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Shanti Yakshini mantra for peace & prosperity

शांति यक्षिणी मंत्र – जीवन में शांति और स्थिरता कैसे पाएं

शुभ कार्शांय मे सफलता देने वाली शांति यक्षिणी एक प्राचीन देवी हैं जिन्हें पौराणिक ग्रंथों में उल्लेख किया गया है। ये यक्षिणी सुख, शांति, शुभ कार्यों में सफलता और मानसिक शांति की प्राप्ति के लिए पूजनीय मानी जाती हैं। इनका पूजन करने से व्यक्ति को आत्मिक और मानसिक स्थिरता मिलती हैं और उनकी आत्मा में शांति का अनुभव होता हैं। शांति यक्षिणी मंत्र एक शक्तिशाली मंत्र है जो जीवन में शांति, समृद्धि और सुख-समृद्धि लाने के लिए उपयोग किया जाता है। यह मंत्र विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी होता है जो अपने जीवन में किसी भी प्रकार की नकारात्मकता और बाधाओं से मुक्ति चाहते हैं। शांति यक्षिणी देवी एक दिव्य शक्ति हैं जो अपने भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करती हैं और उन्हें सभी प्रकार की विपत्तियों से बचाती हैं।

शांति यक्षिणी मंत्र

|| ॐ ह्रीं शांत्यै यक्षिणी नमः ||

विधि

शांति यक्षिणी मंत्र की साधना करने के लिए निम्नलिखित विधि अपनाई जा सकती है:

  1. स्थान का चयन: साधना के लिए एक शांत और स्वच्छ स्थान का चयन करें।
  2. समय का चयन: प्रातःकाल या संध्याकाल का समय इस साधना के लिए सबसे उपयुक्त होता है।
  3. स्नान: स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  4. आसन: एक साफ आसन पर बैठें।
  5. दीप प्रज्वलित करें: एक दीपक जलाएं और देवी शांति यक्षिणी का ध्यान करें।
  6. मंत्र का उच्चारण: शांति यक्षिणी मंत्र का उच्चारण ध्यान और भक्ति के साथ करें।

सामग्री (समग्री)

  • सफेद वस्त्र
  • चंदन की माला
  • शांति यक्षिणी की प्रतिमा या चित्र
  • दीपक और तेल
  • कुमकुम और चावल
  • धूप और अगरबत्ती
  • पुष्प और हार
  • शुद्ध जल
  • फल और मिठाई

लाभ

  1. मानसिक शांति प्राप्त होती है।
  2. जीवन में समृद्धि आती है।
  3. नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
  4. पारिवारिक कलह समाप्त होता है।
  5. कार्यों में सफलता मिलती है।
  6. शत्रु बाधा समाप्त होती है।
  7. स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  8. आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
  9. संबंधों में मधुरता आती है।
  10. धन वृद्धि होती है।
  11. शिक्षा में प्रगति होती है।
  12. आध्यात्मिक उन्नति होती है।
  13. संतान सुख प्राप्त होता है।
  14. अवसाद और तनाव से मुक्ति मिलती है।
  15. कानूनी समस्याओं का समाधान होता है।
  16. घर में सुख-शांति बनी रहती है।
  17. बाधाओं का निवारण होता है।
  18. जीवन में सकारात्मकता आती है।
  19. व्यापार में सफलता मिलती है।
  20. देवी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

दिन और अवधि

शांति यक्षिणी मंत्र की साधना किसी भी शुभ दिन प्रारंभ की जा सकती है, जैसे कि सोमवार, शुक्रवार, पूर्णिमा, नवमी, या विशेष पर्व। साधना की अवधि 21 दिन से 40 दिन तक हो सकती है। नियमित रूप से इस मंत्र का जाप करने से अधिक लाभ प्राप्त होते हैं।

सावधानियाँ

  1. मंत्र का उच्चारण शुद्ध उच्चारण के साथ करें।
  2. साधना के समय मन को एकाग्रचित रखें।
  3. साधना के दौरान मांसाहार और मद्यपान से दूर रहें।
  4. नकारात्मक विचारों से बचें और सकारात्मक सोच रखें।
  5. साधना के स्थान को स्वच्छ और पवित्र रखें।
  6. साधना के दौरान धैर्य और समर्पण बनाए रखें।
  7. नियमित रूप से मंत्र जाप करें और बीच में व्यवधान न आने दें।

शांति यक्षिणी मंत्र FAQ

1. शांति यक्षिणी मंत्र क्या है?

शांति यक्षिणी मंत्र एक दिव्य मंत्र है जो शांति, समृद्धि, और सुख-समृद्धि लाने के लिए उपयोग किया जाता है। यह मंत्र देवी शांति यक्षिणी की स्तुति और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए है।

2. शांति यक्षिणी कौन हैं?

