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Vishnu Chalisa Path – Benefits and Method

विष्णू चालीसा पाठ: विधि, लाभ और संपूर्ण चालीसा अर्थ

विष्णू चालीसा पाठ जीवन को सुखमय और शांति से भरने वाला पाठ है। यह पाठ भगवान विष्णु की महिमा का गुणगान करता है, जो सृष्टि के पालनकर्ता और संरक्षणकर्ता माने जाते हैं। विष्णू चालीसा का नियमित पाठ करने से भक्तों को मानसिक शांति, सुख और समृद्धि प्राप्त होती है।

संपूर्ण विष्णू चालीसा पाठ और उसका अर्थ

श्री विष्णु चालीसा

दोहा
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
कहत अयोध्या दास तुम, देहु अभय वरदान॥

चौपाई
जय लक्ष्मीपति जग पालन हारा।
सुप्रसिद्ध मुरली मनोहर प्यारा॥ 1॥

दशरथ सुत संग द्वारिका धारा।
चरण शरण प्रभु दुख निवारा॥ 2॥

कष्ट निवारक विष्णु भगवाना।
हरो संकट कृपालु सुजाना॥ 3॥

गज को दीन बचायो कारी।
दीननाथ दुख भंजन हारी॥ 4॥

शरणागत जन करहु सहाई।
कृपा करहु प्रभु त्रैलोक्य धाई॥ 5॥

नारद आदि ऋषि जन गावे।
वेद पुराण प्रभु यश सुनावे॥ 6॥

सत्य धर्म का पाठ सिखावे।
सबको मोह माया से बचावे॥ 7॥

जय सुदर्शन चक्रधारी मुरारी।
पांचजन्य मधुर स्वरों के कारी॥ 8॥

गरुड़ वाहन लक्ष्मी के स्वामी।
शेष सैया प्रभु अद्भुत नामी॥ 9॥

भक्त वत्सल सुजान विहारी।
नित्य निरंतर मंगल कारी॥ 10॥

सीता राम रूप में आवन।
दुख निवारन सुख हित भावन॥ 11॥

अर्जुन सखा रण में जाकी।
मोह मिटायो सृष्टि दयाकी॥ 12॥

गोपी संग रास रचाई।
गोप गोपिका सब सुखदाई॥ 13॥

लक्ष्मण संग अयोध्या धारा।
रावण मर्दन राम अवतारा॥ 14॥

भव भंजन प्रभु नाम तुम्हारा।
सदा करो संतन पर पारा॥ 15॥

नारायण कर जोर मनावे।
निज जन दुःख कष्ट मिटावे॥ 16॥

अन्तकाल विष्णु पुर जाई।
जहाँ जन्म न मरण समाई॥ 17॥

जो भी नर चालीसा गावे।
सकल कष्ट प्रभु हर ले जावे॥ 18॥

॥ दोहा ॥
अयोध्या दास आस तुम्हारी।
जय जय लक्ष्मीपति मुरारी॥

श्री विष्णु चालीसा का अर्थ (१ से १०)

दोहा
हे श्री गणेश जी, आप सभी शुभ कार्यों के मूल हैं। मैं, अयोध्या दास, आपसे अभय वरदान की प्रार्थना करता हूँ।

चौपाई 1:
हे लक्ष्मीपति भगवान विष्णु, आप संसार के पालनकर्ता हैं और मुरली मनोहर के रूप में प्रिय हैं।

चौपाई 2:
आपने दशरथ के पुत्र राम के रूप में अवतार लिया और द्वारका नगरी का निर्माण किया। आपके चरणों की शरण में सभी दुःख समाप्त होते हैं।

चौपाई 3:
हे भगवान विष्णु, आप सभी कष्टों का नाश करने वाले हैं। कृपया मेरी समस्याओं का समाधान करें।

चौपाई 4:
आपने गज (हाथी) की रक्षा की थी। आप दीनों के नाथ और संकटों का हरण करने वाले हैं।

चौपाई 5:
जो भी आपकी शरण में आता है, उसकी सहायता करते हैं। तीनों लोकों के संरक्षक, आप कृपालु हैं।

चौपाई 6:
नारद और अन्य ऋषि आपके गुण गाते हैं। वेद और पुराण आपकी महिमा का बखान करते हैं।

