सुर-सुंदरी योगिनी 64 योगिनियों में से एक हैं, जो अपनी अलौकिक सुंदरता और शक्तियों के लिए जानी जाती हैं। इनकी साधना अत्यंत कठिन मानी जाती है, लेकिन यदि सफल हो जाए तो साधक को अपार धन-दौलत, ऐश्वर्य, सौंदर्य, मोहक वशीकरण शक्ति और मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं।
सुर-सुंदरी योगिनी साधना के लाभ
- आध्यात्मिक जागरण: साधक को आध्यात्मिक उन्नति और जागरण प्राप्त होता है।
- अतुलनीय सुंदरता: आंतरिक और बाह्य सुंदरता में वृद्धि होती है।
- वाक् सिद्धि: वाणी में प्रभावशीलता और मधुरता आती है।
- ध्यान में गहराई: ध्यान करने की क्षमता में गहराई और स्थिरता प्राप्त होती है।
- साहस और आत्मविश्वास: साहस और आत्मविश्वास की वृद्धि होती है।
- सौभाग्य और समृद्धि: जीवन में सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
- मानसिक शांति: मानसिक शांति और संतुलन प्राप्त होता है।
- आकर्षण शक्ति: व्यक्तित्व में आकर्षण शक्ति की वृद्धि होती है।
- स्वास्थ्य में सुधार: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- रोगों से मुक्ति: विभिन्न प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है।
- सकारात्मक ऊर्जा: जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- समाज में मान-सम्मान: समाज में मान-सम्मान और प्रतिष्ठा बढ़ती है।
- प्रेम और सौहार्द्र: प्रेम संबंधों में सुधार और सौहार्द्र की प्राप्ति होती है।
- प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा: प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा मिलती है।
- जीवन में संतुलन: जीवन के सभी पहलुओं में संतुलन और सामंजस्य प्राप्त होता है।
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सुर-सुंदरी योगिनी साधना से जुड़े सामान्य प्रश्न
- सुर-सुंदरी योगिनी साधना क्या है?
- यह एक तांत्रिक साधना है जिसमें सुर-सुंदरी योगिनी की आराधना की जाती है, जो सुंदरता, सौभाग्य और आध्यात्मिक उन्नति की देवी हैं।
- सुर-सुंदरी योगिनी कौन हैं?
- सुर-सुंदरी योगिनी एक देवी हैं जो सुंदरता, आकर्षण और आध्यात्मिक उन्नति की प्रतीक मानी जाती हैं।
- साधना के लिए कौन सा मंत्र प्रयोग होता है?
- सुर-सुंदरी योगिनी मंत्र जैसे "ॐ ह्रीं श्रीं सुरसुंदरीये नमः" का जाप किया जाता है।
- सुर-सुंदरी योगिनी साधना कब और कैसे की जाती है?
- किसी शुभ मुहूर्त, विशेषकर पूर्णिमा और अमावस्या की रात्रि में साधना की जाती है।
- साधना के दौरान कौन से आसन का प्रयोग करें?
- पद्मासन, सिद्धासन, या किसी भी आरामदायक ध्यान आसन का प्रयोग करें।
- साधना के लिए कौन सी दिशा उत्तम होती है?
- उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके साधना करना उत्तम माना जाता है।
- क्या साधना में किसी विशेष पूजा सामग्री की आवश्यकता होती है?
- हाँ, जैसे कि चंदन, कुंकुम, धूप, दीप, फूल, और नैवेद्य।
- क्या सुर-सुंदरी योगिनी साधना हर कोई कर सकता है?
- हाँ, लेकिन इसे करने के लिए गुरु का मार्गदर्शन और स्वच्छता आवश्यक है।
- साधना का प्रभाव कब से दिखाई देता है?
- यह साधक की श्रद्धा, विश्वास, और निरंतरता पर निर्भर करता है।
- साधना के दौरान कितने मंत्र जाप करना चाहिए?
- प्रारंभ में 108 बार, फिर 1008 बार या अधिक जाप करना चाहिए।
- साधना के बाद क्या करना चाहिए?
- सुर-सुंदरी योगिनी साधना के बाद प्रसाद वितरण करें और अपने अनुभव को गुरु से साझा करें।
- साधना में ध्यान कैसे करें?
- सुर-सुंदरी योगिनी की मूर्ति या चित्र के सामने ध्यान करें और उनके रूप, गुण, और कृपा का ध्यान करें।
- क्या सुर-सुंदरी योगिनी साधना में विशेष आहार का पालन करना चाहिए?
- हाँ, साधना के दौरान सात्विक आहार का पालन करना चाहिए।
- साधना के लिए क्या कोई विशेष तैयारी की आवश्यकता होती है?
- हाँ, साधना से पहले स्वच्छता और मन की शुद्धि आवश्यक है।
- क्या सुर-सुंदरी योगिनी साधना से हर प्रकार की समस्याओं का समाधान हो सकता है?
- हाँ, सुर-सुंदरी योगिनी साधना से जीवन की कई समस्याओं का समाधान प्राप्त हो सकता है, लेकिन यह साधक की श्रद्धा और विश्वास पर निर्भर करता है।
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