गुरूवार, अक्टूबर 17, 2024

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Uchchhishta Lambodara Mantra – Overcoming Obstacles & Wishes

उच्छिष्ठ लंबोदर मंत्र: बाधाओं को हराने और मनोकामना पूर्ण करने का मार्ग

उच्छिष्ठ लंबोदर मंत्र भगवान गणेश का एक अत्यंत प्रभावशाली मंत्र है, जिसका जाप साधकों को अत्यधिक आध्यात्मिक और भौतिक लाभ प्रदान करता है। गणेशजी को लंबोदर के रूप में जाना जाता है, जो समस्त बाधाओं को हरने वाले और सभी कार्यों को निर्विघ्न पूर्ण करने वाले देवता हैं। यह मंत्र विशेष रूप से उच्छिष्ठ महात्म के रूप में गणपति की पूजा के लिए उपयोग किया जाता है। इसका नियमित जाप करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है।

विनियोग मंत्र

ॐ अस्य श्री उच्छिष्ठ लंबोदर महागणपति मंत्रस्य, वशिष्ठ ऋषिः, अनुष्टुप छन्दः, श्री उच्छिष्ठ लंबोदर महागणपति देवता, श्रीमं उच्छिष्ठ लंबोदर गणपति प्रीत्यर्थे जपे विनियोगः।।

विनियोग मंत्र का उद्देश्य है कि इस मंत्र से जो ऊर्जा उत्पन्न होती है वह साधक के द्वारा की जा रही साधना में पूर्णता प्रदान करे।

दसों दिशाओं का दिग्बंधन मंत्र

ॐ भद्रं नो अपि वातय मन्युः सर्वथा रक्षा मां सर्वं दिशायें रक्षा नो अस्तु स्वाहा।।

इस मंत्र का जाप दसों दिशाओं में सुरक्षा और ऊर्जा को बढाता है, जिससे साधक किसी भी नकारात्मक शक्ति से सुरक्षित रहता है।

उच्छिष्ठ लंबोदर मंत्र और उसका संपूर्ण अर्थ

(“दत्तात्रेय तंत्र” के अनुसार)

॥ॐ नमो हस्तिमुखाय लंबोदराय उच्छिष्ठ महात्मने क्रां क्रीं ह्रां घे घे उच्छिष्ठ स्वाहा॥

यह मंत्र भगवान गणेश के हस्तिमुख (हाथी जैसे मुख) और लंबोदर (लंबे पेट वाले) रूप को समर्पित है। ‘उच्छिष्ठ’ का अर्थ है ‘जो बचा हुआ हो’, जिसका संबंध साधना में सामग्रियों के अवशेषों से है। इस मंत्र का जाप करने से गणेशजी साधक को हर प्रकार की बाधा से मुक्त करते हैं और उसकी हर इच्छा पूरी करते हैं।

मंत्र का भावार्थ:

  • हस्तिमुखाय: हाथी के मुख वाले गणेशजी को प्रणाम।
  • लंबोदराय: लंबोदर यानी लंबी तोंद वाले गणेश को नमन।
  • उच्छिष्ठ महात्मने: उच्छिष्ठ रूपी महात्मा के प्रति समर्पण।
  • क्रां क्रीं ह्रां घे घे: बीज मंत्र, जो ऊर्जा और शक्ति का संचार करते हैं।
  • स्वाहा: मंत्र की पूर्णता।

उच्छिष्ठ लंबोदर मंत्र के लाभ

  1. सभी प्रकार की बाधाओं का नाश।
  2. धन-समृद्धि का आगमन।
  3. व्यापार में उन्नति।
  4. स्वास्थ्य में सुधार।
  5. शत्रुओं पर विजय।
  6. मानसिक शांति।
  7. आध्यात्मिक विकास।
  8. पारिवारिक समस्याओं का समाधान।
  9. विवाह में आ रही रुकावटें दूर होना।
  10. बुद्धि और विवेक में वृद्धि।
  11. आत्मविश्वास में वृद्धि।
  12. जीवन में स्थिरता।
  13. गणेशजी की कृपा प्राप्ति।
  14. संतान प्राप्ति।
  15. कार्यों में सफलता।
  16. कर्ज से मुक्ति।
  17. दीर्घायु और सुखमय जीवन।

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पूजा सामग्री और विधि

  • सामग्री: दुर्वा (दूर्वा घास), लौंग, माला (रुद्राक्ष या चंदन), तांबे का पात्र, जल।
  • विधि: दुर्वा को सामने रखकर और मुंह में एक लौंग रखकर इस मंत्र का जाप करना चाहिए। यह जाप श्रद्धा और विश्वास के साथ किया जाना चाहिए।

