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Rudra gayatri mantra for wealth & peace

Rudra gayatri mantra भगवान शिव की आराधना का एक प्रमुख मंत्र है। इसे रुद्र गायत्री या शिव गायत्री मंत्र के नाम से जाना जाता है। यह मंत्र भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने और जीवन में शांति और समृद्धि लाने के लिए जाप किया जाता है। इस मंत्र में भगवान शिव के रुद्र रूप की स्तुति की जाती है।

मंत्र

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि।
तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
OM TATPURUSHAAY VIDYAMAHE MAHAADEVAAY DHEEMAHI TANNO RUDRAH PRACHODAYAAT.

लाभ

  1. शांति और मानसिक स्थिरता: इस मंत्र का जाप मानसिक शांति और स्थिरता प्राप्त करने में सहायक होता है।
  2. धन की प्राप्ति: इसे नियमित जाप करने से आर्थिक समृद्धि और धन की प्राप्ति होती है।
  3. स्वास्थ्य में सुधार: रुद्र गायत्री मंत्र का जाप शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करता है।
  4. नकारात्मक ऊर्जा से बचाव: इस मंत्र का जाप नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों से बचाव करता है।
  5. आध्यात्मिक उन्नति: यह मंत्र आध्यात्मिक उन्नति और आत्मज्ञान की प्राप्ति में सहायक होता है।
  6. शत्रुओं से रक्षा: रुद्र गायत्री मंत्र का जाप शत्रुओं से रक्षा करता है।
  7. कर्म सुधार: इस मंत्र का जाप हमारे कर्मों को सुधारने और जीवन को सकारात्मक दिशा देने में मदद करता है।
  8. सकारात्मकता का संचार: रुद्र गायत्री मंत्र का जाप सकारात्मकता और आत्मविश्वास को बढ़ाता है।
  9. अज्ञानता का नाश: यह मंत्र अज्ञानता और अंधकार का नाश करता है।
  10. कष्टों से मुक्ति: रुद्र गायत्री मंत्र का जाप सभी प्रकार के कष्टों और दुखों से मुक्ति दिलाता है।
  11. आयु वृद्धि: यह मंत्र आयु वृद्धि और दीर्घायु का वरदान देता है।
  12. विवाह में बाधा निवारण: इस मंत्र का जाप विवाह में आने वाली बाधाओं को दूर करता है।
  13. संतान प्राप्ति: रुद्र गायत्री मंत्र का जाप संतान सुख की प्राप्ति में सहायक होता है।
  14. स्वाभाविक आकर्षण: इस मंत्र का जाप स्वाभाविक आकर्षण और आकर्षक व्यक्तित्व प्रदान करता है।
  15. न्याय और सत्य: रुद्र गायत्री मंत्र का जाप न्याय और सत्य के मार्ग पर चलने में मदद करता है।
  16. भाग्यवृद्धि: यह मंत्र भाग्यवृद्धि और शुभ कार्यों की प्राप्ति में सहायक होता है।
  17. मुक्ति: रुद्र गायत्री मंत्र का जाप अंततः मोक्ष या मुक्ति की प्राप्ति में सहायक होता है।

रुद्र गायत्री मंत्र के जाप की विधि

  1. शुद्धता और स्वच्छता: मंत्र जाप से पहले शारीरिक और मानसिक शुद्धता आवश्यक है।
  2. स्नान: स्नान करके शुद्ध वस्त्र पहनें और पूजा स्थल पर जाएं।
  3. पूजा स्थल: एक शांत और स्वच्छ स्थान पर पूजा स्थल तैयार करें।
  4. आसन: एक आरामदायक आसन पर बैठें और अपनी पीठ को सीधा रखें।
  5. ध्यान: अपनी आँखें बंद करें और भगवान शिव के रुद्र रूप का ध्यान करें।
  6. मंत्र जाप: मंत्र का उच्चारण शुद्ध और स्पष्ट रूप से करें।
  7. माल का उपयोग: रुद्राक्ष माला का उपयोग करते हुए मंत्र का जाप करें।
  8. संकल्प: जाप शुरू करने से पहले संकल्प लें कि आप किस उद्देश्य के लिए मंत्र जाप कर रहे हैं।
  9. नियमितता: नियमित रूप से इस मंत्र का जाप करें।
  10. शांत मन: मन को शांत और स्थिर रखें और पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ मंत्र का जाप करें।