चौपाई 7:
आप सत्य और धर्म का पाठ सिखाते हैं और सभी को मोह और माया से बचाते हैं।

चौपाई 8:
आपके हाथ में सुदर्शन चक्र है, और आपकी मधुर ध्वनि से सब आनंदित होते हैं।

चौपाई 9:
आपका वाहन गरुड़ है, और आप लक्ष्मी के स्वामी हैं। शेषनाग की शय्या पर विश्राम करने वाले आप अद्भुत हैं।

चौपाई 10:
आप भक्तों के सखा हैं और हमेशा उनके कल्याण के लिए कार्य करते हैं।

श्री विष्णु चालीसा का अर्थ (११ से १८)

चौपाई 11:
आपने राम रूप में अवतार लिया, दुखों का नाश किया और संसार के कल्याण के लिए आए।

चौपाई 12:
आपने अर्जुन के साथ मित्रता की और उनके मोह का नाश किया, जिससे उन्होंने अपने कर्तव्यों को समझा।

चौपाई 13:
आपने गोपियों के साथ रास रचाया, और उन्हें अनंत सुख प्रदान किया।

चौपाई 14:
आपने लक्ष्मण के साथ अयोध्या में अवतार लिया और रावण का वध कर संसार से अन्याय का नाश किया।

चौपाई 15:
आपके नाम का उच्चारण करने से संसार के बंधनों से मुक्ति मिलती है। आप सदा संतों की रक्षा करते हैं।

चौपाई 16:
हे नारायण, मैं हाथ जोड़कर आपकी प्रार्थना करता हूँ कि आप अपने भक्तों के कष्ट हर लें।

चौपाई 17:
मृत्यु के समय जो आपका स्मरण करता है, वह विष्णु लोक को प्राप्त करता है, जहाँ जन्म और मृत्यु का चक्र समाप्त हो जाता है।

चौपाई 18:
जो व्यक्ति इस चालीसा का पाठ करता है, उसके सभी कष्ट भगवान विष्णु हर लेते हैं।

दोहा (अंत)
अयोध्या दास आपकी शरण में है। हे लक्ष्मीपति मुरारी, आपकी जय हो!

विष्णू चालीसा पाठ के लाभ

  1. मानसिक शांति प्राप्त होती है।
  2. जीवन में समृद्धि आती है।
  3. कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है।
  4. संतान सुख की प्राप्ति होती है।
  5. व्यापार में उन्नति होती है।
  6. विवाह में आने वाली बाधाएँ दूर होती हैं।
  7. गृहस्थ जीवन में सुख और शांति आती है।
  8. रोगों से मुक्ति मिलती है।
  9. भय से मुक्ति मिलती है।
  10. दुश्मनों से रक्षा होती है।
  11. भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है।
  12. आध्यात्मिक उन्नति होती है।
  13. विद्या और ज्ञान की प्राप्ति होती है।
  14. आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
  15. धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ती है।
  16. पूजा-पाठ में मन लगता है।
  17. परिवार में शांति और सद्भावना बनी रहती है।

विष्णू चालीसा पाठ की विधि

विष्णू चालीसा पाठ की विधि सरल है, लेकिन उसे श्रद्धा और भक्ति से किया जाना चाहिए।

दिन और अवधि:

चालीसा पाठ का आरंभ किसी शुभ दिन जैसे गुरुवार या एकादशी के दिन करना श्रेष्ठ होता है। 41 दिनों तक नियमित पाठ करना अत्यंत लाभकारी होता है।

मुहूर्त:

पाठ का सर्वश्रेष्ठ समय ब्रह्म मुहूर्त माना जाता है, जो प्रातः 4 से 6 बजे के बीच होता है।

पाठ की विधि:

  1. स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीप जलाएं।
  3. विष्णु सहस्रनाम या विष्णु स्तुति के साथ चालीसा का पाठ आरंभ करें।
  4. पाठ के बाद प्रसाद चढ़ाएं और परिवार के सभी सदस्यों को वितरित करें।

विष्णू चालीसा पाठ के नियम

  1. पूजा और साधना को गुप्त रखें: धार्मिक साधनाओं में गोपनीयता का विशेष महत्व होता है। अपनी साधना के बारे में किसी से चर्चा न करें।
  2. निर्मल ह्रदय से पाठ करें: पाठ करते समय मन और हृदय को पवित्र रखें।
  3. नियमितता बनाए रखें: एक बार पाठ आरंभ करने के बाद 41 दिनों तक बिना रुके नियमित पाठ करें।
  4. पवित्रता बनाए रखें: पूजा स्थल और वस्त्र पवित्र हों।
  5. संकल्प लें: विष्णु चालीसा पाठ आरंभ करने से पहले भगवान विष्णु से एक संकल्प लें और उन्हें साक्षी मानकर इसे पूरा करें।

