शिव भुजंगम मंत्र का जप से दिव्य सुरक्षा पायें
शिव भुजंगम मंत्र एक शक्तिशाली शिव मंत्र है, जिसका उद्देश्य विघ्नों का नाश और जीवन की रक्षा करना है। इस मंत्र के माध्यम से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं। यह मंत्र शिव के भुजंग रूप का आह्वान करता है, जो समस्त नकारात्मक ऊर्जा और विघ्नों का नाशक है।
शिव भुजंगम मंत्र व उसका अर्थ
मंत्र: ॥ॐ ह्रौं भुजंगेश्वराय विघ्न विनाशय रक्षय रक्षय हुं फट्ट॥
अर्थ: “हे भुजंगेश्वर शिव, विघ्नों का नाश करें, रक्षा करें, रक्षा करें।” इस मंत्र का जाप करने से भगवान शिव स्वयं साधक की रक्षा करते हैं और जीवन की समस्त बाधाओं को दूर करते हैं।
शिव भुजंगम मंत्र का विनियोग
विनियोग मंत्र का उद्देश्य मंत्र के प्रयोग की दिशा और उद्देश्य को स्पष्ट करना है। यह मंत्र, साधक को मंत्र के महत्व और उसके विशेष उपयोग के बारे में जानकारी देता है। शिव भुजंगम मंत्र का विनियोग इस प्रकार है:
विनियोग:
“ॐ अस्य श्री शिव भुजंगम मंत्रस्य, शेष ऋषिः, अनुष्टुप् छन्दः, भगवान् शम्भुः देवता, ह्रौं बीजम्, हुं शक्तिः, फट्ट कीलकम्, विघ्न विनाशनार्थे जपे विनियोगः।”
अर्थ:
इस विनियोग में बताया गया है कि इस शिव भुजंगम मंत्र के ऋषि शेष हैं, छन्द अनुष्टुप् है, देवता भगवान शम्भु (शिव) हैं। मंत्र का बीज ह्रौं है, शक्तिः हुं है, और फट्ट कीलक है। इस मंत्र का मुख्य उद्देश्य विघ्नों का नाश करना है और इसे जप के लिए प्रयोग किया जाता है।
शिव भुजंगम मंत्र
मंत्र: ॥ॐ ह्रौं भुजंगेश्वराय विघ्न विनाशय रक्षय रक्षय हुं फट्ट॥
अर्थ:
इस मंत्र का अर्थ है: “हे भुजंगेश्वर (शिव), विघ्नों का नाश करें, हमारी रक्षा करें, हमारी रक्षा करें।”
शिव भुजंगम मंत्र के लाभ
- विघ्न नाशक: जीवन की सभी बाधाएं और विघ्न दूर होते हैं।
- रक्षा कवच: भगवान शिव की कृपा से साधक की रक्षा होती है।
- शांति प्राप्ति: मन को शांति और संतुलन मिलता है।
- सफलता: सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
- धन प्राप्ति: आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
- स्वास्थ्य लाभ: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- आध्यात्मिक उन्नति: साधना से आत्मिक उन्नति होती है।
- नकारात्मक ऊर्जा नाशक: नकारात्मकता और बुरी शक्तियों का नाश होता है।
- सकारात्मक ऊर्जा: जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- संतान प्राप्ति: संतान सुख प्राप्ति में सहायता मिलती है।
- मानसिक शांति: तनाव और चिंता का नाश होता है।
- स्नेह और प्रेम: परिवार और मित्रों के साथ संबंध सुधारते हैं।
- आत्मविश्वास: आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि होती है।
शिव भुजंगम मंत्र की विधि
- मंत्र जप के लिए शिवालय में जाएं या घर के पूजा स्थल पर बैठें।
- मंत्र जप के लिए उपयुक्त दिन सोमवार है।
- मंत्र जप की अवधि 11 से 21 दिन तक होनी चाहिए।
- शुभ मुहूर्त में, प्रातःकाल या संध्या समय जप करें।
- सफेद या हल्के रंग के वस्त्र पहनें।
- भगवान शिव का ध्यान करें और दीपक जलाएं।
- रुद्राक्ष की माला का उपयोग करें।
- प्रतिदिन 11 माला यानी 1188 मंत्र जप करें।
- जप के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें।
