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Parvati gupta Chalisa paath for wishes

सुख-समृद्धि व सौभाग्य का आशिर्वाद देने वाली पार्वती चालीसा एक महत्वपूर्ण हिन्दू भक्ति पाठ है, जो माता पार्वती की स्तुति और महिमा का वर्णन करता है। माँ पार्वती, भगवान शिव की पत्नी और गणेश तथा कार्तिकेय की माता हैं। उन्हें शक्ति, भक्ति, और करूणा की देवी माना जाता है। पार्वती चालीसा के नियमित पाठ से भक्तों को माँ पार्वती की कृपा प्राप्त होती है और उनके जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और संतोष का संचार होता है।

पार्वती चालीसा

॥ दोहा ॥
श्री गणपति गुरु ध्याइ कर, आरंभ करौं पाठ।
श्री पार्वती चालीसा सुन, हरौ क्लेश विकार॥
जय जय गिरिवर राज किशोरी। जय महेश मुख चंद चकोरी॥

जय उमा मंगल करिहारी। जय गंगा त्रिपथग प्रवाहिनी॥

जय गिरिजा अष्टभुजा धारी। जय जय स्यांम राम कल्याणी॥

जय शिवानी, जय जय अति प्रियँ। जय जगदम्बा त्रिपुर भैरवी॥

जय महेश मुख चंद की जोड़ी। जय गिरिराज किशोरी अति गोरी॥

जय आद्या शक्ति जगदम्बे। जय जगदम्बा दानव दल खम्बे॥

जय अम्बे जय अम्बे सुखधामिनी। जय जय अति मंगल गुणखानी॥

नवनिधि को सुख देने वाली। दुःख दारिद्र्य विनाशिनी काली॥

सहस्र चंद्रदिवाकर गाता। विष्णु सदा यह जाप सुनाता॥

महालक्ष्मी तुम ही भवानी। आदि रूप समस्त भुवानी॥

राम सुमिरि सिय मानस पूजा। नित नवनीत वृतिका दूजा॥

ध्यान जोत जपत अनूपा। शम्भु करे सादर यह धूपा॥

सोमनाथ ध्यान धरत निशिदिन। जान सदा तेरी महिमा वदन॥

कंचन थार कपूर की बाती। हरिकर ध्यान धरत रघुराती॥

हर हर शम्भु जय अंबिके देवी। जय गोरी शिव मुनि मन बेवी॥

नाथ ध्यान धरि ध्यान लगावत। जो यह चालीसा गावे॥

सकल मनोरथ फल पावे॥

पार्वती चालीसा पाठ के लाभ

  1. मानसिक शांति: पार्वती चालीसा का पाठ करने से मन में शांति और स्थिरता आती है।
  2. आध्यात्मिक प्रगति: यह आध्यात्मिक मार्ग पर चलने वालों के लिए लाभदायक होता है।
  3. स्वास्थ्य लाभ: इससे स्वास्थ्य में सुधार होता है और बीमारियों से मुक्ति मिलती है।
  4. सकारात्मक ऊर्जा: पार्वती चालीसा पढ़ने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  5. धन-संपत्ति: आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और धन-धान्य की प्राप्ति होती है।
  6. संकटों से मुक्ति: जीवन के संकटों और समस्याओं का समाधान होता है।
  7. संतान सुख: जिन लोगों को संतान सुख की प्राप्ति नहीं हो रही, उनके लिए यह लाभदायक है।
  8. दांपत्य जीवन में सुख: वैवाहिक जीवन में सुख और समृद्धि आती है।
  9. भय का नाश: सभी प्रकार के भय और अज्ञानता का नाश होता है।
  10. शत्रुओं का नाश: दुश्मनों और विरोधियों से रक्षा होती है।
  11. ईश्वरीय कृपा: माँ पार्वती की कृपा प्राप्त होती है।
  12. धार्मिक लाभ: धर्म-कर्म में रुचि बढ़ती है।
  13. आत्मविश्वास में वृद्धि: आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि होती है।
  14. मुक्ति का मार्ग: मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।
  15. शक्ति और साहस: मानसिक और शारीरिक शक्ति में वृद्धि होती है।
  16. धैर्य और सहनशीलता: जीवन में धैर्य और सहनशीलता आती है।
  17. विद्या और ज्ञान: ज्ञान और विद्या की प्राप्ति होती है।
  18. समाज में प्रतिष्ठा: समाज में मान-सम्मान और प्रतिष्ठा मिलती है।
  19. कर्मों का फल: अच्छे कर्मों का फल शीघ्र ही प्राप्त होता है।
  20. सकारात्मक दृष्टिकोण: जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित होता है।

पार्वती चालीसा पाठ विधि

पार्वती चालीसा का पाठ करने के लिए निम्नलिखित विधि अपनाई जा सकती है:

  1. साफ-सफाई: पाठ करने से पहले स्नान करके साफ कपड़े पहनें।
  2. पूजा स्थान: एक शांत और साफ स्थान पर माँ पार्वती की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  3. प्रारंभिक मंत्र: पार्वती चालीसा पाठ शुरू करने से पहले गणेश वंदना और अन्य प्रारंभिक मंत्रों का पाठ करें।
  4. दीप प्रज्वलन: दीपक जलाएं और अगरबत्ती जलाएं।
  5. आसन: स्वच्छ आसन पर बैठकर पाठ करें।
  6. जल और पुष्प: एक लोटा जल और पुष्प माँ पार्वती के चरणों में अर्पित करें।
  7. संकल्प: एक छोटा संकल्प लें कि आप यह पाठ किस उद्देश्य से कर रहे हैं।
  8. पाठ: पूरे मनोयोग से पार्वती चालीसा का पाठ करें।
  9. आरती: पाठ समाप्त होने के बाद पार्वती आरती करें।
  10. प्रसाद: अंत में सभी को प्रसाद वितरित करें।

