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Ugra Tara Mantra- Protection and Power

उग्र तारा देवी साधना – शत्रु नाश और मानसिक शांति का रहस्य

उग्र तारा मंत्र का नियमित जप शक्ति, साहस, और सुरक्षा प्राप्त होती है। यह मंत्र विशेष रूप से जीवन की कठिनाइयों, शत्रुओं से सुरक्षा और आंतरिक शक्ति के लिए जपा जाता है। महाविद्या उग्र तारा साधना में तारा देवी की कृपा से साधक को अद्भुत शक्ति और साहस प्राप्त होता है। इस मंत्र का जप करते समय साधक को मन से शुद्ध और एकाग्र होना चाहिए। यह मंत्र न केवल बाहरी बल्कि आंतरिक शांति और सुरक्षा प्रदान करता है।

उग्र तारा मंत्र व उसका अर्थ

॥ॐ स्त्रीं उग्र तारे मम् रक्षणं करोतु हुं फट्ट॥

इस मंत्र का अर्थ है:
“हे उग्र तारा देवी, आप मेरी रक्षा करें। आप मुझे सभी संकटों से बचाएं और मेरी सुरक्षा करें।”

मंत्र में “स्त्रीं” तारा बीज मंत्र है, जो देवी की शक्ति और आक्रामक ऊर्जा का प्रतीक है। “उग्र तारे” देवी तारा के उग्र और शक्तिशाली स्वरूप का सूचक है, “मम् रक्षणं करोतु” मेरी रक्षा करे। “हुं” और “फट्ट” नकारात्मक शक्तियों और शत्रुओं के विनाश के लिए उच्चारित होते हैं, जिससे साधक को सुरक्षा मिलती है।

उग्र तारा मंत्र के लाभ

  1. शत्रुओं से सुरक्षा।
  2. जीवन में शांति और स्थिरता।
  3. नकारात्मक ऊर्जाओं से रक्षा।
  4. आत्मविश्वास में वृद्धि।
  5. मानसिक शांति।
  6. जीवन में सफलता।
  7. दुर्घटनाओं से सुरक्षा।
  8. धन की प्राप्ति।
  9. मानसिक तनाव का नाश।
  10. आध्यात्मिक उन्नति।
  11. रोगों से मुक्ति।
  12. भय का नाश।
  13. कोर्ट केस में विजय।
  14. आत्म-सुरक्षा।
  15. पारिवारिक सुख।
  16. रिश्तों में मजबूती।
  17. मानसिक और शारीरिक शक्ति में वृद्धि।

उग्र तारा मंत्र विधि

उग्र तारा मंत्र जप के लिए सबसे उपयुक्त दिन मंगलवार और शनिवार होते हैं। इस मंत्र का जप आप 11 से 21 दिनों तक नियमित रूप से कर सकते हैं। मुहूर्त के अनुसार, प्रातःकाल या मध्यरात्रि जप के लिए उत्तम मानी जाती है। जप के समय एकांत और शांत स्थान चुनें, जिससे मन में एकाग्रता बनी रहे।

सामग्री

उग्र तारा मंत्र जप के लिए आवश्यक सामग्री में तारा देवी की मूर्ति या चित्र, लाल फूल, सिंदूर, काले तिल, नारियल, घी का दीपक, और काले वस्त्र शामिल होते हैं। मंत्र जप से पहले अपने आस-पास की सफाई का ध्यान रखें और पूजा सामग्री को व्यवस्थित करें।

उग्र तारा मंत्र जप संख्या

उग्र तारा मंत्र का जप 11 माला रोज़ करना चाहिए। प्रत्येक माला में 108 मंत्र होते हैं। इस प्रकार रोजाना 1188 मंत्र जप करने चाहिए।

मंत्र जप के नियम

  1. उम्र 20 वर्ष के ऊपर होनी चाहिए।
  2. स्त्री-पुरुष दोनों जप कर सकते हैं।
  3. नीले या काले कपड़े न पहनें।
  4. धूम्रपान, मद्यपान, और मांसाहार से दूर रहें।
  5. ब्रह्मचर्य का पालन करें।

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मंत्र जप सावधानी

मंत्र जप करते समय मन को विचलित न होने दें। एकाग्रता और श्रद्धा से मंत्र का उच्चारण करें। जप के समय शुद्धता और पवित्रता का ध्यान रखें। जप के दौरान नियमित ध्यान और साधना करें।

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उग्र तारा मंत्र प्रश्न और उत्तर

प्रश्न 1: क्या उग्र तारा मंत्र साधारण व्यक्ति जप सकता है?
उत्तर: हां, साधारण व्यक्ति भी श्रद्धा से यह मंत्र जप सकता है।

प्रश्न 2: मंत्र जप का सबसे उपयुक्त समय क्या है?
उत्तर: प्रातःकाल या मध्यरात्रि सबसे उपयुक्त समय है।

प्रश्न 3: मंत्र जप के दौरान कौन से रंग के वस्त्र पहनने चाहिए?
उत्तर: सफेद या लाल वस्त्र पहनना उत्तम है।

प्रश्न 4: क्या यह मंत्र शत्रुओं से सुरक्षा करता है?
उत्तर: हां, यह मंत्र शत्रुओं से सुरक्षा प्रदान करता है।

प्रश्न 5: मंत्र जप कितने दिन करना चाहिए?
उत्तर: 11 से 21 दिन तक जप करें।

प्रश्न 6: क्या महिलाएं यह मंत्र जप सकती हैं?
उत्तर: हां, महिलाएं भी यह मंत्र जप सकती हैं।

प्रश्न 7: मंत्र जप के दौरान कौन सी चीजें नहीं करनी चाहिए?
उत्तर: धूम्रपान, मद्यपान, मांसाहार और नकारात्मक सोच से बचें।

प्रश्न 8: मंत्र का जप कहां करना चाहिए?
उत्तर: शांत और एकांत स्थान पर मंत्र जप करें।

प्रश्न 9: क्या इस मंत्र से मानसिक शांति मिलती है?
उत्तर: हां, यह मंत्र मानसिक शांति और स्थिरता देता है।

प्रश्न 10: मंत्र जप के बाद क्या करना चाहिए?
उत्तर: मंत्र जप के बाद ध्यान और तारा देवी की आरती करें।

प्रश्न 11: मंत्र जप के लिए कौन सा फूल प्रयोग करें?
उत्तर: लाल फूल का प्रयोग करें।

प्रश्न 12: क्या इस मंत्र से आध्यात्मिक उन्नति होती है?
उत्तर: हां, यह मंत्र साधक को आध्यात्मिक रूप से उन्नत करता है।

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