शक्तिविनायक मंत्र क्या है?
शक्तिविनायक मंत्र, भगवान गणेश का एक शक्तिशाली मंत्र माना जाता है। ये मंत्र व्यक्ति की इच्छाओं को पूर्ण करने के साथ कार्य को सिद्ध करता है। इस मंत्र का उपयोग विघ्नों को दूर करने और कार्यों में सफलता प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
शक्तिविनायक मंत्र का अर्थ
मंत्र: ॥ॐ गं ग्लौं शक्ति गणपतये कार्य सिद्धये नमः॥
अर्थ: इस मंत्र में “ॐ” भगवान गणेश का बीज मंत्र है। “गं” गणेशजी का बीज मंत्र है। “ग्लौं” तीव्र गणेश शक्ति का संकेत है। “गणपतये” गणेश को समर्पित है। “कार्य सिद्धये” कार्य की सफलता के लिए, और “नमः” नमस्कार करने के लिए उपयोग किया जाता है।
Know more about ganesha kavacham path
शक्तिविनायक मंत्र के लाभ
- कार्य की सफलता: इस मंत्र के जप से कोई भी कार्य शीघ्र और सफलतापूर्वक पूरा होता है।
- विघ्नों का नाश: यह मंत्र सभी प्रकार के विघ्नों को दूर करता है।
- सुख और समृद्धि: यह मंत्र आर्थिक समृद्धि और सुख लाता है।
- मानसिक शांति: इस मंत्र का नियमित जप मानसिक शांति प्रदान करता है।
- आध्यात्मिक उन्नति: यह मंत्र साधक को आध्यात्मिक रूप से उन्नत करता है।
- धार्मिक लाभ: इसे जपने से धार्मिक लाभ मिलते हैं।
- स्वास्थ्य में सुधार: इस मंत्र का जप स्वास्थ्य लाभ के लिए भी किया जा सकता है।
- बाधाओं का निवारण: कार्यों में आने वाली बाधाओं का निवारण होता है।
- आत्मबल में वृद्धि: यह आत्मबल को बढ़ाता है।
- दुर्घटनाओं से सुरक्षा: यह मंत्र दुर्घटनाओं से सुरक्षा प्रदान करता है।
- दुश्मनों से सुरक्षा: दुश्मनों और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा मिलती है।
- गृहकलह का नाश: यह गृहकलह और पारिवारिक समस्याओं को समाप्त करता है।
- कर्मों का शुद्धिकरण: यह मंत्र पापों का नाश कर कर्मों को शुद्ध करता है।
शक्तिविनायक मंत्र विधि
मंत्र जप का दिन: मंगलवार या चतुर्थी तिथि को प्रारंभ करें।
अवधि: मंत्र जप 11 से 21 दिन तक नियमित करें।
मुहुर्त: ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 बजे से 6 बजे) या संध्या काल में करें।
सामग्री: पीले वस्त्र, गणेश की प्रतिमा या चित्र, कुशासन, सफेद चंदन, लाल पुष्प, दूर्वा घास, गुड़, घी का दीपक, और कपूर।
मंत्र जप संख्या: प्रतिदिन 11 माला यानी 1188 मंत्र का जप करें।
See Vishvarupa Ganesha sadhana samagri with diksha
शक्तिविनायक मंत्र जप के नियम
- उम्र: 20 वर्ष से ऊपर के व्यक्ति मंत्र जप कर सकते हैं।
- लिंग: स्त्री और पुरुष दोनों ही इस मंत्र का जप कर सकते हैं।
- वस्त्र: नीले या काले कपड़े न पहनें।
- परहेज: धूम्रपान, मद्यपान, और मांसाहार का सेवन न करें।
- ब्रह्मचर्य: मंत्र जप के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें।
शक्तिविनायक मंत्र जप के दौरान सावधानियाँ
- शुद्धता: मंत्र जप से पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- स्थान: मंत्र जप एक शांत और पवित्र स्थान पर करें।
- संकल्प: जप से पहले संकल्प लें और नियमित रूप से मंत्र जप करें।
- दिशा: पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके मंत्र जप करें।
- ध्यान केंद्रित करें: मंत्र जप के दौरान मन को एकाग्र रखें।
शक्तिविनायक मंत्र – प्रश्न और उत्तर
प्रश्न 1: शक्तिविनायक मंत्र क्या है?
उत्तर: शक्तिविनायक मंत्र एक शक्तिशाली गणेश मंत्र है जो विघ्नों को दूर करने और कार्यों में सफलता प्राप्त करने के लिए जपा जाता है।
प्रश्न 2: इस मंत्र का जप कब करना चाहिए?
उत्तर: इस मंत्र का जप मंगलवार या चतुर्थी तिथि को ब्रह्म मुहूर्त में शुरू करना चाहिए।
प्रश्न 3: शक्तिविनायक मंत्र के क्या लाभ हैं?
उत्तर: इस मंत्र के 13 मुख्य लाभ हैं जैसे कार्य की सफलता, विघ्नों का नाश, सुख और समृद्धि आदि।
प्रश्न 4: मंत्र जप के लिए कौन से नियम पालन करने चाहिए?
उत्तर: मंत्र जप के लिए 20 वर्ष से ऊपर के व्यक्ति, ब्रह्मचर्य का पालन, धूम्रपान, मद्यपान और मांसाहार से परहेज करना चाहिए।
प्रश्न 5: मंत्र जप के समय किन सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर: मंत्र जप से पहले स्नान, शुद्धता, संकल्प, दिशा और ध्यान केंद्रित रखना चाहिए।
प्रश्न 6: मंत्र जप की अवधि कितनी होनी चाहिए?
उत्तर: मंत्र जप की अवधि 11 से 21 दिन तक होनी चाहिए।
प्रश्न 7: क्या महिलाएं इस मंत्र का जप कर सकती हैं?
उत्तर: हाँ, महिलाएं भी इस मंत्र का जप कर सकती हैं, लेकिन विशेष नियमों का पालन करना चाहिए।
प्रश्न 8: क्या मंत्र जप के लिए विशेष सामग्री की आवश्यकता है?
उत्तर: हाँ, पीले वस्त्र, गणेश की प्रतिमा, कुशासन, चंदन, लाल पुष्प, दूर्वा घास, गुड़, घी का दीपक और कपूर की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 9: मंत्र जप के लिए किस दिशा में बैठना चाहिए?
उत्तर: मंत्र जप के लिए पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए।
प्रश्न 10: शक्तिविनायक मंत्र के जप के लिए कौन सा समय सबसे उत्तम है?
उत्तर: ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 बजे से 6 बजे) और संध्या काल सबसे उत्तम समय है।
प्रश्न 11: मंत्र जप के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन क्यों आवश्यक है?
उत्तर: ब्रह्मचर्य का पालन करने से मानसिक और शारीरिक शुद्धता बनी रहती है, जो मंत्र की सिद्धि के लिए आवश्यक है।
प्रश्न 12: मंत्र जप करते समय किन वस्त्रों से बचना चाहिए?
उत्तर: मंत्र जप करते समय नीले और काले कपड़े पहनने से बचना चाहिए।