Description
तिलोत्मा साधना से जीवन मे आनंद पूर्वक जीने की कला आती है। उम्र का प्रभाव शरीर पर कम होता है। चमक, आत्मविश्वास व उत्साह जीवन भर बना रहता है. आकर्षण शक्ति बढती है। प्रभावित करने की क्षमता बढती है।
तिलोत्मा भी एक प्रमुख अप्सरा है उन्हें भगवान् विष्णु के द्वारपाल ब्रह्मा की बनी हुई मनोहारिणी अप्सरा माना जाता है। तिलोत्मा साधना करके आप अपनी आत्मा के उद्दीपन, संतुलन, और साधारण जीवन में समृद्धि को प्राप्त कर सकते हैं।
तिलोत्मा साधना के अन्य लाभ भी हो सकते हैं, जैसे कि आपकी आत्मा के साथ साक्षात्कार, आत्म-समर्पण, और आत्म-स्थिति में स्थिरता का अनुभव हो सकता है। इस साधना के माध्यम से आप अपने आत्म-समर्पण को मजबूत कर सकते हैं और अपने जीवन में समृद्धि और समानता की भावना विकसित कर सकते हैं। यह साधना आपको अपने जीवन की समस्याओं को समझने में मदद कर सकती है और आपको एक उदार और सकारात्मक दृष्टिकोण देने में सक्षम बना सकती है।
- आत्म-विकास: तिलोत्मा साधना आपके आत्म-विकास को प्रोत्साहित कर सकती है और आपको आत्म-प्रेम और आत्म-सम्मान की ओर ले जाती है।
- संतुलन: इस साधना के माध्यम से आप अपने जीवन में संतुलन और समर्पण की भावना विकसित कर सकते हैं।
- समृद्धि: तिलोत्मा साधना आपके जीवन में समृद्धि और समानता की भावना को बढ़ावा देने में मदद करती है।
- आत्म-समर्पण: यह साधना आपको आत्म-समर्पण की भावना विकसित कर सकती है और आपको समर्पित जीवन जीने में मदद करती है।
- चारित्र विकास: इस साधना के माध्यम से आप अपने चारित्र को विकसित कर सकते हैं और एक उदार और सजीव जीवन जी सकते हैं।
- ध्यान: यह साधना आपकी ध्यान शक्ति को विकसित कर सकती है और आपको आत्म-समर्पण के साथ जीने में मदद कर सकती है।
- आत्म-संतुष्टि: इस साधना के माध्यम से आप अपनी आत्म-संतुष्टि को बढ़ाते हैं और जीवन को एक समृद्ध और खुशहाल दृष्टिकोण से देखते हैं।
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