spot_img

Shravan somavar vrat for wishes & wealth

श्रावण सोमवार व्रत

Shravan Month हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखता है, खासकर भगवान शिव की उपासना के लिए। इस महीने में शिवलिंग की पूजा और व्रत करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। श्रावण सोमवार व्रत अत्यंत फलदायी माना जाता है और इसे पूरी श्रद्धा और नियम से पालन किया जाना चाहिए।

व्रत विधि

1. प्रातःकाल उठना:

श्रावण सोमवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठना अत्यंत शुभ माना जाता है। प्रातःकाल उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

2. पूजन स्थल की सफाई:

पूजा स्थल की सफाई करें और वहां पर गंगाजल छिड़कें। शिवलिंग को साफ करें और उसे पवित्र जल से स्नान कराएं।

3. शिवलिंग का अभिषेक:

शिवलिंग का अभिषेक करें। अभिषेक के लिए जल, दूध, दही, घी, शहद, और गंगा जल का उपयोग करें। इनसे शिवलिंग को स्नान कराएं।

4. बिल्वपत्र अर्पण:

शिवलिंग पर बिल्वपत्र, धतूरा, आक, और फूल अर्पित करें। बिल्वपत्र भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है और इसे अर्पित करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।

5. धूप और दीप:

धूप और दीप जलाएं। पूजा के दौरान धूप और दीप जलाने से वातावरण पवित्र और सुगंधित होता है, जिससे मन को शांति मिलती है।

6. मंत्र जाप:

“ॐ नमः शिवाय” या “ॐ ह्रौं शिवाय ह्रौं नमः” मंत्र का जाप करें। इस मंत्र का जाप कम से कम ५४० बार करें। इसके अलावा, महामृत्युंजय मंत्र का जाप भी किया जा सकता है।

7. रुद्राभिषेक:

रुद्राभिषेक करें, जिसमें रुद्र सूक्त का पाठ किया जाता है। यह भगवान शिव की अत्यंत प्रभावशाली पूजा है और इससे विशेष फल की प्राप्ति होती है।

8. प्रसाद वितरण:

पूजा के बाद प्रसाद बांटें और स्वयं भी ग्रहण करें। प्रसाद में फल, मिठाई और पंचामृत शामिल कर सकते हैं।

9. व्रत का पालन:

इस दिन व्रत रखें और एक समय फलाहार ग्रहण करें। यदि संभव हो तो निराहार रहें, अन्यथा फल, दूध, और जल का सेवन करें।

10. ध्यान और भजन:

भगवान शिव के ध्यान में समय बिताएं और शिव भजन गाएं। इससे मन को शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा मिलती है।

11. दान और सेवा:

इस दिन ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को दान दें। इससे पुण्य की प्राप्ति होती है और भगवान शिव की कृपा बरसती है।

लाभ

  1. संपूर्ण मनोकामना पूर्ण होती है: श्रावण सोमवार के व्रत से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।
  2. स्वास्थ्य लाभ: भगवान शिव की कृपा से अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।
  3. आर्थिक समृद्धि: धन-धान्य की वृद्धि होती है।
  4. संकटों से मुक्ति: जीवन के सभी संकट दूर होते हैं।
  5. विवाह में विलंब दूर होता है: विवाह में आ रही बाधाएं समाप्त होती हैं।
  6. शांति और संतोष: मानसिक शांति और संतोष की प्राप्ति होती है।
  7. संतान सुख: संतान प्राप्ति का वरदान मिलता है।
  8. दुश्मनों से सुरक्षा: शत्रुओं से रक्षा होती है।
  9. आध्यात्मिक उन्नति: आध्यात्मिक उन्नति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  10. धार्मिक लाभ: धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ती है।
  11. परिवारिक सुख: परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
  12. सकारात्मक ऊर्जा: घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  13. रोग निवारण: बीमारियों से मुक्ति मिलती है।
  14. मानसिक तनाव दूर होता है: मानसिक तनाव से राहत मिलती है।
  15. विद्या और बुद्धि की प्राप्ति: विद्या और बुद्धि की प्राप्ति होती है।
  16. आकर्षण शक्ति: व्यक्ति में आकर्षण शक्ति बढ़ती है।
  17. धार्मिक ज्ञान: धार्मिक ज्ञान और समझ बढ़ती है।
  18. व्यवसाय में सफलता: व्यवसाय में सफलता मिलती है।
  19. धन की प्राप्ति: धन-धान्य की वृद्धि होती है।
  20. सर्वसिद्धि: जीवन में सर्वसिद्धि की प्राप्ति होती है।

सावधानियाँ

  1. व्रत के नियमों का पालन: व्रत के नियमों का कठोरता से पालन करें। बीच में अन्न या अन्न से बने पदार्थों का सेवन न करें।
  2. शुद्धता का ध्यान: शारीरिक और मानसिक शुद्धता का ध्यान रखें। गलत विचारों और गलत कार्यों से दूर रहें।
  3. नियमित पूजा: नियमित पूजा और ध्यान करें। व्रत के दिन विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा करें।
  4. सत्य बोलें: व्रत के दिन झूठ बोलने और किसी को दुख पहुंचाने से बचें।
  5. ब्राह्मणों का सम्मान: ब्राह्मणों का सम्मान करें और उन्हें दान दें।
  6. स्वच्छता: पूजा स्थल और घर की स्वच्छता का ध्यान रखें।
  7. शिवलिंग की प्रतिष्ठा: शिवलिंग की प्रतिष्ठा करें और उसे साफ-सुथरा रखें।
  8. धार्मिक ग्रंथों का पाठ: धार्मिक ग्रंथों का पाठ करें और भगवान शिव की कथाओं का श्रवण करें।
  9. विनम्रता: व्रत के दौरान विनम्रता और शांति बनाए रखें।
  10. आध्यात्मिक गतिविधियाँ: आध्यात्मिक गतिविधियों में भाग लें और धार्मिक कार्यों में रुचि रखें।

