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Tara Panchakshar Mantra – Ultimate Protection & Wealth

तारा पंचाक्षर मंत्र: अकस्मात धन प्रदान करने वाली साधना का रहस्य

तारा पंचाक्षर मंत्र एक शक्तिशाली साधना है, जो बुद्धि, ज्ञान, शक्ति, और आर्थिक तरक्की के साथ अकस्मात धन प्रदान करती है। यह मंत्र भय और दुर्घटना से रक्षा करता है तथा साधक को आत्मविश्वास और विजय की प्राप्ति कराता है।

विनियोग मंत्र व उसका अर्थ

विनियोग मंत्र:

ॐ अस्य श्री तारा पंचाक्षर मंत्रस्य। ब्रह्मा ऋषिः। गायत्री छंदः। तारा देवी देवता। ह्रीं बीजं। स्त्रीं शक्ति। हुं कीलकम्। मम सर्वार्थसिद्धये जपे विनियोगः।

अर्थ:
इस विनियोग मंत्र में श्री तारा देवी की उपासना के लिए ऋषि, छंद, देवता, बीज, शक्ति, और कीलक का वर्णन किया गया है। यह मंत्र साधना के दौरान ध्यान केंद्रित करने और मनोबल को स्थिर करने में सहायक है।

दसों दिशाओं का दिग्बंधन मंत्र व उसका अर्थ

दिग्बंधन मंत्र:

  • ॐ ह्रीं नमः पूर्वाय नमः।
  • ॐ ह्रीं नमः आग्नेयाय नमः।
  • ॐ ह्रीं नमः दक्षिणाय नमः।
  • ॐ ह्रीं नमः नैर्ऋत्याय नमः।
  • ॐ ह्रीं नमः पश्चिमाय नमः।
  • ॐ ह्रीं नमः वायव्याय नमः।
  • ॐ ह्रीं नमः उत्तराय नमः।
  • ॐ ह्रीं नमः ईशानाय नमः।
  • ॐ ह्रीं नमः ऊर्ध्वाय नमः।
  • ॐ ह्रीं नमः अधोयाय नमः।

अर्थ:
यह दिग्बंधन मंत्र साधक की सभी दिशाओं से रक्षा करता है। इससे नकारात्मक शक्तियाँ साधना में बाधा नहीं डालतीं। प्रत्येक दिशा में तारा देवी की शक्ति का आवाहन किया जाता है।

तारा पंचाक्षर मंत्र व उसका संपूर्ण अर्थ

तारा पंचाक्षर मंत्र:

॥ॐ ह्रीं स्त्रीं हुं फट्॥

मंत्र का विभाजन और उसका गहरा अर्थ:

  • यह ध्वनि ब्रह्मांड की अनंत शक्ति का प्रतीक है।
  • यह ध्यान केंद्रित करने और दिव्य ऊर्जा को आकर्षित करने में सहायक है।
  1. ह्रीं
  • यह तारा देवी के आह्वान और कृपा का प्रतीक है।
  • “ह्रीं” साधक के मन से अज्ञान और नकारात्मकता को दूर करता है।
  1. स्त्रीं
  • यह स्त्री-शक्ति और सृजन की प्रतीक है।
  • यह मंत्र जीवन में शुभता और ऊर्जा का प्रवाह करता है।
  1. हुं
  • यह ध्वनि साधक को हर प्रकार के भय से मुक्त करती है।
  • यह शक्ति और विजय का प्रतीक है।
  1. फट्
  • यह ध्वनि नकारात्मक शक्तियों को नष्ट करने का प्रतीक है।
  • “फट्” का उच्चारण साधक की रक्षा करता है और दुश्मनों को पराजित करता है।

मंत्र का संपूर्ण अर्थ

ॐ ह्रीं स्त्रीं हुं फट् का उच्चारण करने से साधक तारा देवी की कृपा को आकर्षित करता है।

