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Your Sadhana Journey- Dispelling Common Doubts

आपकी साधना यात्रा: सामान्य शंकाओं और समाधान

Your Sadhana Journey – साधना मानव जीवन को दिव्यता की ओर ले जाने वाला वह मार्ग है, जिस पर चलकर साधक न केवल आत्मिक शांति बल्कि भौतिक सफलता भी प्राप्त करता है। लेकिन साधना शुरू करने वाले बहुत से लोग अलग-अलग शंकाओं में उलझ जाते हैं। जैसे – क्या मंत्र सही ढंग से उच्चारित हो रहा है? बिना गुरु के साधना सफल होगी या नहीं? साधना का सही समय कौन सा है?
DivyayogAshram का मानना है कि इन शंकाओं का समाधान मिलते ही साधक का मार्ग स्पष्ट हो जाता है और उसकी साधना यात्रा सहज, सरल और सफल बन जाती है।


साधना के लिए मंत्र और विधि

मुख्य मंत्र 

ॐ ह्रौं नमः शिवाय

यह ६ अक्षरी मंत्र सबसे सरल, प्रभावशाली और सार्वभौमिक मंत्र माना जाता है।

विधि (Vidhi)

  1. प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. घर के पवित्र स्थान या मंदिर में आसन बिछाएं।
  3. दीपक, धूप और शुद्ध जल से स्थान को ऊर्जावान बनाएं।
  4. शांत मन से भगवान शिव या अपने इष्ट का ध्यान करें।
  5. रुद्राक्ष माला या बिना माला भी जप किया जा सकता है।
  6. मंत्र का उच्चारण स्पष्ट, मध्यम स्वर और नियमित लय में करें।
  7. साधना पूर्ण होने पर हाथ जोड़कर प्रार्थना करें और प्रसाद अर्पित करें।

साधना के लाभ

  1. मन की शांति और स्थिरता।
  2. नकारात्मक विचारों से मुक्ति।
  3. एकाग्रता और स्मरण शक्ति में वृद्धि।
  4. शारीरिक स्वास्थ्य और ऊर्जा में सुधार।
  5. घर-परिवार में सौहार्द और प्रेम।
  6. आत्मविश्वास और निर्णय क्षमता का विकास।
  7. आर्थिक स्थिरता और धन वृद्धि।
  8. शत्रु और बाधाओं से रक्षा।
  9. रोगों से लड़ने की क्षमता में वृद्धि।
  10. आध्यात्मिक चेतना का विस्तार।
  11. गुरु और देवकृपा की प्राप्ति।
  12. भूत-प्रेत और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा।
  13. जीवन में नए अवसरों का निर्माण।
  14. कर्म शुद्धि और पाप निवारण।
  15. मोक्ष और आत्मिक उन्नति की प्राप्ति।

साधना के नियम (Niyam)

  • साधना काल में सात्विक आहार लें।
  • नियमित समय पर साधना करना श्रेष्ठ है।
  • साधना स्थल को स्वच्छ और पवित्र रखें।
  • नकारात्मक विचार, झूठ और क्रोध से बचें।
  • केवल श्रद्धा और विश्वास से साधना करें।
  • बिना गुरु की दीक्षा के गहन तांत्रिक साधना न करें।
  • साधना पूर्ण होने के बाद दान-पुण्य अवश्य करें।

कौन कर सकता है साधना?

  • विद्यार्थी जो पढ़ाई में सफलता चाहते हैं।
  • गृहस्थ लोग जो शांति और समृद्धि की तलाश में हैं।
  • व्यापारी और नौकरीपेशा लोग जो उन्नति चाहते हैं।
  • महिलाएं जो परिवार की सुरक्षा और सुख चाहती हैं।
  • साधक जो आध्यात्मिक प्रगति और सिद्धि की तलाश में हैं।
  • वृद्ध लोग जो आत्मिक शांति और मोक्ष चाहते हैं।

सामान्य प्रश्न 

Q1. क्या बिना गुरु के साधना सफल हो सकती है?
हाँ, सामान्य मंत्र-जाप और ध्यान बिना गुरु के संभव है, लेकिन गहन तांत्रिक साधना के लिए गुरु अनिवार्य है।

Q2. साधना का सर्वोत्तम समय कौन सा है?
प्रातः ब्रह्ममुहूर्त और संध्या काल सबसे शुभ माने जाते हैं।

Q3. क्या महिलाएं साधना कर सकती हैं?
हाँ, श्रद्धा और शुद्ध आचरण से महिलाएं भी साधना कर सकती हैं।

Q4. क्या साधना के लिए माला आवश्यक है?
नहीं, माला केवल गिनती और एकाग्रता का साधन है, बिना माला भी साधना की जा सकती है।

Q5. कितने दिनों तक साधना करनी चाहिए?
कम से कम 11, 21 या 41 दिन नियमित साधना करना श्रेष्ठ है।

Q6. क्या साधना केवल मंदिर में ही करनी चाहिए?
नहीं, घर का पवित्र स्थान भी उतना ही उपयुक्त है।

Q7. साधना के बाद क्या करना चाहिए?
साधना के बाद देवता का धन्यवाद करें, प्रसाद अर्पित करें और संभव हो तो दान करें।


अंत मे

साधना का मार्ग सरल है, बस श्रद्धा और नियम का पालन आवश्यक है। जब साधक अपनी शंकाओं को दूर कर सही विधि से साधना करता है, तो उसके जीवन में सुख, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति स्वतः आती है।
DivyayogAshram का मानना है कि साधना केवल पूजा-पाठ नहीं, बल्कि आत्मा को दिव्यता से जोड़ने का सशक्त माध्यम है।


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