Aghor Lakshmi Gajendra Moksha Sadhana Shivir

अघोर लक्ष्मी व गजेंद्र मोक्ष साधना शिविर – कर्ज मुक्ति, धन, सुख और समृद्धि

अघोर लक्ष्मी व गजेंद्र मोक्ष साधना शिविर का आयोजन दिव्ययोग आश्रम में 22-23 फरवरी 2025 को हो रहा है। यह साधना शिविर आत्मा की शुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का अनोखा अवसर प्रदान करता है। इस शिविर में आप अघोर लक्ष्मी और गजेंद्र मोक्ष साधना के माध्यम से अपने जीवन में शांति, समृद्धि, कर्ज मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति कर सकते हैं।


महिमा

अघोर लक्ष्मी जी की संपूर्ण कथा एक दिव्य प्रेरणा का स्रोत है, जो व्यक्ति के जीवन में धन, सुख, और समृद्धि को आकर्षित करती है। यह कथा तांत्रिक साधना और अद्वितीय आध्यात्मिक रहस्यों से जुड़ी हुई है। अघोर लक्ष्मी देवी को न केवल आर्थिक समृद्धि की देवी माना जाता है, बल्कि वह अपने भक्तों को सभी प्रकार की बाधाओं और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति दिलाने वाली भी हैं।

अघोर लक्ष्मी कौन है?

इन माता को महालक्ष्मी का उग्र रूप माना जाता है। ये कलियुग की लक्ष्मी के नाम से भी जानी जाती है। इनकी साधना एक प्राचीन तांत्रिक प्रक्रिया है, जो समृद्धि और शांति के लिए की जाती है। इस साधना के माध्यम से आप अपने जीवन की नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकते हैं। आर्थिक तरक्की मे अड़चन पैदा करने वालों से अपना बचाव कर सकते है। धन के स्रोत को बढ़ा सकते है। यह साधना आपके भीतर छिपी अनंत ऊर्जा को जाग्रत करती है और आपके जीवन में सुख-शांति और धन-वैभव का मार्ग प्रशस्त करती है।

अघोर लक्ष्मी की उत्पत्ति

इनका उल्लेख तंत्रशास्त्र और वेदों में मिलता है। कहा जाता है कि जब पृथ्वी पर अधर्म बढ़ा और लोगों के जीवन में आर्थिक, मानसिक और आध्यात्मिक समस्याएं प्रबल हुईं, तब अघोर लक्ष्मी का प्राकट्य हुआ। यह रूप देवी लक्ष्मी का उग्र स्वरूप है, जिसमें वे अपने भक्तों की रक्षा और कल्याण करती हैं।

अघोर लक्ष्मी साधना के लाभ:

  1. आर्थिक समस्याओं का समाधान।
  2. मानसिक शांति और सकारात्मकता।
  3. अकस्मात धन प्राप्ति।
  4. परिवार में सुख-शांति।
  5. व्यापार और करियर में उन्नति।
  6. आत्मविश्वास में वृद्धि।
  7. नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति।
  8. शत्रुओं से रक्षा।
  9. बीमारियों से बचाव।
  10. धन की कमी दूर करना।
  11. अचल संपत्ति में वृद्धि।
  12. रिश्तों में सामंजस्य।
  13. अच्छे भाग्य का निर्माण।
  14. आध्यात्मिक जागरण।
  15. जीवन के हर क्षेत्र में सफलता।

गजेंद्र मोक्ष साधना क्या है?

गजेंद्र मोक्ष साधना का उद्देश्य जीवन के बंधनों से मुक्ति पाना और आत्मा को शुद्ध करना है। इस साधना के माध्यम से आप अपने भीतर के डर और अनिश्चितताओं को समाप्त कर सकते हैं।

गजेन्द्र मोक्ष: एक दिव्य कथा और उसका महत्व

इनकी हिंदू धर्म की एक महान और प्रेरणादायक कथा है, जो श्रीमद्भागवत महापुराण के आठवें स्कंध में वर्णित है। यह कथा न केवल आध्यात्मिक जागरूकता का प्रतीक है, बल्कि यह यह भी सिखाती है कि भक्ति और समर्पण के माध्यम से व्यक्ति अपने जीवन के संकटों से कैसे मुक्त हो सकता है।