- मंत्र जप के बाद शिव की आरती करें और प्रसाद चढ़ाएं।
शिव भुजंगम मंत्र जप के नियम
- साधक की उम्र 20 वर्ष से ऊपर होनी चाहिए।
- स्त्री-पुरुष दोनों ही इस मंत्र का जाप कर सकते हैं।
- काले और नीले कपड़े न पहनें।
- धूम्रपान, तंबाकू, और मांसाहार का सेवन न करें।
- जप के समय शुद्धता और स्वच्छता का ध्यान रखें।
- मंत्र जप के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें।
- शांत और एकांत स्थान में जप करें।
- जप के समय भगवान शिव का ध्यान और एकाग्रता बनाए रखें।
- नकारात्मक विचारों से बचें और सकारात्मकता बनाए रखें।
- प्रतिदिन एक ही समय पर जप करें।
- भोजन सात्विक हो और दिनचर्या नियमित हो।
- किसी भी प्रकार की अशुद्धता से बचें।
शिव भुजंगम मंत्र जप में सावधानियाँ
- मंत्र जप के दौरान मन को भटकने न दें।
- केवल एकाग्रता और श्रद्धा के साथ जप करें।
- मंत्र का उच्चारण स्पष्ट और सही होना चाहिए।
- जप के बीच में किसी प्रकार की बातचीत या अन्य गतिविधियाँ न करें।
- जप के समय मोबाइल या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग न करें।
- ब्रह्मचर्य का कठोरता से पालन करें।
- पूजा स्थल को स्वच्छ रखें।
- जप के बाद शांति बनाए रखें और जोर से न बोलें।
- यदि कोई गलती हो जाए तो भगवान शिव से क्षमा याचना करें।
- रात्रि में हल्के भोजन का सेवन करें।
- जप के दौरान हर दिन शिवलिंग पर जल अर्पित करें।
- किसी भी प्रकार की नकारात्मकता को स्वयं से दूर रखें।
- श्रद्धा और विश्वास के साथ ही जप करें।
शिव भुजंगम मंत्र से संबंधित प्रश्न और उत्तर
प्रश्न 1: शिव भुजंगम मंत्र क्या है?
उत्तर: शिव भुजंगम मंत्र भगवान शिव का विघ्न विनाशक और रक्षा कवच मंत्र है।
प्रश्न 2: इस मंत्र का अर्थ क्या है?
उत्तर: यह मंत्र भगवान शिव से विघ्नों का नाश और साधक की रक्षा का आह्वान करता है।
प्रश्न 3: शिव भुजंगम मंत्र का जाप कब करना चाहिए?
उत्तर: मंत्र का जाप सोमवार को, प्रातःकाल या संध्या समय में करना चाहिए।
प्रश्न 4: मंत्र जाप की अवधि कितनी होनी चाहिए?
उत्तर: मंत्र जाप की अवधि 11 से 21 दिन तक होनी चाहिए।
प्रश्न 5: मंत्र जाप के लिए कौन-सी माला का उपयोग करें?
उत्तर: रुद्राक्ष की माला का उपयोग मंत्र जाप के लिए उपयुक्त है।
प्रश्न 6: क्या स्त्री और पुरुष दोनों जाप कर सकते हैं?
उत्तर: हाँ, स्त्री और पुरुष दोनों इस मंत्र का जाप कर सकते हैं।
प्रश्न 7: जाप के समय किन कपड़ों का चयन करें?
उत्तर: सफेद या हल्के रंग के कपड़े पहनें, काले और नीले रंग से बचें।
प्रश्न 8: शिव भुजंगम मंत्र के कितने जप करने चाहिए?
उत्तर: प्रतिदिन 11 माला यानी 1188 मंत्र का जाप करना चाहिए।
प्रश्न 9: क्या जाप के दौरान मांसाहार और धूम्रपान कर सकते हैं?
उत्तर: नहीं, जाप के दौरान मांसाहार, धूम्रपान, और तंबाकू का सेवन वर्जित है।
प्रश्न 10: मंत्र जाप के क्या मुख्य लाभ हैं?
उत्तर: मंत्र जाप से विघ्नों का नाश, रक्षा, शांति, और सफलता प्राप्त होती है।
प्रश्न 11: क्या मंत्र जाप के समय ब्रह्मचर्य का पालन आवश्यक है?
उत्तर: हाँ, मंत्र जाप के समय ब्रह्मचर्य का पालन अत्यंत आवश्यक है।
प्रश्न 12: मंत्र जाप के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर: मंत्र का सही उच्चारण, एकाग्रता, और श्रद्धा बनाए रखना चाहिए।