पार्वती चालीसा का दिन, अवधि और मुहुर्त

  • दिन: किसी भी दिन पार्वती चालीसा का पाठ किया जा सकता है, लेकिन विशेष रूप से सोमवार और शुक्रवार को करना अधिक शुभ माना जाता है।
  • अवधि: किसी विशेष अवसर पर या नियमित रूप से दैनिक रूप में भी किया जा सकता है।
  • मुहुर्त: ब्रह्म मुहुर्त (सुबह 4-6 बजे) में पाठ करना सबसे अच्छा माना जाता है। इसके अलावा, संध्या समय (शाम 6-8 बजे) में भी पाठ किया जा सकता है।

पार्वती चालीसा के नियम

  1. शुद्धता: शरीर, मन और वाणी की शुद्धता का ध्यान रखें।
  2. संकल्प: बिना किसी विक्षेप के पाठ करें।
  3. समय: नियमित समय पर पाठ करें।
  4. आसन: एक निश्चित स्थान पर बैठकर पाठ करें।
  5. भक्ति: पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ पाठ करें।
  6. नियमितता: नियमित रूप से पाठ करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
  7. प्रसाद: पाठ के बाद प्रसाद का वितरण अवश्य करें।

पार्वती चालीसा पाठ सावधानियां

  1. ध्यान: पाठ करते समय मन को एकाग्र रखें और इधर-उधर की बातें न सोचें।
  2. स्थिरता: एक ही स्थान पर बैठकर पाठ करें, बार-बार उठना नहीं चाहिए।
  3. समय: नियमित समय पर पाठ करें, समय का उल्लंघन न करें।
  4. श्रद्धा: पाठ करते समय माँ पार्वती के प्रति पूर्ण श्रद्धा और विश्वास रखें।
  5. साफ-सफाई: पाठ करने के स्थान को साफ और पवित्र रखें।
  6. साधना: अन्य किसी साधना में विघ्न न डालें।
  7. ध्यान: पाठ करते समय ध्यान और प्राणायाम का भी अभ्यास करें।
  8. धूम्रपान: पाठ के दौरान धूम्रपान, शराब आदि का सेवन न करें।
  9. वाणी: अपशब्दों का प्रयोग न करें।
  10. सात्विक आहार: सात्विक भोजन का सेवन करें।

पार्वती चालीसा पाठ- सामान्य प्रश्न

  1. पार्वती चालीसा क्या है?
    पार्वती चालीसा माँ पार्वती की स्तुति और महिमा का वर्णन करने वाला भक्ति पाठ है।
  2. पार्वती चालीसा का पाठ कब करना चाहिए?
    किसी भी दिन किया जा सकता है, लेकिन विशेष रूप से सोमवार और शुक्रवार को करना शुभ माना जाता है।
  3. पार्वती चालीसा का पाठ कैसे करना चाहिए?
    शुद्धता और श्रद्धा के साथ, नियमित समय पर, साफ-सुथरे स्थान पर, संकल्प लेकर पाठ करें।
  4. पार्वती चालीसा के पाठ से क्या लाभ होते हैं?
    मानसिक शांति, स्वास्थ्य लाभ, आर्थिक समृद्धि, संतान सुख, भय का नाश आदि अनेक लाभ होते हैं।
  5. क्या पार्वती चालीसा का पाठ विशेष अवसरों पर ही करना चाहिए?
    नहीं, पार्वती चालीसा का पाठ किसी भी समय किया जा सकता है, विशेष अवसरों पर इसका महत्व और बढ़ जाता है।
  6. पार्वती के प्रमुख रूप कौन-कौन से हैं?
    माँ पार्वती के प्रमुख रूप हैं – दुर्गा, काली, उमा, गौरी, आदि शक्ति।
  7. पार्वती चालीसा का पाठ कितनी बार करना चाहिए?
    अपनी श्रद्धा और समय के अनुसार, दैनिक या साप्ताहिक रूप से कर सकते हैं।
  8. क्या पार्वती चालीसा का पाठ करने से शत्रु बाधा दूर होती है?
    हां, पार्वती चालीसा का पाठ करने से शत्रुओं का नाश होता है और सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं।
  9. क्या पार्वती चालीसा का पाठ करने से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है?
    हां, पार्वती चालीसा का पाठ करने से धन-संपत्ति की प्राप्ति होती है और आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
  10. क्या पार्वती चालीसा का पाठ करने से सभी समस्याओं का समाधान होता है?
    हां, पार्वती चालीसा का पाठ करने से जीवन की अनेक समस्याओं का समाधान होता है।
  11. पार्वती चालीसा का पाठ करने के लिए कौन-कौन से नियम हैं?
    शुद्धता, नियमितता, श्रद्धा, समय का पालन आदि नियम हैं।
  12. क्या पार्वती चालीसा का पाठ करने से भय दूर होता है?
    हां, पार्वती चालीसा का पाठ करने से सभी प्रकार के भय और अज्ञानता का नाश होता है।
  13. क्या पार्वती चालीसा का पाठ करने से धन-संपत्ति मिलती है?
    हां, पार्वती चालीसा का पाठ करने से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और धन-धान्य की प्राप्ति होती है।

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