संकट नाशक गणेश स्तोत्र जो संकट व बाधाओं को तुरंत नष्ट करे
संकट नाशक गणेश स्तोत्र भगवान गणेश की स्तुति में रचित एक शक्तिशाली मंत्र है। यह स्तोत्र गणेश जी की कृपा प्राप्त करने और जीवन के संकटों से मुक्ति पाने के लिए अत्यंत प्रभावी माना जाता है। गणेश जी, जो विघ्नहर्ता और सुखकर्ता के रूप में पूजनीय हैं, संकट नाशक गणेश स्तोत्र के माध्यम से अपने भक्तों को समस्त विपत्तियों से रक्षा करते हैं। इस स्तोत्र का नियमित पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाली बाधाएँ दूर होती हैं और उसे मानसिक शांति मिलती है।
संपूर्ण श्री संकट नाशक गणेश स्तोत्र
प्रणम्य शिरसा देवं गौरीपुत्रं विनायकम्।
भक्तावासं स्मरेनित्यं आयुः कामार्थ सिद्धये॥
प्रथमं वक्रतुण्डं च एकदन्तं द्वितीयकम्।
तृतीयं कृष्णपिङ्गाक्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम्॥
लम्बोदरं पंचमं च षष्ठं विकटमेव च।
सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धूम्रवर्णं तथाष्टमम्॥
नवमं भालचन्द्रं च दशमं तु विनायकम्।
एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननम्॥
द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्यं यः पठेन्नरः।
न च विघ्नभयं तस्य सर्वसिद्धिकरं प्रभो॥
विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम्।
पुत्रार्थी लभते पुत्रान् मोक्षार्थी लभते गतिम्॥
जपेद्गणपतिस्तोत्रं षड्भिर्मासैः फलं लभेत्।
संवत्सरेण सिद्धिं च लभते नात्र संशयः॥
अष्टेभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च लिखित्वा यः समर्पयेत्।
तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादतः॥
अर्थ: इस स्तोत्र का अर्थ है कि जो व्यक्ति गणेश जी के इन बारह नामों का तीन बार पाठ करता है, उसे किसी प्रकार का विघ्न नहीं होता। विद्यार्थियों को विद्या, धन चाहने वालों को धन, पुत्र चाहने वालों को पुत्र और मोक्ष चाहने वालों को मुक्ति प्राप्त होती है।संकट नाशक गणेश स्तोत्र के लाभ
- विघ्नों का नाश: सभी प्रकार की बाधाओं का नाश होता है।
- विद्या प्राप्ति: विद्यार्थियों को विद्या और ज्ञान की प्राप्ति होती है।
- धन की प्राप्ति: आर्थिक समस्याओं का समाधान और धन की प्राप्ति होती है।
- संतान सुख: संतान प्राप्ति की इच्छा पूरी होती है।
- मानसिक शांति: मानसिक तनाव और चिंता से मुक्ति मिलती है।
- स्वास्थ्य लाभ: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- व्यापार में वृद्धि: व्यापार में लाभ और उन्नति होती है।
- परिवार में सुख-शांति: परिवार में प्रेम और सामंजस्य बढ़ता है।
- शत्रुओं का नाश: शत्रुओं से सुरक्षा मिलती है और उनका नाश होता है।
- सभी इच्छाओं की पूर्ति: मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
- मोक्ष की प्राप्ति: जीवन-मरण के बंधनों से मुक्ति मिलती है।
- आध्यात्मिक उन्नति: आत्मा की उन्नति और आध्यात्मिक विकास होता है।
संकट नाशक गणेश स्तोत्र की विधि
- दिन: किसी भी शुभ दिन से प्रारंभ कर सकते हैं, विशेषकर बुधवार उत्तम होता है।
- अवधि: इस स्तोत्र को 41 दिनों तक प्रतिदिन पाठ करना चाहिए।
