अष्ट सिद्धी के स्वामी श्री हनुमान जी का ये प्रयोग मनुष्य को हर संकट से बचने के लिये व शत्रु से बचाव के लिये किया जाता है।इसके अलावा डर, हीन भावना, कार्य मे मन न लगना, इस तरह की समस्या निदान भी होता है।
हनुमानी सिंदूर तिलक: मंगलवार को सुबह जल्दी उठकर स्नान करें १ चम्मच हनुमानी सिंदूर, चमेली का तेल को सामने रखकर “॥ॐ हं हनुमंते सर्व विघ्न उच्चाटय हुं फट्ट॥ (OM HAMM HANUMANTE SARVA VIGHNA UCHCHAATAY HUMM FATT)” इस मंत्र का ५ माला (५४० ) मंत्र का जप करे। फिर सिंदूर मे चमेली का तेल मिलाकर पेस्ट बनाकर हनुमानी तिलक तैयार कर ले और जब किसी भी कार्य से घर के बाहर निकलना हो तो हनुमान तिलक माथे पर या गले मे लगाकर जाये। इससे कार्य सफल होने की संभावना शत प्रतिशत बढ जाती है।