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विष्णू चालीसा पाठ के दौरान सावधानियां

  1. अहंकार न करें: चालीसा पाठ में अहंकार की भावना से बचें। यह साधना पूर्ण भक्ति से की जानी चाहिए।
  2. अवरोधों से बचें: पाठ के दौरान बाहरी अवरोधों से बचें। शांति का वातावरण बनाए रखें।
  3. नियमों का पालन करें: पाठ के दौरान दिए गए नियमों का पालन करना आवश्यक है।
  4. निरंतरता बनाए रखें: अगर किसी दिन पाठ न कर पाएं, तो अगले दिन दो बार पाठ करें।
  5. पूरी एकाग्रता से करें: पाठ के समय मन को भटकने न दें और भगवान विष्णु के प्रति पूरी भक्ति और श्रद्धा रखें।

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विष्णू चालीसा पाठ से जुड़े प्रश्न और उत्तर

प्रश्न 1: विष्णू चालीसा का पाठ क्यों किया जाता है?

उत्तर: विष्णू चालीसा का पाठ भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। इससे जीवन में सुख, शांति और समृद्धि मिलती है।

प्रश्न 2: विष्णू चालीसा पाठ का सर्वश्रेष्ठ समय क्या है?

उत्तर: विष्णू चालीसा पाठ का सर्वोत्तम समय ब्रह्म मुहूर्त (प्रातः 4 से 6 बजे के बीच) माना जाता है।

प्रश्न 3: विष्णू चालीसा पाठ कितने दिनों तक करना चाहिए?

उत्तर: विष्णू चालीसा पाठ 41 दिनों तक नियमित रूप से करना लाभकारी होता है।

प्रश्न 4: विष्णू चालीसा पाठ के कौन-कौन से लाभ हैं?

उत्तर: इससे मानसिक शांति, समृद्धि, रोगों से मुक्ति और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।

प्रश्न 5: क्या विष्णू चालीसा पाठ को गुप्त रखना चाहिए?

उत्तर: हां, साधना और पूजा को गुप्त रखना विशेष रूप से लाभकारी होता है।

प्रश्न 6: विष्णू चालीसा पाठ के समय कौन-कौन सी सावधानियाँ रखनी चाहिए?

उत्तर: पाठ के दौरान अहंकार से बचना चाहिए और एकाग्रता बनाए रखनी चाहिए। साथ ही नियमों का पालन करना चाहिए।

प्रश्न 7: क्या विष्णू चालीसा पाठ करने से दुश्मनों से रक्षा होती है?

उत्तर: हां, विष्णू चालीसा पाठ से शत्रुओं का नाश होता है और व्यक्ति सुरक्षित रहता है।

प्रश्न 8: विष्णू चालीसा का पाठ किस दिन आरंभ करना चाहिए?

उत्तर: गुरुवार या एकादशी के दिन पाठ आरंभ करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।

प्रश्न 9: क्या विष्णू चालीसा से रोगों से मुक्ति मिलती है?

उत्तर: हां, इस पाठ से शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्ति मिलती है।

प्रश्न 10: विष्णू चालीसा का पाठ किस विधि से करना चाहिए?

उत्तर: स्नान करके, पवित्र वस्त्र धारण कर, भगवान विष्णु के सामने दीप जलाकर पाठ आरंभ करना चाहिए।

प्रश्न 11: विष्णू चालीसा पाठ के बाद क्या करना चाहिए?

उत्तर: पाठ के बाद प्रसाद चढ़ाएं और सभी में वितरित करें।

प्रश्न 12: क्या विष्णू चालीसा पाठ में कोई विशेष सामग्री की आवश्यकता होती है?

उत्तर: विष्णु चालीसा पाठ के लिए घी का दीपक, ताजे फूल और भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर आवश्यक होती है।

अंत में

विष्णू चालीसा पाठ साधना का एक अद्भुत माध्यम है। इसे नियमित रूप से करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। भगवान विष्णु की कृपा से सभी संकट दूर होते हैं और जीवन में उन्नति के मार्ग खुलते हैं।

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