कुबेर का खजाना पाने का रास्ता! धनतेरस पर जानें वो 3 चीजें जो लाकर देंगी अनंत धन
Dhanteras with 3 Secrets धनतेरस का दिन देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर दोनों के पूजन के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। यह वह पवित्र समय होता है जब धन और सौभाग्य की ऊर्जा पृथ्वी पर सक्रिय होती है। इस दिन यदि सही विधि से पूजा की जाए और तीन विशेष वस्तुओं को घर लाया जाए, तो कुबेर का आशीर्वाद स्वयं आपके घर में ठहर जाता है।
DivyayogAshram के अनुसार, धनतेरस केवल खरीदारी का पर्व नहीं, बल्कि एक ऊर्जात्मक अवसर है। इस दिन का किया गया प्रयोग या पूजन साधक के लिए दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता, ऋणमुक्ति और समृद्धि का द्वार खोल सकता है।
यहां बताया गया है कि कौन-सी तीन वस्तुएं धनतेरस पर लानी चाहिए, उन्हें कैसे स्थापित करना है, और किन नियमों से पूजा करनी है ताकि कुबेर का खजाना आपके जीवन में स्थायी हो जाए।
धनतेरस पर लाने योग्य तीन चीजें (3 Sacred Things to Bring on Dhanteras)
1. चांदी का सिक्का या पात्र
चांदी चंद्र ऊर्जा का प्रतीक है जो मन, निर्णय और संपत्ति स्थिर रखती है। धनतेरस पर खरीदा गया चांदी का सिक्का या बर्तन कुबेर की कृपा का संकेत होता है।
इसे घर के उत्तर दिशा में रखकर पूजन करें।
सिक्के पर हल्दी और कुमकुम से तिलक लगाएं और मंत्र जप करें।
2. गोमती चक्र (Gomati Chakra)
गोमती चक्र लक्ष्मी और विष्णु दोनों का संयुक्त प्रतीक है। यह वस्तु धन के साथ-साथ सुरक्षा का भी माध्यम है।
धनतेरस की रात 11 गोमती चक्र लाल कपड़े में बांधकर लक्ष्मी-कुबेर पूजन में रखें और अगले दिन तिजोरी में रखें।
3. श्री कुबेर यंत्र या कुबेर मुद्रा
यह भगवान कुबेर की ऊर्जा का प्रतिनिधि है। यंत्र या मुद्रा को पूजन स्थल पर स्थापित करने से धन वृद्धि और निवेश में लाभ मिलता है।
पूजा के बाद इसे तिजोरी या कार्य स्थल के उत्तर दिशा में रखें।
मंत्र और विधि (Mantra and Vidhi)
कुबेर मंत्र:
“ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री कुबेराय नमः॥”
पूजन विधि:
- धनतेरस की शाम स्नान कर लाल या पीले वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें और दीपक जलाएं।
- देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर की मूर्ति या चित्र को स्वच्छ आसन पर रखें।
- चांदी का सिक्का, गोमती चक्र और श्री कुबेर यंत्र को लाल कपड़े पर रखें।
- धूप, दीप, चंदन, पुष्प और मिठाई अर्पित करें।
- उपरोक्त मंत्र का 108 बार जप करें।
- अंत में देवी लक्ष्मी और कुबेर देव से प्रार्थना करें –
“माँ लक्ष्मी, प्रभु कुबेर, मेरे जीवन में धन, सौभाग्य और स्थिरता का वास कराएं।” - पूजा के बाद दीपक स्वयं न बुझाएं।
शुभ मुहूर्त (Muhurat)
धनतेरस 2025 शुभ मुहूर्त:
🕙 शाम 6:50 से रात 8:45 तक (प्रदोष काल)
🕙 अभिजीत मुहूर्त (अतिशुभ समय): दोपहर 12:00 से 12:50 तक