शांति यक्षिणी एक दिव्य देवी हैं जो अपने भक्तों को शांति, समृद्धि, और बाधाओं से मुक्ति प्रदान करती हैं। उनकी पूजा और मंत्र जाप से जीवन में सकारात्मकता और समृद्धि आती है।

3. शांति यक्षिणी मंत्र का उच्चारण कब करना चाहिए?

इस मंत्र का उच्चारण प्रातःकाल या संध्याकाल में करना सबसे उपयुक्त माना जाता है। किसी शुभ दिन, जैसे कि पूर्णिमा, नवमी, या विशेष पर्व पर इस मंत्र का जाप शुरू करना अधिक लाभकारी होता है।

4. शांति यक्षिणी मंत्र का जाप कितनी बार करना चाहिए?

आम तौर पर, मंत्र का जाप 108 बार किया जाता है। आप चंदन की माला का उपयोग करके यह संख्या सुनिश्चित कर सकते हैं। जाप की संख्या आपकी श्रद्धा और समय के अनुसार बढ़ाई जा सकती है।

5. शांति यक्षिणी मंत्र की साधना कितने दिनों तक करनी चाहिए?

साधना की अवधि 21 दिन से 40 दिन तक हो सकती है। नियमित रूप से इस मंत्र का जाप करने से अधिक लाभ प्राप्त होते हैं।

6. शांति यक्षिणी मंत्र जाप के लिए कौन-सी सामग्री आवश्यक है?

इस मंत्र जाप के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:

  • सफेद वस्त्र
  • चंदन की माला
  • शांति यक्षिणी की प्रतिमा या चित्र
  • दीपक और तेल
  • कुमकुम और चावल
  • धूप और अगरबत्ती
  • पुष्प और हार
  • शुद्ध जल
  • फल और मिठाई

7. शांति यक्षिणी मंत्र के लाभ क्या हैं?

शांति यक्षिणी मंत्र के 20 प्रमुख लाभ हैं:

  1. मानसिक शांति प्राप्त होती है।
  2. जीवन में समृद्धि आती है।
  3. नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
  4. पारिवारिक कलह समाप्त होता है।
  5. कार्यों में सफलता मिलती है।
  6. शत्रु बाधा समाप्त होती है।
  7. स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  8. आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
  9. संबंधों में मधुरता आती है।
  10. धन वृद्धि होती है।
  11. शिक्षा में प्रगति होती है।
  12. आध्यात्मिक उन्नति होती है।
  13. संतान सुख प्राप्त होता है।
  14. अवसाद और तनाव से मुक्ति मिलती है।
  15. कानूनी समस्याओं का समाधान होता है।
  16. घर में सुख-शांति बनी रहती है।
  17. बाधाओं का निवारण होता है।
  18. जीवन में सकारात्मकता आती है।
  19. व्यापार में सफलता मिलती है।
  20. देवी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

8. शांति यक्षिणी मंत्र जाप के दौरान कौन-कौन सी सावधानियाँ रखनी चाहिए?

  1. मंत्र का उच्चारण शुद्ध उच्चारण के साथ करें।
  2. साधना के समय मन को एकाग्रचित रखें।
  3. साधना के दौरान मांसाहार और मद्यपान से दूर रहें।
  4. नकारात्मक विचारों से बचें और सकारात्मक सोच रखें।
  5. साधना के स्थान को स्वच्छ और पवित्र रखें।
  6. साधना के दौरान धैर्य और समर्पण बनाए रखें।
  7. नियमित रूप से मंत्र जाप करें और बीच में व्यवधान न आने दें।

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9. क्या शांति यक्षिणी मंत्र का जाप किसी विशेष योग्यता की आवश्यकता होती है?

शांति यक्षिणी मंत्र का जाप किसी विशेष योग्यता की आवश्यकता नहीं होती। यह मंत्र हर कोई जाप कर सकता है, चाहे वह किसी भी उम्र या लिंग का हो।

10. शांति यक्षिणी मंत्र का प्रभाव कितने समय में दिखता है?

मंत्र जाप का प्रभाव व्यक्ति की श्रद्धा, समर्पण, और नियमितता पर निर्भर करता है। कुछ लोगों को शीघ्र ही लाभ मिलता है, जबकि कुछ को समय लग सकता है। धैर्य और विश्वास बनाए रखना महत्वपूर्ण है।

शांति यक्षिणी मंत्र की साधना करने से जीवन में अनेक प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। यह मंत्र न केवल मानसिक शांति और समृद्धि लाता है, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में सफलता और सुख-शांति प्रदान करता है। इस मंत्र का जाप नियमित रूप से करने से देवी शांति यक्षिणी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में आने वाली सभी प्रकार की बाधाओं का निवारण होता है।

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