Angha shiv mantra vidhi

नियम

  1. निराहार व्रत: यदि संभव हो तो निराहार व्रत रखें, अन्यथा फल, दूध, और जल का सेवन करें।
  2. शिवलिंग की पूजा: शिवलिंग की पूजा और अभिषेक अवश्य करें।
  3. मंत्र जाप: ओम नमः शिवाय और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
  4. ध्यान और भजन: भगवान शिव के ध्यान में समय बिताएं और शिव भजन गाएं।
  5. दान और सेवा: ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को दान दें।
  6. पूजा स्थल की स्वच्छता: पूजा स्थल की स्वच्छता बनाए रखें।
  7. सकारात्मक विचार: सकारात्मक विचार रखें और नकारात्मकता से दूर रहें।
  8. परिवार के साथ पूजा: परिवार के साथ मिलकर पूजा करें और श्रावण सोमवार का महत्व समझाएं।
  9. व्रत की कथा: व्रत की कथा का पाठ करें और उसे सुनें।
  10. आध्यात्मिक साहित्य: आध्यात्मिक साहित्य का अध्ययन करें और भगवान शिव की महिमा का गुणगान करें।

Spiritual store

श्रावण सोमवार व्रत: सामान्य प्रश्न

1. श्रावण सोमवार व्रत क्या है?

श्रावण सोमवार व्रत भगवान शिव की उपासना का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो श्रावण महीने के प्रत्येक सोमवार को मनाया जाता है। इस दिन शिवलिंग की विशेष पूजा और व्रत किया जाता है।

2. श्रावण सोमवार व्रत का महत्व क्या है?

श्रावण सोमवार व्रत का विशेष महत्व है क्योंकि इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से समस्त इच्छाएं पूरी होती हैं, स्वास्थ्य लाभ मिलता है, आर्थिक समृद्धि होती है, और जीवन के सभी संकट दूर होते हैं।

3. श्रावण सोमवार व्रत कैसे रखें?

श्रावण सोमवार व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें, स्वच्छ वस्त्र धारण करें, शिवलिंग की पूजा करें, जल, दूध, दही, घी, शहद, और गंगा जल से अभिषेक करें, और व्रत रखें।

4. श्रावण सोमवार व्रत के क्या लाभ हैं?

श्रावण सोमवार व्रत के लाभों में मनोकामना पूर्ति, स्वास्थ्य लाभ, आर्थिक समृद्धि, संकटों से मुक्ति, विवाह में विलंब दूर होना, मानसिक शांति, संतान सुख, शत्रुओं से सुरक्षा, आध्यात्मिक उन्नति, और परिवारिक सुख शामिल हैं।

5. क्या श्रावण सोमवार व्रत में फलाहार किया जा सकता है?

हाँ, श्रावण सोमवार व्रत में फलाहार किया जा सकता है। यदि संभव हो तो निराहार रहें, अन्यथा फल, दूध, और जल का सेवन करें।

6. श्रावण सोमवार व्रत में कौन से मंत्र का जाप करें?

श्रावण सोमवार व्रत में ओम नमः शिवाय और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। इससे भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

7. श्रावण सोमवार व्रत में किन चीजों से बचना चाहिए?

श्रावण सोमवार व्रत में झूठ बोलने, किसी को दुख पहुंचाने, और अन्न का सेवन करने से बचना चाहिए। इसके अलावा, शारीरिक और मानसिक शुद्धता का ध्यान रखें।

8. श्रावण सोमवार व्रत में शिवलिंग की पूजा कैसे करें?

शिवलिंग की पूजा में जल, दूध, दही, घी, शहद, और गंगा जल से अभिषेक करें, बिल्वपत्र, धतूरा, आक, और फूल अर्पित करें, धूप और दीप जलाएं, और मंत्र जाप करें।

9. श्रावण सोमवार व्रत की कथा क्या है?

श्रावण सोमवार व्रत की कथा में भगवान शिव की महिमा और उनके भक्तों की कथा होती है। यह कथा व्रत के दौरान पढ़ी या सुनी जाती है और इससे व्रत का महत्व समझ में आता है।

10. श्रावण सोमवार व्रत के लिए कौन सा समय उपयुक्त है?

श्रावण सोमवार व्रत के लिए ब्रह्म मुहूर्त सबसे उपयुक्त समय है। इस समय में पूजा और व्रत करने से अधिक लाभ प्राप्त होते हैं।

spot_img
spot_img

Related Articles

KAMAKHYA SADHANA SHIVIRspot_img
PITRA DOSHA NIVARAN PUJANspot_img

Latest Articles

FREE HOROSCOPE CONSULTINGspot_img
BAGALAMUKHI SHIVIR BOOKINGspot_img
Select your currency