विश्वकर्मा जयंती 2024 – पूजा करने के नियम, मंत्र और लाभ
विश्वकर्मा जयंती एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो विश्वकर्मा, निर्माण और तकनीक के देवता की पूजा के लिए मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो निर्माण कार्य, इंजीनियरिंग, और तकनीकी क्षेत्र में कार्यरत हैं। विश्वकर्मा को वास्तु शिल्प, निर्माण और सभी प्रकार की कलात्मक गतिविधियों का देवता माना जाता है।
पूजा का दिन
इस वर्ष विश्वकर्मा जयंती आमतौर पर हर साल 17 सितंबर 2024 को मनाई जायेगी है। यह दिन खासतौर पर कारखानों, उद्योगों, और कार्यस्थलों पर पूजा के लिए विशेष माना जाता है।
पूजा विधि
1. प्रारंभ
पूजा की शुरुआत स्नान करने और स्वच्छ वस्त्र पहनने से करें। फिर, पूजा स्थल को स्वच्छ करके वहाँ एक चौकी रखें।
2. स्थापित करना
विश्वकर्मा की मूर्ति या चित्र को पूजा स्थल पर स्थापित करें। इसे सुंदर कपड़े से ढक दें और फूल चढ़ाएं।
3. पूजन सामग्री
दीपक, अगरबत्ती, पुष्प, चावल, मिठाई, फल, और पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी, और शक्कर) तैयार रखें।
4. पूजा विधि
दीपक जलाएं और भगवान को आह्वान करें। फिर, उन्हें पंचामृत से स्नान कराएं और वस्त्र पहनाएं। अब, पूजा मंत्र का जाप करें और भगवान को फूल अर्पित करें।
5. आरती
पूजा के अंत में आरती करें और भगवान के समक्ष दीपक दिखाएं। इसके बाद, सभी को प्रसाद वितरित करें।
पूजा मंत्र
- “ॐ ऐं श्रीं श्रीं विश्वकर्मणे नमः” – यह मंत्र भगवान विश्वकर्मा की आराधना के लिए प्रयोग होता है।
- “ॐ ऐं श्रीं विश्वकर्मा महायोगी नमः” – यह मंत्र विशेष रूप से विश्वकर्मा की कृपा प्राप्त करने के लिए है।
पूजा के दिन क्या खाएं और क्या न खाएं
खाने के लिए
पूजा के दिन साबूदाना खिचड़ी, फल, मिठाई, और ताजे पकवान अच्छे होते हैं। इनसे पूजा का महत्व बढ़ता है और पवित्रता बनी रहती है।
न खाने के लिए
मांसाहारी भोजन, शराब, और अन्य तामसिक पदार्थों से दूर रहना चाहिए। ये पूजा की पवित्रता को प्रभावित कर सकते हैं।
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विश्वकर्मा जयंती पूजा के समय
पूजा का समय प्रात: 6 बजे से लेकर 10 बजे तक उत्तम माना जाता है। इस समय के भीतर पूजा करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं।
विश्वकर्मा जयंती नियम और सावधानी
- स्वच्छता: पूजा स्थल और व्यक्ति की स्वच्छता का ध्यान रखें।
- सही समय: पूजा के लिए सही समय का चयन करें।
- पवित्रता: भोजन और पूजा सामग्री पवित्र होनी चाहिए।
- समर्पण: पूजा के दौरान ध्यान और श्रद्धा महत्वपूर्ण है।
विश्वकर्मा जयंती पूजा से लाभ
- शांति: पूजा से मन को शांति मिलती है।
- सफलता: कार्यस्थल में सफलता प्राप्त होती है।
- समृद्धि: आर्थिक समृद्धि में वृद्धि होती है।
- सुरक्षा: दुर्घटनाओं से बचाव होता है।
- संतुलन: जीवन में संतुलन और स्थिरता बनी रहती है।
- सम्बंध: परिवार और समाज में अच्छे संबंध बनते हैं।
- सृजनशीलता: सृजनशीलता में वृद्धि होती है।
- उन्नति: पेशेवर जीवन में उन्नति होती है।
- समर्पण: कार्य के प्रति समर्पण भाव बढ़ता है।
- स्वास्थ्य: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- सकारात्मकता: सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- धन लाभ: आर्थिक लाभ और धन वृद्धि होती है।
- ज्ञान: तकनीकी और ज्ञान में वृद्धि होती है।
- संगठन: कार्यस्थल में बेहतर संगठन की स्थिति बनती है।
- आशीर्वाद: भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
विश्वकर्मा जयंती पूजा से संबंधित प्रश्न और उत्तर
1. विश्वकर्मा जयंती क्यों मनाई जाती है?
विश्वकर्मा जयंती निर्माण और तकनीक के देवता विश्वकर्मा की पूजा के लिए मनाई जाती है।
2. पूजा के लिए सबसे अच्छा समय क्या है?
सुबह 6 से 10 बजे के बीच पूजा करना सबसे अच्छा होता है।
3. पूजा के लिए कौन सी सामग्री की आवश्यकता होती है?
दीपक, अगरबत्ती, फूल, चावल, मिठाई, फल, और पंचामृत की आवश्यकता होती है।
4. पूजा के दिन क्या खाना चाहिए?
साबूदाना खिचड़ी, फल, मिठाई, और ताजे पकवान खाएं।
5. क्या न खाएं पूजा के दिन?
मांसाहारी भोजन, शराब, और तामसिक पदार्थों से बचें।
6. पूजा का विधि क्या है?
विश्वकर्मा की मूर्ति स्थापित करें, पूजा सामग्री से स्नान कराएं, मंत्र जाप करें और आरती करें।
7. विश्वकर्मा का क्या महत्व है?
विश्वकर्मा निर्माण, वास्तु, और तकनीकी क्षेत्रों के देवता हैं। उनकी पूजा से कार्यस्थल में सफलता मिलती है।
8. क्या पूजा के बाद प्रसाद देना चाहिए?
हाँ, पूजा के बाद प्रसाद वितरित करना शुभ होता है।
9. क्या विश्वकर्मा जयंती केवल औद्योगिक क्षेत्रों में मनाई जाती है?
नहीं, इसे सभी कार्यस्थलों और घरों में भी मनाया जा सकता है।
10. क्या विश्वकर्मा की मूर्ति घर में रख सकते हैं?
हाँ, विश्वकर्मा की मूर्ति घर में भी रख सकते हैं, विशेषकर पूजा स्थल पर।
11. क्या पूजा के दिन खास नियम होते हैं?
हां, स्वच्छता, पवित्रता, और श्रद्धा का पालन करना आवश्यक है।
12. पूजा का क्या लाभ होता है?
पूजा से शांति, सफलता, समृद्धि, और भगवान का आशीर्वाद मिलता है।
इस प्रकार, विश्वकर्मा जयंती पूजा से न केवल भौतिक लाभ होते हैं बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक शांति भी प्राप्त होती है। यह दिन विशेष रूप से कार्यस्थलों और घरों में समृद्धि और सफलता की कामना के लिए महत्वपूर्ण होता है।