  • यह मंत्र साधक को भय, दुर्घटनाओं, और आर्थिक परेशानियों से मुक्त करता है।
  • यह आत्मा की शुद्धता को जागृत करता है और जीवन में सकारात्मकता लाता है।
  • मंत्र का जप सभी बाधाओं को दूर करता है और साधक को समृद्धि, ज्ञान, और विजय प्रदान करता है।

जप काल में इन चीजों का सेवन अधिक करें

  1. पवित्र जल: ऊर्जा को बढ़ाने के लिए।
  2. फलों का रस: शरीर को ताजगी प्रदान करने हेतु।
  3. दूध और घी: मानसिक शक्ति और ध्यान केंद्रित करने के लिए।
  4. मेवा: ऊर्जा और शारीरिक बल के लिए।
  5. तुलसी का सेवन: शुद्धता और सकारात्मकता के लिए।

इन पदार्थों के सेवन से साधक का मन और शरीर पूर्णतः साधना के योग्य हो जाता है।

तारा पंचाक्षर मंत्र के लाभ

  1. बुद्धि और ज्ञान की वृद्धि।
  2. आर्थिक तरक्की का मार्ग प्रशस्त।
  3. शत्रुओं पर विजय।
  4. अकस्मात धन प्राप्ति।
  5. भय से मुक्ति।
  6. दुर्घटना से बचाव।
  7. मानसिक तनाव का निवारण।
  8. आत्मविश्वास में वृद्धि।
  9. आत्मा की शक्ति को जागृत करना।
  10. आध्यात्मिक उन्नति।
  11. सकारात्मक ऊर्जा का संचार।
  12. परिवार में सुख-शांति।
  13. सभी प्रकार की बाधाओं का निवारण।
  14. स्वास्थ्य में सुधार।
  15. देवताओं की कृपा प्राप्ति।
  16. सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि।
  17. शुभ अवसरों की प्राप्ति।
  18. मोक्ष का मार्ग प्रशस्त।

तारा पंचाक्षर मंत्र: पूजा सामग्री और मंत्र जप विधि

ये मंत्र साधक को अकस्मात धन, बुद्धि, और विजय प्रदान करने वाला एक अद्भुत मंत्र है। इस मंत्र के प्रभाव से भय, दुर्घटनाओं और आर्थिक कठिनाइयों का नाश होता है। इस मंत्र की साधना सही विधि और नियमों के अनुसार करने से शीघ्र फल प्राप्त होता है।

दिन, अवधि और मुहूर्त

मंत्र जप का सही दिन और समय

  • दिन: मंगलवार, शुक्रवार, या पूर्णिमा।
  • अवधि: मंत्र जप 18 दिनों तक नियमित करें।
  • समय: सूर्योदय से पहले ब्रह्म मुहूर्त में, या रात के समय शुद्ध वातावरण में जप करें।

मंत्र जप की अवधि

प्रत्येक दिन 20 मिनट तक मंत्र का जप करें। यह नियमितता साधक को तीव्र और स्थायी परिणाम प्रदान करती है।

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तारा पंचाक्षर मंत्र जप के लिए पूजा सामग्री

  1. तारा देवी की मूर्ति या चित्र।
  2. शुद्ध घी का दीपक।
  3. अगरबत्ती और कपूर।
  4. सफेद या पीला कपड़ा।
  5. लाल पुष्प और माला।
  6. कच्चा दूध और शहद।
  7. तांबे का लोटा शुद्ध जल से भरा।
  8. पंचामृत और फल।
  9. कुशासन या ऊनी आसन।

