भरपूर यौवन व पौरुष शक्ति प्रदान करने वाली रति-प्रिया अप्सरा साधना एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें ब्यक्ति संकल्प शक्ति के दम पर अलौकिक कार्य करने मे सफलता प्राप्त करता है। आकर्षण शक्ति के साथ उसकी बातचीत मे प्रभाव आना शुरु हो जाता है। इस साधना के माध्यम से लोग प्रेम या संबंधों में समस्याओं का समाधान, प्रेम और स्नेह में वृद्धि, संबंधों में समरसता, आकर्षण बढ़ाने, आकर्षण को मजबूत करने, और दूसरों के विचारों और क्रियाओं को सकारात्मक दिशा में प्रेरित करने का प्रयास करते हैं।
रति-प्रिया अप्सरा साधना के लाभ
- प्रेम और आकर्षण: साधक का प्रेम और आकर्षण बढ़ता है।
- सौंदर्य और यौवन: साधक का सौंदर्य और यौवन बना रहता है।
- रिश्तों में सुधार: प्रेम और विवाह संबंधी समस्याओं का समाधान मिलता है।
- धन और समृद्धि: धन और भौतिक समृद्धि प्राप्त होती है।
- सफलता: जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता मिलती है।
- आत्मविश्वास: साधक का आत्मविश्वास बढ़ता है।
- सौभाग्य: जीवन में सौभाग्य और सकारात्मक ऊर्जा आती है।
- स्वास्थ्य: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- आध्यात्मिक उन्नति: आध्यात्मिक उन्नति और शांति प्राप्त होती है।
- संतान प्राप्ति: संतान सुख की प्राप्ति होती है।
- विवाह योग: विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।
- कलात्मक गुण: साधक के कलात्मक गुणों में वृद्धि होती है।
- आकर्षण शक्ति: साधक की आकर्षण शक्ति बढ़ती है।
- विपरीत लिंगी का आकर्षण: विपरीत लिंगी का आकर्षण बढ़ता है।
- व्यापार में लाभ: व्यापार और व्यवसाय में सफलता मिलती है।
रति-प्रिया वशीकरण साधना मुहूर्त
- दिन: शुक्रवार, पूर्णिमा, गुरु पुष्य नक्षत्र
- समय: रात 9 बजे के बाद
- साधना स्थल: पूजा स्थल, कोई शांतिपूर्ण कमरा
- साधना अवधि: 11 दिन, 21 दिन
- साधना मंत्र: प्रतिदिन 11/21 माला
- दिशा: पश्चिम
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रति-प्रिया अप्सरा साधना के पृश्न उत्तर
- रति-प्रिया अप्सरा साधना क्या है?
- यह एक तांत्रिक साधना है जिसमें रति-प्रिया अप्सरा की उपासना की जाती है।
- इस साधना को कौन कर सकता है?
- कोई भी व्यक्ति जो तांत्रिक साधनाओं में रुचि रखता है और सही मार्गदर्शन प्राप्त कर रहा है, वह इसे कर सकता है।
- इस साधना के लिए क्या आवश्यक है?
- उचित तंत्र-मंत्र, साधना की विधि, और एक अनुभवी गुरु का मार्गदर्शन आवश्यक है।
- साधना के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
- रति-प्रिया अप्सरा साधना के दौरान शुद्धता, नियमों का पालन, और एकाग्रता अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
- साधना में कितनी अवधि लगती है?
- यह साधक की श्रद्धा, समर्पण, और साधना की विधि पर निर्भर करता है। साधारणतः यह साधना कुछ दिनों से लेकर कुछ महीनों तक चल सकती है।
- क्या इस साधना में कोई खतरा है?
- यदि इसे सही विधि और गुरु के मार्गदर्शन में किया जाए तो कोई खतरा नहीं है। लेकिन गलत तरीके से करने पर विपरीत प्रभाव हो सकते हैं।
- रति-प्रिया अप्सरा साधना के लिए कौन सा समय सबसे उत्तम है?
- रात्रि का समय विशेष रूप से उत्तम माना जाता है, खासकर पूर्णिमा या अमावस्या की रात्रि।
- इस साधना के लिए कौन सी सामग्री की आवश्यकता होती है?
- सामान्यतः विशेष प्रकार के पुष्प, धूप, दीपक, यंत्र, मंत्र, और अन्य तांत्रिक सामग्री की आवश्यकता होती है।
- इस रति-प्रिया अप्सरा साधना से क्या सच में लाभ होता है?
- हाँ, यदि साधना सही विधि और श्रद्धा से की जाए तो इसके लाभ प्राप्त होते हैं।
- क्या यह साधना सभी के लिए सुरक्षित है?
- हाँ, सही विधि और गुरु के मार्गदर्शन में यह रति-प्रिया अप्सरा साधना सुरक्षित है।
- साधना के दौरान क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
- साधना के दौरान शुद्धता, नियमों का पालन, और एकाग्रता अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
- साधना के परिणाम कब तक मिलते हैं?
- यह साधक की श्रद्धा और साधना की विधि पर निर्भर करता है। परिणाम समय के साथ मिलते हैं।
- क्या इस साधना को घर पर किया जा सकता है?
- हाँ, इसे घर पर भी किया जा सकता है, लेकिन एकांत और शुद्ध वातावरण का ध्यान रखना चाहिए।
- क्या साधना के लिए किसी विशेष दीक्षा की आवश्यकता होती है?
- हाँ, रति-प्रिया अप्सरा साधना शुरू करने से पहले एक योग्य गुरु से दीक्षा लेना आवश्यक है।
- इस साधना का आध्यात्मिक महत्व क्या है?
- यह साधना साधक को आध्यात्मिक उन्नति, आंतरिक शांति, और उच्चतर चेतना की प्राप्ति में मदद करती है।
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