा साधक को संतान सुख की प्राप्ति होती है और संतानों का जीवन सुरक्षित और सुखी रहता है।
  12. विघ्न बाधाओं का निवारण: यह साधना साधक के जीवन में आने वाली सभी प्रकार की विघ्न बाधाओं को दूर करती है और उसे सफलता की ओर अग्रसर करती है।
  13. रोगों से मुक्ति: लम्बकर्ण भैरव साधना साधक को विभिन्न रोगों से मुक्ति दिलाती है और उसे उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करती है।
  14. धार्मिक उन्नति: साधना के प्रभाव से साधक के धर्म के प्रति विश्वास और निष्ठा बढ़ती है, जिससे उसकी धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति होती है।
  15. कष्टों का निवारण: लम्बकर्ण भैरव साधना साधक के जीवन के सभी प्रकार के कष्टों का नाश करती है और उसे सुख-समृद्धि की ओर अग्रसर करती है।

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लम्बकर्ण भैरव साधना से संबंधित

  1. लम्बकर्ण भैरव कौन हैं? लम्बकर्ण भैरव भगवान शिव का एक रौद्र रूप हैं, जिनके कान लंबे होते हैं। वे तंत्र साधनाओं में विशेष महत्व रखते हैं और नकारात्मक शक्तियों का नाश करते हैं।
  2. लम्बकर्ण भैरव साधना का मुख्य उद्देश्य क्या है? इस साधना का मुख्य उद्देश्य शत्रु बाधाओं, अदृश्य शक्तियों, और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति पाना और साधक की आध्यात्मिक उन्नति करना है।
  3. क्या साधना के लिए गुरु का मार्गदर्शन आवश्यक है? हां, लम्बकर्ण भैरव साधना जैसी तांत्रिक साधनाओं को सुरक्षित और सफलतापूर्वक करने के लिए गुरु का मार्गदर्शन आवश्यक होता है।
  4. साधना कितने दिनों तक करनी चाहिए? साधना की अवधि साधक की क्षमता और आवश्यकताओं पर निर्भर करती है, सामान्यतः 21, 41, या 108 दिनों तक की जाती है।
  5. क्या साधना के दौरान उपवास रखना आवश्यक है? साधना के दौरान उपवास या व्रत रखने से साधना की प्रभावशीलता बढ़ती है।
  6. क्या महिलाएं भी यह साधना कर सकती हैं? हां, महिलाएं भी इस साधना को गुरु के मार्गदर्शन में कर सकती हैं, लेकिन उन्हें विशेष सावधानियों का पालन करना चाहिए।
  7. क्या साधना के लिए किसी विशेष दिशा का चयन करना चाहिए? साधना के लिए उत्तर या पूर्व दिशा में मुख करके बैठना श्रेष्ठ माना जाता है।
  8. लम्बकर्ण भैरव साधना के दौरान किसी विशेष पूजा सामग्री की आवश्यकता होती है? साधना के लिए कुशासन, तांबे का लोटा, रुद्राक्ष की माला, और भैरव की मूर्ति या चित्र आवश्यक होते हैं।
  9. साधना में असफलता के क्या कारण हो सकते हैं? साधना में असफलता का कारण साधना के नियमों का पालन न करना, गुरु का मार्गदर्शन न होना, या एकाग्रता की कमी हो सकते हैं।
  10. साधना के समय कौन सा मंत्र जप करना चाहिए? साधक को गुरु द्वारा दिए गए लम्बकर्ण भैरव मंत्र का जप करना चाहिए।
  11. लम्बकर्ण भैरव साधना के सफल होने पर क्या अनुभव होता है? साधना के सफल होने पर साधक को विशेष आत्मविश्वास, सुरक्षा, और आंतरिक शांति का अनुभव होता है। साधक को तंत्र साधनाओं में सिद्धि प्राप्त होती है।
  12. साधना के बाद क्या करना चाहिए? साधना के समापन पर लम्बकर्ण भैरव की विशेष पूजा-अर्चना और हवन करना चाहिए।
  13. क्या साधना के लिए विशेष वस्त्र पहनना आवश्यक है? साधना के दौरान सफेद या लाल वस्त्र पहनने का महत्व है। काले या गहरे रंग के वस्त्र पहनने से बचना चाहिए।
  14. लम्बकर्ण भैरव साधना के दौरान विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक है? हां, साधना के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन, शुद्धता, और साधना के समय अनुशासन का पालन आवश्यक है।
  15. क्या साधना के दौरान मानसिक शांति की आवश्यकता होती है? हां, साधना के दौरान मन की शांति और एकाग्रता अत्यंत आवश्यक होती है।

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