पूजन सामग्री का उपयोग शुद्ध मन और भक्ति से करें।

तारा पंचाक्षर मंत्र जप विधि

मंत्र जप की प्रक्रिया

  1. स्नान के बाद स्वच्छ कपड़े पहनें।
  2. पूजा सामग्री को व्यवस्थित करें।
  3. कुशासन पर बैठकर पूर्व दिशा की ओर मुख करें।
  4. तारा पंचाक्षर मंत्र: ॐ ह्रीं स्त्रीं हुं फट्।
  5. रोज २० से २५ मिनट तक मंत्र का जाप करें।
  6. दीपक और अगरबत्ती जलाकर तारा देवी को नमन करें।
  7. यह विधि 18 दिनों तक नियमित करें।

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तारा पंचाक्षर मंत्र जप के नियम

जप के दौरान पालन करने योग्य नियम

  1. उम्र: 20 वर्ष से अधिक के साधक।
  2. लिंग: स्त्री और पुरुष दोनों।
  3. परिधान: सफेद या पीले कपड़े पहनें।
  4. त्याग: धूम्रपान, मद्यपान और मांसाहार का पूर्ण त्याग करें।
  5. ब्रह्मचर्य: जप काल में ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  6. आसन: हमेशा कुश या ऊनी आसन पर बैठें।

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तारा पंचाक्षर मंत्र जप के दौरान सावधानियां

  1. मंत्र जप के समय शुद्धता का ध्यान रखें।
  2. अशुद्ध वातावरण या अशुभ समय में मंत्र जप न करें।
  3. शोर-शराबे वाले स्थानों से बचें।
  4. नीला और काला कपड़ा पहनने से बचें।
  5. मन को विचलित होने से बचाने के लिए एकाग्रता बनाए रखें।
  6. पूजा स्थल पर जल या अग्नि का ध्यानपूर्वक उपयोग करें।

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तारा पंचाक्षर मंत्र से जुड़े प्रश्न और उत्तर

प्रश्न 1: तारा पंचाक्षर मंत्र का जप कब शुरू करना चाहिए?

उत्तर: पूर्णिमा, मंगलवार, या शुक्रवार से मंत्र जप शुरू करना श्रेष्ठ होता है।

प्रश्न 2: मंत्र जप के लिए कौन-सा आसन उपयुक्त है?

उत्तर: कुशासन या ऊनी आसन का उपयोग करें।

प्रश्न 3: क्या महिलाएं यह मंत्र जप कर सकती हैं?

उत्तर: हाँ, महिलाएं शुद्धता के साथ यह मंत्र जप कर सकती हैं।

प्रश्न 4: मंत्र का जप कितने दिनों तक करें?

उत्तर: 18 दिनों तक नियमित जप करें।

प्रश्न 5: क्या नीले और काले कपड़े पहन सकते हैं?

उत्तर: नहीं, मंत्र जप के दौरान सफेद या पीले कपड़े पहनें।

प्रश्न 6: क्या मंत्र जप में धूम्रपान और मद्यपान निषिद्ध है?

उत्तर: हाँ, यह पूरी तरह वर्जित है।

प्रश्न 7: मंत्र जप में कौन-से पुष्प का उपयोग करें?

उत्तर: लाल पुष्प का उपयोग करें।

प्रश्न 8: मंत्र जप से क्या लाभ मिलते हैं?

उत्तर: भय मुक्ति, अकस्मात धन, और मानसिक शांति मिलती है।

प्रश्न 9: क्या ब्रह्मचर्य का पालन आवश्यक है?

उत्तर: हाँ, जप काल में ब्रह्मचर्य का पालन अनिवार्य है।

प्रश्न 10: मंत्र जप के लिए कौन-सा समय सबसे अच्छा है?

उत्तर: ब्रह्म मुहूर्त या रात के समय।

प्रश्न 11: क्या मंत्र जप में भोजन पर ध्यान देना चाहिए?

उत्तर: हाँ, सात्त्विक भोजन करें और मांसाहार से बचें।

प्रश्न 12: तारा पंचाक्षर मंत्र से कौन-कौन सी समस्याएं दूर होती हैं?

उत्तर: भय, दुर्घटनाएं, और आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं।

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