गजेन्द्र मोक्ष कथा

गजेन्द्र नामक हाथी अपने झुंड के साथ एक सुंदर जलाशय में पानी पीने और विश्राम करने गया। दुर्भाग्यवश, एक विशाल मगरमच्छ ने गजेन्द्र के पैर को पकड़ लिया। गजेन्द्र ने अपनी पूरी ताकत से मगरमच्छ से मुक्त होने की कोशिश की, लेकिन वह असफल रहा। जैसे-जैसे समय बीतता गया, गजेन्द्र कमजोर होता गया, और उसका आत्मबल खत्म होने लगा।

इस कठिन समय में गजेन्द्र ने भगवान विष्णु की शरण ली। उसने एक कमल का फूल उठाया और भगवान से प्रार्थना की। उसकी असीम भक्ति और समर्पण से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने तुरंत प्रकट होकर अपने सुदर्शन चक्र से मगरमच्छ का वध किया और गजेन्द्र को मुक्ति प्रदान की।

गजेन्द्र मोक्ष का आध्यात्मिक संदेश

इनकी कथा यह सिखाती है कि जीवन के संघर्षों और कठिनाइयों के समय में ईश्वर पर अटूट विश्वास और समर्पण ही हमारी रक्षा कर सकता है। यह कथा आत्मसमर्पण, भक्ति, श्राप मुक्ति, कर्ज मुक्ति और आध्यात्मिक जागरूकता का प्रतीक है।

प्रतीकात्मक महत्व

  1. जीवन की कठिनाइयाँ: गजेन्द्र जीवन में आने वाले संघर्षों का प्रतीक है। मगरमच्छ समस्याओं और बंधनों, आर्थिक अड़चन, बाधाओं का प्रतीक है, जो हमें कमजोर बनाते हैं।
  2. ईश्वर की कृपा: भगवान विष्णु हमें यह सिखाते हैं कि जब हम सच्चे मन से उनकी शरण में जाते हैं, तो वे हमारी सहायता करते हैं।
  3. भक्ति और समर्पण: यह कथा यह सिखाती है कि शक्ति और साधनों से अधिक महत्व भक्ति और समर्पण का है।
  4. मुक्ति का मार्ग: गजेन्द्र मोक्ष यह भी दर्शाता है कि सच्ची भक्ति से आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

साधना का महत्व

गजेन्द्र मोक्ष साधना व्यक्ति को जीवन के बंधनों, आर्थि बाधाओं और परेशानियों से मुक्त करने में सहायक है। यह साधना आत्मा को शुद्ध करती है और ईश्वर से गहरा संबंध स्थापित करने का मार्ग दिखाती है।

साधना के लाभ

  1. जीवन की समस्याओं और बंधनों से मुक्ति।
  2. मानसिक शांति और स्थिरता।
  3. आध्यात्मिक जागरूकता का विकास।
  4. आत्मा की शुद्धि।
  5. ईश्वर के प्रति अटूट विश्वास।
  6. भय और अनिश्चितता से मुक्ति।
  7. तनाव और चिंता से छुटकारा।

गजेन्द्र मोक्ष कथा हमें यह याद दिलाती है कि भक्ति और ईश्वर पर विश्वास जीवन के हर संकट का समाधान है। यह कथा प्रेरणा देती है कि हम हर परिस्थिति में ईश्वर की शरण में जाएं और अपने जीवन को शांति और मोक्ष की ओर अग्रसर करें।

गजेंद्र मोक्ष साधना के लाभ:

  1. आध्यात्मिक उन्नति।
  2. मोक्ष प्राप्ति का मार्ग।
  3. मन पसंद जीवन साथी।
  4. तनाव से मुक्ति।
  5. आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति।
  6. मानसिक स्थिरता।
  7. आर्थिक तरक्की।
  8. सुखी विवाहित जीवन।
  9. बुरी आदतों से छुटकारा।
  10. आत्मविश्वास में सुधार।
  11. कर्ज मुक्ति।
  12. निर्णय लेने की क्षमता में सुधार।
  13. आध्यात्मिक अनुभव।
  14. सही निर्णय लेने की क्षमता।
  15. मंगलकार्य मे सफलता।
  16. भौतिक और आध्यात्मिक संतुलन।

शिविर में कौन भाग ले सकता है?

