माँ दुर्गा की कृपा के 10 गजब संकेत – नवरात्रि में बदल सकता है भाग्य
Durga Blessings in Navratri नवरात्रि का पावन पर्व माँ दुर्गा की आराधना और उनकी कृपा प्राप्त करने का श्रेष्ठ समय है। शास्त्रों और पुराणों में कहा गया है कि माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त होने पर साधक को जीवन में ऐसे अद्भुत संकेत मिलने लगते हैं, जिन्हें समझकर व्यक्ति अपने भविष्य की दिशा बदल सकता है। ये संकेत केवल आध्यात्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि भौतिक जीवन में भी सुख, समृद्धि और सुरक्षा प्रदान करते हैं।
DivyayogAshram के अनुसार, यदि साधक श्रद्धा और नियमपूर्वक माँ दुर्गा की उपासना करता है तो उसे 10 विशेष संकेत प्राप्त होते हैं, जो यह दर्शाते हैं कि देवी मां प्रसन्न हैं और उसका भाग्य बदलने वाला है।
माँ दुर्गा की कृपा के गजब संकेत
- घर में अचानक शांति और सकारात्मक ऊर्जा का वातावरण बन जाना।
- नींद में देवी का आशीर्वाद स्वरूप सपने आना।
- कठिन कार्य आसानी से संपन्न होना।
- शत्रु और बाधाओं का स्वतः नष्ट हो जाना।
- आर्थिक स्थिति में सुधार और धन का आगमन।
- घर-परिवार में प्रेम और सौहार्द का बढ़ना।
- किसी पवित्र स्थान पर जाने का अवसर मिलना।
- मन में अनायास आनंद और आत्मविश्वास का जागना।
- किसी गुरु या संत का मार्गदर्शन मिलना।
- अचानक किसी बड़े अवसर का हाथ लगना।
माँ दुर्गा मंत्र और विधि
मुख्य मंत्र
ॐ दुं दुर्गायै नमः॥
विधि (Vidhi)
- नवरात्रि के प्रथम दिन स्नान कर शुद्ध वस्त्र पहनें।
- स्वच्छ स्थान पर लाल कपड़ा बिछाकर माँ दुर्गा की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
- दीपक जलाकर, धूप-दीप और पुष्प अर्पित करें।
- 11, 21 या 51 बार “ॐ दुं दुर्गायै नमः” मंत्र का जप करें।
- प्रसाद के रूप में गुड़, नारियल या फल अर्पित करें।
- साधना के बाद परिवार को प्रसाद बांटे और आशीर्वाद लें।
माँ दुर्गा साधना के लाभ
- घर-परिवार में सुख और शांति।
- आर्थिक उन्नति और धन का स्थायित्व।
- शत्रुओं से रक्षा और विजय।
- स्वास्थ्य लाभ और रोगमुक्ति।
- आत्मविश्वास और मानसिक शक्ति में वृद्धि।
- साधक की आभा और आकर्षण बढ़ना।
- नौकरी और व्यापार में तरक्की।
- वैवाहिक जीवन में प्रेम और सौहार्द।
- संतान सुख और परिवार में वृद्धि।
- आध्यात्मिक उन्नति और साधना में सफलता।
- संकट और विपत्तियों से मुक्ति।
- घर में सकारात्मक ऊर्जा का स्थायित्व।
- पूर्वजों की कृपा और आशीर्वाद।
- नकारात्मक शक्तियों और तंत्र बाधाओं से रक्षा।
- जीवन में नए अवसर और प्रगति।
नियम (Niyam)
- साधना काल में सात्विक आहार लें।
- नकारात्मक विचार, झूठ और क्रोध से बचें।
- नियमित समय पर साधना करें।
- स्वच्छता और पवित्रता का पालन अनिवार्य है।
- श्रद्धा और विश्वास के साथ पूजन करें।
कौन कर सकता है माँ दुर्गा की साधना?
- गृहस्थ लोग जो परिवार में सुख-शांति और समृद्धि चाहते हैं।
- विद्यार्थी जो पढ़ाई और करियर में सफलता चाहते हैं।
- साधक जो आध्यात्मिक उन्नति चाहते हैं।
- व्यापारी और नौकरीपेशा लोग जो तरक्की चाहते हैं।
- महिलाएं और पुरुष दोनों श्रद्धा और नियम से साधना कर सकते हैं।
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सामान्य प्रश्न
Q1. क्या माँ दुर्गा की साधना केवल नवरात्रि में ही करनी चाहिए?
नवरात्रि सर्वश्रेष्ठ समय है, लेकिन श्रद्धा से इसे अन्य दिनों में भी किया जा सकता है।
Q2. क्या महिलाएं भी यह साधना कर सकती हैं?
हाँ, महिलाएं भी पूरी श्रद्धा से माँ दुर्गा की उपासना कर सकती हैं।
Q3. क्या इस साधना के लिए गुरु की आवश्यकता है?
साधारण मंत्रजाप बिना गुरु के किया जा सकता है, परंतु गहन साधना गुरु मार्गदर्शन से ही करें।
Q4. क्या बिना मूर्ति के केवल तस्वीर से साधना की जा सकती है?
हाँ, माँ दुर्गा की तस्वीर या प्रतिमा दोनों से साधना सफल होती है।
Q5. क्या यह साधना शत्रु और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करती है?
हाँ, माँ दुर्गा का कृपा स्वरूप साधक को हर प्रकार की बाधा से सुरक्षा देता है।
Q6. कितने दिनों तक यह साधना करनी चाहिए?
नवरात्रि के 9 दिन सर्वश्रेष्ठ हैं, पर साधक इसे अपनी सुविधा अनुसार 11, 21 या 41 दिन तक कर सकता है।
Q7. क्या प्रसाद विशेष होना चाहिए?
नहीं, गुड़, नारियल, फल या कोई भी सात्विक प्रसाद अर्पित कर सकते हैं।
अंत मे
नवरात्रि का पर्व केवल उत्सव नहीं है, बल्कि यह माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त करने का अद्भुत अवसर है। जब साधक को माँ के 10 विशेष संकेत मिलने लगते हैं, तब समझ लेना चाहिए कि उसका भाग्य बदलने वाला है।
DivyayogAshram का मानना है कि श्रद्धा, नियम और सही विधि से की गई माँ दुर्गा साधना साधक को जीवन भर दिव्य आशीर्वाद और सफलता प्रदान करती है।