इन दोनों कालों में पूजन करने से कुबेर और लक्ष्मी दोनों की कृपा प्राप्त होती है।
नियम (Niyam)
- धनतेरस के दिन किसी से झगड़ा, उधार या धन देने से बचें।
- घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाना न भूलें, यह लक्ष्मी का प्रवेश द्वार होता है।
- पूजा के समय मौन रखें और पूर्ण श्रद्धा से करें।
- पूजा के बाद मिठाई या प्रसाद किसी गरीब या ब्राह्मण को दान करें।
- पूजा के समय मोबाइल, टीवी या किसी प्रकार का शोर न हो।
- अगले 3 दिन तक रोजाना दीपक जलाकर कुबेर मंत्र का 11 बार जप करें।
लाभ (Benefits)
- अचानक धन वृद्धि और व्यापार में वृद्धि।
- आर्थिक संकट और ऋण से मुक्ति।
- बचत और निवेश में स्थिरता।
- परिवार में सुख, सौभाग्य और संतुलन।
- नया अवसर, प्रमोशन या आर्थिक उन्नति।
- कुबेर और लक्ष्मी की दीर्घकालिक कृपा।
- तिजोरी में धन का लगातार प्रवाह बना रहता है।
सावधानियाँ (Precautions)
- पूजा के समय काला कपड़ा, मोमबत्ती या तेल का दीपक न जलाएं।
- धनतेरस के दिन कबाड़ या पुराने जूते-चप्पल न फेंकें।
- पूजा की वस्तुओं को किसी और को न दें।
- बिना मंत्र उच्चारण के यंत्र स्थापित न करें।
- पूजा के बाद यंत्र या सिक्के को बार-बार न छुएं।
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प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1: क्या यह पूजा बिना पंडित के की जा सकती है?
उत्तर: हाँ, सही विधि और मंत्र के साथ कोई भी व्यक्ति श्रद्धा से यह पूजा कर सकता है।
प्रश्न 2: क्या महिलाएँ कुबेर पूजा कर सकती हैं?
उत्तर: हाँ, देवी लक्ष्मी के साथ कुबेर की आराधना गृहलक्ष्मी के लिए अत्यंत शुभ होती है।
प्रश्न 3: क्या गोमती चक्र पुराने प्रयोग से पुनः उपयोग किया जा सकता है?
उत्तर: नहीं, प्रत्येक वर्ष नया गोमती चक्र लाना चाहिए।
प्रश्न 4: क्या यह पूजा किराये के घर में की जा सकती है?
उत्तर: हाँ, देवी लक्ष्मी भावना में बसती हैं, स्थान में नहीं।
प्रश्न 5: क्या पूजा के बाद वस्तुएँ तिजोरी में रखनी चाहिए?
उत्तर: हाँ, चांदी का सिक्का, कुबेर यंत्र और गोमती चक्र तिजोरी में रखें।
प्रश्न 6: कब तक इसका प्रभाव रहता है?
उत्तर: यदि श्रद्धा और नियम से की जाए, तो पूरे वर्ष तक शुभ फल देती है।
प्रश्न 7: क्या पूजा के बाद दान करना आवश्यक है?
उत्तर: हाँ, दान से धन प्रवाह और कर्म शुद्धता बनी रहती है।
समापन (Conclusion)
धनतेरस का दिन केवल धन अर्जन का नहीं, बल्कि धन चेतना को जगाने का अवसर है। जब आप कुबेर और लक्ष्मी का पूजन शुद्ध मन, सही दिशा और उचित मंत्रों से करते हैं, तो ऊर्जा का प्रवाह स्वतः ही धन रूप में प्रकट होता है।
DivyayogAshram का संदेश सरल है –
“धन अर्जित करने की इच्छा से नहीं, समृद्धि को साझा करने की भावना से पूजा करें। तब कुबेर का खजाना स्वयं आपका हो जाता है।”
इस धनतेरस पर केवल खरीदारी न करें, बल्कि इन तीन दिव्य वस्तुओं को लाकर सही विधि से पूजन करें और देखें कैसे अगले कुछ दिनों में धन का प्रवाह आपके जीवन में खुलता है।