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Vighna Ganapati Mantra for All Obstacles

विघ्न बाधा को नष्ट करने वाले विघ्न गणपति या विघ्न विनायक, भगवान गणेश का एक शक्तिशाली स्वरूप है जो बाधाओं को दूर करने और सफलता प्रदान करने के लिए जाना जाता है। ‘विघ्न‘ का अर्थ है ‘बाधा’ और ‘गणपति‘ का अर्थ है ‘गणों का स्वामी‘। इन्हें विघ्नों और बाधाओं को दूर करने के लिए पूजा जाता है। उनके मंत्रों का जप जीवन में शांति, समृद्धि और सफलता लाने के लिए किया जाता है। विघ्न गणपति की पूजा से मानसिक शांति और पारिवारिक सुख की प्राप्ति होती है।

विघ्न गणपति मंत्र और उसका अर्थ

मंत्र:

अर्थ:
” सर्वव्यापक और अद्वितीय ऊर्जा का प्रतीक है, “गं” गणेश जी का बीज मंत्र है, “विघ्न विनायकाय” विघ्नों को दूर करने वाले विनायक को संबोधित करता है, और “ग्लौं नम:” का अर्थ है विघ्न विनायक को नमस्कार। इस मंत्र का उद्देश्य जीवन में आने वाले सभी विघ्नों और बाधाओं को दूर करना है।

लाभ

  1. मानसिक शांति: इस मंत्र के जप से मन को शांति और स्थिरता मिलती है।
  2. तरक्की: जीवन में उन्नति और सफलता प्राप्त होती है।
  3. कार्य सिद्धि: कार्यों में सफलता प्राप्त करने में सहायता करता है।
  4. विवाहित जीवन: विवाहित जीवन में सुख और शांति बनाए रखता है।
  5. विघ्न बाधा: जीवन में आने वाली विघ्न और परेशानियों को दूर करता है।
  6. रोग मुक्ति: शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्ति दिलाता है।
  7. आर्थिक समस्या: आर्थिक समस्याओं का समाधान करता है।
  8. संबंधित विवाद: पारिवारिक और सामाजिक विवादों का निवारण करता है।
  9. क्लेश मुक्ति: गृह क्लेश और झगड़ों को समाप्त करता है।
  10. मानसिक शक्ति: मानसिक शक्ति और धैर्य को बढ़ाता है।
  11. अध्यात्मिक शक्ति: आध्यात्मिक ऊर्जा और जागरूकता को बढ़ाता है।
  12. ग्रहस्थ सुख: घर और परिवार में सुख और समृद्धि लाता है।
  13. परिवार में सुख शांति: परिवार में सुख और शांति बनाए रखता है।
  14. सफलता: जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने में मदद करता है।
  15. आत्म-संयम: आत्म-संयम और आत्म-नियंत्रण में सहायता करता है।
  16. शक्ति: व्यक्तिगत शक्ति और आत्मविश्वास को बढ़ाता है।
  17. सकारात्मक ऊर्जा: जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
  18. समय प्रबंधन: समय प्रबंधन और कार्यकुशलता में सुधार करता है।
  19. समाज में सम्मान: समाज में मान-सम्मान और प्रतिष्ठा बढ़ाता है।
  20. जीवन में संतुलन: जीवन में संतुलन और स्थिरता लाता है।

सामग्री

  • गणेश जी की प्रतिमा या चित्र
  • लाल वस्त्र या वस्त्र का टुकड़ा
  • रोली या कुमकुम
  • चावल
  • दूर्वा (दूर्वा घास)
  • मोदक या लड्डू
  • धूप और दीप
  • पुष्प (विशेषकर लाल या पीले फूल)
  • पान और सुपारी
  • नारियल

मुहूर्त, दिन, और अवधि

  • मुहूर्त: पूजा के लिए शुभ मुहूर्त का चयन करें, जैसे कि बुधवार या चतुर्थी तिथि।
  • दिन: बुधवार का दिन गणेश जी की पूजा के लिए सबसे उत्तम माना जाता है।
  • अवधि: इस मंत्र का जप कम से कम 21 दिन तक प्रतिदिन 108 बार करना चाहिए।

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सावधानियां

  1. शुद्धता: पूजा और मंत्र जप के दौरान शुद्धता का ध्यान रखें।
  2. मन की शांति: मन को शांत और एकाग्र रखें।
  3. समय: प्रतिदिन एक ही समय पर मंत्र जप करें।
  4. भक्ति: सच्ची भक्ति और विश्वास के साथ मंत्र जप करें।
  5. आसन: पूजा के दौरान एक साफ आसन का प्रयोग करें।

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विघ्न गणपति मंत्र-अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

  1. विघ्न गणपति की पूजा क्यों महत्वपूर्ण है?
    • विघ्न गणपति की पूजा जीवन में शांति, सफलता और विघ्नों से मुक्ति के लिए महत्वपूर्ण है।
  2. विघ्न गणपति मंत्र कब जपना चाहिए?
    • इस मंत्र का जप बुधवार या चतुर्थी तिथि को करना सबसे शुभ होता है।
  3. इस मंत्र का जप कैसे करना चाहिए?
    • शुद्धता और एकाग्रता के साथ, कम से कम 108 बार प्रतिदिन जप करें।
  4. क्या विघ्न गणपति मंत्र केवल विघ्नों के लिए है?
    • नहीं, यह मंत्र मानसिक शांति, आर्थिक समस्या का समाधान, और पारिवारिक सुख के लिए भी लाभकारी है।
  5. क्या इस मंत्र का जप करने से आर्थिक समस्याएं दूर हो सकती हैं?
    • हां, इस मंत्र का जप आर्थिक समस्याओं का समाधान करता है।
  6. विघ्न गणपति की पूजा के लिए कौन सा फूल सबसे अच्छा है?
    • लाल या पीले फूल विघ्न गणपति की पूजा के लिए उत्तम माने जाते हैं।
  7. क्या इस मंत्र का जप विघ्नों से सुरक्षा करता है?
    • हां, यह मंत्र जीवन में विघ्नों और परेशानियों से सुरक्षा प्रदान करता है।
  8. क्या इस मंत्र का जप किसी विशेष समय पर करना चाहिए?
    • हां, सुबह या संध्या के समय इस मंत्र का जप सबसे अच्छा होता है।
  9. इस मंत्र का जप कितने दिन तक करना चाहिए?
    • कम से कम 21 दिन तक नियमित रूप से इस मंत्र का जप करना चाहिए।
  10. क्या विघ्न गणपति की पूजा में मोदक का भोग लगाना चाहिए?
    • हां, मोदक गणेश जी को बहुत प्रिय है और इसका भोग लगाना चाहिए।
  11. क्या इस मंत्र का जप संतान बाधा दूर कर सकता है?
    • हां, इस मंत्र के जप से संतान प्राप्ति की बाधाएं दूर हो सकती हैं।

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