Kamakhya sadhana shivir

सावधानियाँ

  1. शुद्धता का पालन: मंत्र जाप के दौरान शुद्धता का विशेष ध्यान रखें।
  2. सही उच्चारण: मंत्र का उच्चारण सही और स्पष्ट हो, ताकि उसका पूरा प्रभाव प्राप्त हो सके।
  3. सही समय: सुबह और शाम के समय मंत्र जाप करना अधिक फलदायी होता है।
  4. ध्यान की विधि: ध्यान के समय किसी भी प्रकार की विक्षेपित विचारों से दूर रहें।
  5. शांति का माहौल: मंत्र जाप के समय शांति का माहौल बनाए रखें और किसी भी प्रकार के शोर-शराबे से दूर रहें।
  6. भक्ति और श्रद्धा: मंत्र जाप पूरी भक्ति और श्रद्धा के साथ करें।
  7. आसन का चयन: ऐसे आसन का चयन करें जिसमें आप लंबे समय तक आराम से बैठ सकें।
  8. दिशा का ध्यान: मंत्र जाप के समय पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें।
  9. नियमितता: मंत्र जाप में नियमितता बनाए रखें, बीच-बीच में अंतराल न डालें।
  10. व्रत और उपवास: मंत्र जाप के दिन व्रत और उपवास करना अधिक लाभकारी हो सकता है।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1: रुद्र गायत्री मंत्र क्या है?

उत्तर: रुद्र गायत्री मंत्र भगवान शिव के रुद्र रूप की स्तुति करने वाला एक प्रमुख मंत्र है। इसे जपने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में शांति, समृद्धि और सुरक्षा का अनुभव होता है।

प्रश्न 2: रुद्र गायत्री मंत्र का पाठ कैसे करें?

उत्तर: रुद्र गायत्री मंत्र का पाठ करने के लिए निम्नलिखित विधि अपनाएं:

  1. स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करें।
  2. एक शांत और स्वच्छ स्थान पर बैठें।
  3. पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें।
  4. रुद्राक्ष माला का उपयोग करते हुए मंत्र का जाप करें।
  5. मंत्र का उच्चारण शुद्ध और स्पष्ट हो।

प्रश्न 3: रुद्र गायत्री मंत्र का उच्चारण कैसे करें?

उत्तर: रुद्र गायत्री मंत्र का उच्चारण इस प्रकार करें:

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि।
तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥

प्रश्न 4: रुद्र गायत्री मंत्र का जाप कब करना चाहिए?

उत्तर: रुद्र गायत्री मंत्र का जाप सुबह और शाम के समय करना सबसे अधिक फलदायी होता है। इन समयों पर मन अधिक शांति और स्थिरता में रहता है।

प्रश्न 5: क्या रुद्र गायत्री मंत्र का जाप किसी विशेष उद्देश्य के लिए किया जा सकता है?

उत्तर: हाँ, रुद्र गायत्री मंत्र का जाप विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है जैसे कि मानसिक शांति, आर्थिक समृद्धि, स्वास्थ्य सुधार, शत्रुओं से रक्षा, और आध्यात्मिक उन्नति आदि।

प्रश्न 6: क्या रुद्र गायत्री मंत्र का जाप करने से कोई सावधानियाँ बरतनी चाहिए?

उत्तर: हाँ, मंत्र जाप के दौरान निम्नलिखित सावधानियाँ बरतनी चाहिए:

  1. शुद्धता का पालन करें।
  2. सही उच्चारण करें।
  3. शांत और स्वच्छ माहौल में जाप करें।
  4. नियमितता बनाए रखें।
  5. पूर्ण भक्ति और श्रद्धा के साथ जाप करें।

प्रश्न 7: रुद्र गायत्री मंत्र का जाप कितनी बार करना चाहिए?

उत्तर: सामान्यतः इस मंत्र का जाप 108 बार करना उत्तम माना जाता है। आप रुद्राक्ष माला का उपयोग करके जाप कर सकते हैं।

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