Jaya Ekadashi Vrat – Benefits, Rituals & Complete Guide

जया एकादशी व्रत: पूजन विधि, मंत्र और अद्भुत लाभ

जया एकादशी व्रत भगवान विष्णु की उपासना का महापर्व है। यह व्रत पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को जया एकादशी मनाई जाती है। इस व्रत का पालन व्यक्ति को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष चारों की सिद्धि प्रदान करता है।

मुहूर्त 2025

व्रत का मुहूर्त शुभ समय पर रखना चाहिए। 2025 में जया एकादशी की तिथि इस प्रकार है:

  • तिथि आरंभ: 7 फरवरी रात 9 बजकर 26 मिनट।
  • तिथि समाप्त: 8 फरवरी रात 8 बजकर 15 मिनट पर समाप्त।
  • पारण समय: 9 फरवरी, प्रातः 7:00 से 9:30 बजे तक।

सामग्री और विधि

सामग्री:

  • दीपक, अगरबत्ती, चंदन।
  • तिल, फल, पंचामृत।
  • तुलसी पत्र, गंगाजल।
  • पीले वस्त्र, धूप।
  • अक्षत, भगवान विष्णु का चित्र।

व्रत विधि:

  1. प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. भगवान विष्णु का चित्र या मूर्ति स्थापित करें।
  3. दीप जलाकर, “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।
  4. तुलसी पत्र और चंदन से पूजा करें।
  5. फल और पंचामृत का भोग लगाएं।

व्रत में क्या खाएं और क्या न खाएं

खाएं:

  • फल, दूध, सूखे मेवे।
  • साबूदाना खिचड़ी, सेंधा नमक।
  • नारियल पानी, शहद।

न खाएं:

  • लहसुन, प्याज, अनाज।
  • तामसिक भोजन और मांसाहार।
  • बासी और अन्न-युक्त भोजन।

जया एकादशी व्रत के लाभ

  1. पापों का नाश।
  2. मोक्ष की प्राप्ति।
  3. स्वास्थ्य में सुधार।
  4. धन और संपत्ति में वृद्धि।
  5. वैवाहिक जीवन में सुख।
  6. संतान प्राप्ति।
  7. दैवीय कृपा।
  8. शत्रुओं का नाश।
  9. मानसिक शांति।
  10. पुण्य की प्राप्ति।
  11. दान का महत्व।
  12. भगवान विष्णु का आशीर्वाद।
  13. आध्यात्मिक उन्नति।
  14. परिवार की समृद्धि।
  15. रोगों से मुक्ति।
  16. आत्मा की शुद्धि।
  17. दीर्घायु जीवन।

व्रत के नियम

  1. ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  2. हिंसा, क्रोध और झूठ से बचें।
  3. ध्यान और जाप करें।
  4. रात्रि जागरण करें।
  5. श्रद्धा और भक्ति से पूजा करें।

जया एकादशी व्रत कथा

जया एकादशी का व्रत हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा कर उनके आशीर्वाद प्राप्त किए जाते हैं। जया एकादशी व्रत कथा को सुनने और उसका पालन करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

व्रत का महत्व
जया एकादशी का व्रत आत्मशुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है।

व्रत कथा

जया एकादशी की कथा महाभारत में उल्लेखित है। प्राचीन काल में, नंदनवन में एक सुंदर स्थान था जहाँ देवता और गंधर्व रहते थे। वहां माल्यवान और पुष्पवती नामक दो गंधर्व संगीतकार थे। एक दिन, गंधर्व माल्यवान भगवान इंद्र के समक्ष गान प्रस्तुति दे रहे थे, लेकिन पुष्पवती से मोहित होकर, वे ध्यान भंग कर बैठे। उनकी इस गलती पर इंद्र ने उन्हें श्राप देकर पिशाच योनि में भेज दिया।

पिशाच योनि में जीवन व्यतीत करते हुए, दोनों ने एकादशी के दिन अनजाने में उपवास रखा और भगवान विष्णु की स्तुति की। उनके इस पुण्य कार्य के कारण उन्हें पिशाच योनि से मुक्ति मिली और पुनः दिव्य रूप प्राप्त हुआ।


भोग और पूजा समापन- शुरुवात व समाप्ति

  • व्रत का समापन भगवान विष्णु को भोग अर्पण कर करें। भोग में तुलसी डालकर पंचामृत, फल और मिठाई का प्रयोग करें।
  • व्रत सूर्योदय से प्रारंभ करें। अगले दिन द्वादशी को पारण के साथ व्रत समाप्त करें।

सावधानियां

  1. गर्भवती स्त्रियां और बीमार व्यक्ति व्रत में सावधानी बरतें।
  2. गलत सामग्री का उपयोग न करें।
  3. विधिपूर्वक पारण करें।

Aghor lakshmi sadhana shivir

जया एकादशी के प्रमुख मंत्र

  1. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।
  2. ॐ विष्णवे नमः।
  3. ॐ हृषीकेशाय नमः।
  4. ॐ नारायणाय नमः।
  5. ॐ अच्युताय नमः।
  6. ॐ अनंताय नमः।
  7. ॐ गोविंदाय नमः।
  8. ॐ मधुसूदनाय नमः।
  9. ॐ त्रिविक्रमाय नमः।
  10. ॐ दामोदराय नमः।
  11. ॐ पद्मनाभाय नमः।
  12. ॐ केशवाय नमः।

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प्रश्न उत्तर

प्रश्न: जया एकादशी व्रत क्यों रखा जाता है?

उत्तर: यह व्रत पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति के लिए रखा जाता है।

प्रश्न: व्रत में कौन-कौन सी सामग्री आवश्यक है?

उत्तर: पूजा के लिए तुलसी पत्र, गंगाजल, दीपक, और पंचामृत आवश्यक हैं।

प्रश्न: व्रत में क्या न खाएं?

उत्तर: लहसुन, प्याज, तामसिक भोजन और अनाज का सेवन न करें।

प्रश्न: जया एकादशी का महत्व क्या है?

उत्तर: यह व्रत पापों का नाश कर मोक्ष प्रदान करता है।

प्रश्न: व्रत में कौन से मंत्र का जाप करें?

उत्तर: “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।

प्रश्न: क्या जया एकादशी पर रातभर जागना अनिवार्य है?

उत्तर: हां, रात्रि जागरण व्रत का एक महत्वपूर्ण नियम है।

प्रश्न: व्रत किस प्रकार के भोजन से तोड़ें?

उत्तर: व्रत तोड़ने के लिए सात्विक और फलाहार भोजन का सेवन करें।

प्रश्न: व्रत के दौरान पूजा का समय कब है?

उत्तर: पूजा सूर्योदय के बाद और सांयकाल में करना शुभ माना जाता है।

प्रश्न: जया एकादशी व्रत किस देवता को समर्पित है?

उत्तर: यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है।

प्रश्न: क्या जया एकादशी व्रत सभी के लिए है?

उत्तर: हां, सभी आयु और वर्ग के लोग यह व्रत कर सकते हैं।

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