- मुहूर्त: प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त (4-6 बजे) में पाठ करना श्रेष्ठ है।
- स्थान: स्वच्छ और शांत स्थान पर पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें।
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संकट नाशक गणेश स्तोत्र के नियम
- पूजा विधि: गणेश जी की मूर्ति या चित्र के समक्ष दीपक जलाकर, पुष्प और अक्षत चढ़ाकर पाठ आरंभ करें।
- स्वच्छता: पाठ से पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- श्रद्धा और विश्वास: पाठ करते समय मन में गणेश जी के प्रति पूर्ण श्रद्धा और विश्वास रखें।
- साधना को गुप्त रखें: अपनी साधना और पाठ को गुप्त रखें, इसका प्रचार न करें।
संकट नाशक गणेश स्तोत्र के समय सावधानियाँ
- संयमित आहार: सादा और सात्विक भोजन ग्रहण करें, तामसिक भोजन से बचें।
- शुद्ध मन: पाठ के दौरान मन को शुद्ध और पवित्र रखें।
- विकारों से दूर रहें: क्रोध, ईर्ष्या, और अन्य नकारात्मक भावनाओं से बचें।
- ध्यान और एकाग्रता: पाठ के समय ध्यान और एकाग्रता बनाए रखें।
संकट नाशक गणेश स्तोत्र के प्रश्न और उत्तर
- प्रश्न: संकट नाशक गणेश स्तोत्र क्या है?
उत्तर: यह भगवान गणेश की स्तुति में रचित एक पवित्र मंत्र है जो संकटों का नाश करता है। - प्रश्न: संकट नाशक गणेश स्तोत्र का महत्व क्या है?
उत्तर: यह स्तोत्र जीवन के समस्त संकटों को दूर करने और मनोवांछित फल प्राप्त करने में सहायक है। - प्रश्न: संकट नाशक गणेश स्तोत्र का पाठ कब करना चाहिए?
उत्तर: प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त में, विशेषकर बुधवार को पाठ करना श्रेष्ठ है। - प्रश्न: संकट नाशक गणेश स्तोत्र की विधि क्या है?
उत्तर: स्वच्छ स्थान पर बैठकर, गणेश जी की पूजा कर, ध्यानपूर्वक पाठ करें। - प्रश्न: क्या संकट नाशक गणेश स्तोत्र को 41 दिनों तक करना चाहिए?
उत्तर: हाँ, 41 दिनों तक नियमित पाठ करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। - प्रश्न: संकट नाशक गणेश स्तोत्र के क्या लाभ हैं?
उत्तर: विघ्नों का नाश, विद्या प्राप्ति, धन और संतान सुख जैसे लाभ होते हैं। - प्रश्न: संकट नाशक गणेश स्तोत्र के समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर: स्वच्छता, संयमित आहार, और मानसिक शांति का ध्यान रखें। - प्रश्न: क्या संकट नाशक गणेश स्तोत्र को गुप्त रखना चाहिए?
उत्तर: हाँ, साधना और पाठ को गुप्त रखना चाहिए, इसका प्रचार नहीं करना चाहिए। - प्रश्न: संकट नाशक गणेश स्तोत्र का अर्थ क्या है?
उत्तर: यह स्तोत्र भगवान गणेश के बारह नामों का वर्णन करता है, जो विघ्नों का नाश करते हैं। - प्रश्न: संकट नाशक गणेश स्तोत्र के लिए कौन सा दिन शुभ होता है?
उत्तर: बुधवार को यह स्तोत्र शुरू करना अत्यंत शुभ माना जाता है। - प्रश्न: संकट नाशक गणेश स्तोत्र के समय किन सावधानियों का पालन करना चाहिए?
उत्तर: स्वच्छता, संयम, और साधना में एकाग्रता बनाए रखें। - प्रश्न: क्या संकट नाशक गणेश स्तोत्र से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं?
उत्तर: हाँ, श्रद्धा और भक्ति से पाठ करने पर सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है।