Punarvasu nakshatra nature

पुनर्वसु नक्षत्र वाले ब्यक्ति का स्वभाव, नक्षत्र स्वामी, लाभ व मंत्र

पुनर्वसु नक्षत्र के जातकों का स्वभाव मधुर और सजीव होता है। ये लोग सामाजिक और परिवारिक संबंधों में मजबूती को महत्व देते हैं और वे अपने प्रेम और सम्बंधों में समर्पित रहते हैं। उन्हें दूसरों की भावनाओं की समझ होती है और वे अपने व्यवहार में सजीवता और सहानुभूति दिखाते हैं।

पुनर्वसु नक्षत्र का स्वामी गुरु बृहस्पति (Jupiter) होता है। गुरु के गुण जैसे की ज्ञान, समझ, और उदारता इन जातकों को प्राप्त होते हैं। अगर कुंडली मे गुरु कमजोर हो तो पूजा पाठ या अध्यात्म मे मन नही लगता।

पुनर्वसु नक्षत्र के जातकों का लाभ है कि वे अपने जीवन में स्थिरता और समृद्धि की प्राप्ति के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। उन्हें अच्छे संबंध बनाने की क्षमता होती है और वे अपने काम में सफलता प्राप्त करने में सक्षम होते हैं।

पुनर्वसु नक्षत्र का मंत्र है “ॐ ब्रं गुरवे नमः” “OM BRAMM GURUVE NAMAHA”। इस मंत्र का जाप करने से पुनर्वसु नक्षत्र के शुभ गुणों का अनुभव होता है और व्यक्ति को उसके जीवन में स्थिरता और समृद्धि की प्राप्ति में सहायता मिलती है।

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