छिन्नमस्ता देवी का आधी रात वाला एक उपाय जीवन बदल देता है
Chhinnamasta midnight remedy छिन्नमस्ता देवी दस महाविद्याओं में सबसे रहस्यमयी और तीव्र प्रभाव देने वाली देवी मानी जाती हैं। यह साधना भय की नहीं, बल्कि भीतर की शक्ति को जाग्रत करने की प्रक्रिया है। आधी रात का समय इसलिए चुना जाता है क्योंकि उस समय बाहरी संसार शांत होता है और साधक का मन पूरी तरह एकाग्र हो पाता है।
DivyayogAshram के अनुसार छिन्नमस्ता साधना का उद्देश्य केवल आकांक्षा पूर्ति नहीं, बल्कि जीवन की जड़ में छिपी रुकावटों को काटना है। देवी स्वयं अपने मस्तक का त्याग कर जीवन, साहस और नियंत्रण का संदेश देती हैं। यह साधना उन लोगों के लिए जीवन बदलने वाला माध्यम बन सकती है जो लंबे समय से अटके हुए हैं।
यह उपाय धन, आकर्षण, भय मुक्ति, आत्मबल और निर्णय शक्ति को गहराई से प्रभावित करता है। सही नियम, संयम और श्रद्धा के साथ की गई साधना कई जन्मों के संस्कारों को भी परिवर्तित कर सकती है।
छिन्नमस्ता देवी साधना के प्रमुख लाभ
- जीवन में अटकी हुई स्थितियों में अचानक गति आती है।
- भय, आत्मसंदेह और मानसिक कमजोरी दूर होती है।
- धन आगमन के मार्ग खुलने लगते हैं।
- शत्रु और नकारात्मक प्रभाव स्वतः कमजोर पड़ते हैं।
- आकर्षण शक्ति में स्पष्ट वृद्धि होती है।
- निर्णय लेने की क्षमता मजबूत होती है।
- साधक के भीतर साहस और निर्भीकता बढ़ती है।
- तंत्र बाधा और नज़र दोष से रक्षा होती है।
- साधना के बाद आत्मविश्वास स्थायी रूप से बढ़ता है।
- कार्यक्षेत्र में नियंत्रण और सम्मान मिलता है।
- गुप्त शत्रु और ईर्ष्या करने वाले लोग निष्प्रभावी होते हैं।
- मानसिक उलझन और अनावश्यक भय समाप्त होते हैं।
- देवी की कृपा से कार्य सिद्धि में तेजी आती है।
- साधक का आभामंडल मजबूत होता है।
- जीवन के कठिन निर्णय सरल प्रतीत होने लगते हैं।
विनियोग
ॐ अस्य श्रीछिन्नमस्ता देवी मंत्रस्य।
ऋषिः नारदः।
छन्दः अनुष्टुप्।
देवता श्रीछिन्नमस्ता।
मम सर्वबाधा निवारणार्थे, आकर्षण सिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः।
Chhinnamasta midnight remedy – न्यास विधि
न्यास का उद्देश्य शरीर को साधना का पात्र बनाना है।
दाएँ हाथ से हृदय, मस्तक, नेत्र और कंठ का स्पर्श करें।
मन ही मन देवी का स्मरण करते हुए यह भाव रखें कि देवी की ऊर्जा शरीर में प्रवाहित हो रही है।
न्यास शांत और बिना जल्दबाजी के करें।
दिग्बंधन
चारों दिशाओं में मानसिक रूप से देवी का कवच स्थापित करें।
पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण में देवी की रक्षा शक्ति की कल्पना करें।
यह प्रक्रिया साधना के दौरान बाहरी और आंतरिक विघ्नों को रोकती है।
यह साधना कौन कर सकता है
यह साधना गृहस्थ और साधक दोनों कर सकते हैं।
स्त्री और पुरुष दोनों के लिए यह माध्यम समान रूप से प्रभावी है।
जिस व्यक्ति में संयम, नियम पालन और श्रद्धा है, वही इसे करें।
अत्यधिक भयभीत या अस्थिर मन वाले व्यक्ति बिना मार्गदर्शन इसे न करें।
शुभ मुहूर्त
यह साधना रात 12 बजे के बाद प्रारंभ की जाती है।
अमावस्या, अष्टमी या मंगलवार का समय श्रेष्ठ माना जाता है।
शुरुआत से पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
Chhinnamasta midnight remedy -सिद्ध साधना सामग्री
DivyayogAshram के अनुसार निम्न सामग्री उपयोग में लाई जाती है।
• छिन्नमस्ता यंत्र
• छिन्नमस्ता आकर्षण रोसरी
• छिन्नमस्ता पारद गुटिका
• छिन्नमस्ता कवच
• छिन्नमस्ता श्रृंगार सामग्री
• रक्षा सूत्र
• 21 लाल चिरमी दाने
• सिद्ध गोमती चक्र
• कामाक्षी रिंग
यह सामग्री साधना को स्थिर और प्रभावी बनाती है।
मंत्र
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं छिन्नमस्तायै नमः॥
साधना विधि
अभ्यास लाल या काले आसन पर बैठकर करें।
सामने छिन्नमस्ता यंत्र स्थापित करें।
दीपक और धूप जलाएं।
मंत्र का जप प्रतिदिन 11 माला करें।
यह प्रक्रिया लगातार 13 दिनों तक करें।
जप के समय मन पूर्ण रूप से मंत्र में स्थिर रखें।
जप पूर्ण होने के बाद देवी से अपनी समस्या मन ही मन निवेदन करें।
साधना के नियम
- साधना काल में ब्रह्मचर्य का पालन करें।
- सात्विक भोजन करें।
- झूठ, क्रोध और नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
- साधना को बीच में न छोड़ें।
- किसी से साधना की चर्चा न करें।
साधना अनुभव
अनुराधा शर्मा, इंदौर
“मेरे जीवन में वर्षों से आर्थिक रुकावट थी। 13 दिन की साधना के बाद अचानक नए अवसर मिले। आत्मविश्वास भी बढ़ा।”
विकास त्रिवेदी, वाराणसी
“छिन्नमस्ता साधना के बाद भय पूरी तरह समाप्त हो गया। निर्णय लेने में अब डर नहीं लगता।”
प्रीति सिंह, लखनऊ
“मेरे कार्यक्षेत्र में लगातार विरोध था। साधना के बाद परिस्थितियां मेरे पक्ष में होने लगीं।”
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1: क्या यह साधना सुरक्षित है
उत्तर: नियमों के पालन के साथ यह पूरी तरह सुरक्षित है।
प्रश्न 2: क्या साधना के दौरान डर लग सकता है
उत्तर: प्रारंभ में हल्का भय हो सकता है, जो साधना का हिस्सा है।
प्रश्न 3: क्या बिना सामग्री साधना हो सकती है
उत्तर: प्रभाव के लिए सिद्ध सामग्री आवश्यक मानी जाती है।
प्रश्न 4: क्या महिलाएं यह साधना कर सकती हैं
उत्तर: हां, महिलाएं भी इसे कर सकती हैं।
प्रश्न 5: साधना के परिणाम कब दिखते हैं
उत्तर: कई लोगों को 13 दिनों में अनुभव होने लगता है।
प्रश्न 6: क्या यह साधना बार बार की जा सकती है
उत्तर: हां, उचित अंतराल के बाद की जा सकती है।
प्रश्न 7: क्या दीक्षा आवश्यक है
उत्तर: गहरे प्रभाव के लिए दीक्षा अत्यंत उपयोगी है।
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