मंत्र जाप का दिन, अवधि, मुहूर्त

मंत्र जाप किसी भी शुभ दिन से प्रारंभ किया जा सकता है, जैसे बुधवार, जो गणेशजी का दिन होता है। मुहूर्त के लिए प्रातःकाल ब्रह्ममुहूर्त सबसे उत्तम समय माना जाता है।

मंत्र जाप की अवधि

इस मंत्र का जाप 11 से 21 दिनों तक रोज़ाना करना चाहिए। इसे 21 दिनों तक जारी रखने से अत्यधिक शुभ फल प्राप्त होते हैं।

उच्छिष्ठ लंबोदर मंत्र जाप की विधि

  • मंत्र संख्या: 11 माला यानी 1188 मंत्र रोज जप करें।
  • दिन: 11 से 21 दिन तक नियमित रूप से करें।
  • माला: रुद्राक्ष या चंदन की माला का उपयोग करें।

मंत्र जप के नियम

  1. साधक की आयु 20 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
  2. स्त्री और पुरुष दोनों कर सकते हैं।
  3. नीले या काले कपड़े न पहनें।
  4. धूम्रपान, मद्यपान और मांसाहार का सेवन न करें।
  5. ब्रह्मचर्य का पालन करें।

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मंत्र जप में सावधानियां

  1. जाप के दौरान ध्यान और मानसिक शांति बनाए रखें।
  2. दुर्वा और लौंग के बिना मंत्र जप अधूरा माना जाता है।
  3. जाप के समय अपने आसन और स्थान को साफ रखें।

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उच्छिष्ठ लंबोदर मंत्र से संबंधित प्रश्न और उत्तर

प्रश्न 1: उच्छिष्ठ लंबोदर मंत्र क्या है?

उत्तर: उच्छिष्ठ लंबोदर मंत्र भगवान गणेश का एक शक्तिशाली मंत्र है, जो जीवन की सभी बाधाओं को दूर करता है और साधक की हर मनोकामना पूरी करता है।

प्रश्न 2: इस मंत्र का जाप कौन कर सकता है?

उत्तर: 20 वर्ष से ऊपर के स्त्री-पुरुष इस मंत्र का जाप कर सकते हैं, जो नियमों का पालन करने में सक्षम हैं और शुद्धता का ध्यान रखते हैं।

प्रश्न 3: मंत्र का जाप कब करना चाहिए?

उत्तर: इस मंत्र का जाप ब्रह्ममुहूर्त में या शुभ मुहूर्त में करना चाहिए। बुधवार को यह मंत्र जप विशेष रूप से प्रभावी माना जाता है।

प्रश्न 4: मंत्र का जाप कितने दिनों तक करना चाहिए?

उत्तर: उच्छिष्ठ लंबोदर मंत्र का जाप 11 से 21 दिनों तक नियमित रूप से करना चाहिए।

प्रश्न 5: जाप के लिए कितनी माला जपें?

उत्तर: हर दिन 11 माला यानी 1188 मंत्र का जाप करना चाहिए।

प्रश्न 6: जाप के लिए कौन सी माला का प्रयोग करें?

उत्तर: रुद्राक्ष या चंदन की माला सबसे उपयुक्त होती है।

प्रश्न 7: क्या जाप के समय कोई वस्त्र नियम हैं?

उत्तर: हां, जाप के दौरान नीले और काले कपड़े नहीं पहनने चाहिए।

प्रश्न 8: क्या खाने-पीने के कोई नियम हैं?

उत्तर: धूम्रपान, मद्यपान, मांसाहार और अन्य तामसिक वस्तुओं का सेवन वर्जित है। ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।

प्रश्न 9: उच्छिष्ठ लंबोदर मंत्र का लाभ क्या है?

उत्तर: यह मंत्र धन, समृद्धि, स्वास्थ्य, शांति, बाधा नाश, और सफलता प्रदान करता है।

प्रश्न 10: क्या इस मंत्र से शत्रुओं पर विजय प्राप्त हो सकती है?

उत्तर: हां, इस मंत्र का जाप करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है और शत्रु बाधाएं दूर होती हैं।

प्रश्न 11: मंत्र जप के दौरान किन सावधानियों का पालन करें?

उत्तर: जाप के समय मन को शांत रखें, लौंग और दुर्वा का उपयोग अवश्य करें, और शुद्धता बनाए रखें।

प्रश्न 12: क्या उच्छिष्ठ लंबोदर मंत्र से संतान सुख प्राप्त हो सकता है?

उत्तर: हां, इस मंत्र का जाप संतान प्राप्ति के लिए भी किया जाता है, जो इस समस्या से जूझ रहे दंपत्तियों को लाभ प्रदान करता है।

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