इस साधना शिविर में 20 वर्ष से अधिक आयु के स्त्री और पुरुष भाग ले सकते हैं। यह शिविर उन लोगों के लिए है जो अपनी आध्यात्मिक उन्नति और जीवन की समस्याओं से छुटकारा पाना चाहते हैं।

शिविर में भाग लेने के नियम:

  1. उम्र 20 वर्ष से अधिक हो।
  2. स्त्री और पुरुष दोनों भाग ले सकते हैं।
  3. नीले और काले रंग के कपड़े न पहनें।
  4. धूम्रपान, मद्यपान और मांसाहार से दूर रहें।

शिविर में भाग लेने के विकल्प

आप इस शिविर में प्रत्यक्ष रूप से दिव्ययोग आश्रम में आकर भाग ले सकते हैं या ऑनलाइन माध्यम से भी जुड़ सकते हैं।

प्रत्यक्ष मे भाग लेने वालों के लिये

  • इस शिविर मे दो दिन तक खाने पीने व रहने की सुविधा दी जायेगी है।
  • साधना करते समय ढीले ढाले वस्त्र पहने
  • ब्लू व ब्लैक रंग के कपड़े छोड़ कर कोई भी रंग का कपड़ा पहन सकते है।
  • साधना मे भाग लेने के लिये १ नारियल व २५० ग्राम गाय का घी लाना अनिवार्य है।
  • याद रखे २ दिन की साधना मे सिर्फ 4-5 घंटे ही सोने मिलेगा।
  • आप कोई भी कपड़े पहने, लेकिन साधना मे ढीले-ढाले वस्त्र पहनना है।
  • इस साधना मे संपूर्ण साधना सामग्री (सिद्ध अघोर लक्ष्मी-गजेंद्र यंत्र, सिद्ध अघोर लक्ष्मी-गजेंद्र माला, अघोर लक्ष्मी-गजेंद्र पारद गुटिका, सफेद-काली-लाल चिरमी दाना, आसन, सिद्ध गोमती चक्र, अघोर लक्ष्मी-गजेंद्र कवच, रक्षासूत्र) के साथ दीक्षा दी जाती है।

ऑनलाईन भाग लेने वालों के लिये

  • रजिस्ट्रेशन करने के बाद कोई भी भक्त भाग ले सकता है।
  • आपको अपना नाम, पिता का नाम, गोत्र व फोटो WhatsApp पर भेजना होगा।
  • अघोर लक्ष्मी-गजेंद्र साधना सामग्री (सिद्ध अघोर लक्ष्मी-गजेंद्र यंत्र, सिद्ध अघोर लक्ष्मी-गजेंद्र माला, अघोर लक्ष्मी-गजेंद्र पारद गुटिका, सफेद-काली-लाल चिरमी दाना, आसन, सिद्ध गोमती चक्र, अघोर लक्ष्मी-गजेंद्र कवच, रक्षासूत्र) के साथ आपकी फोटो साधना हॉल मे रखी जाती है, जहां पर मंत्र का जाप किया जायेगा।
  • आपको उच्चारण के साथ मंत्र का ऑडियो WhatsApp द्वारा भेजा जायेगा।
  • आपको दिया गया मंत्र २ दिन तक लगातार अपना कार्य करते हुये जप कर सकते है।
  • दूसरे दिन दीक्षा दी जायेगी, इसकी डिटेल जानकारी WhatsApp या फोन पर दी जायेगी।
  • जो मंत्र दिया जायेगा उसको अपने समय के अनुसार जाप कर सकते है। यानी आपका जो रुटीन कार्य है, वह करे और बीच बीच मे समय निकालकर मंत्र का जप करे।
  • मंत्र जप के दौरान ब्लू व ब्लैक कपड़े न पहने।
  • आपको दूसरे दिन दीक्षा दी जायेगी, इसका समय WhatsApp द्वारा दिया जायेगा। शाम के समय हवन होगा, जिसे यूट्यूब पर लाईव दिखाया जायेगा।
  • दूसरे दिन साधना समाप्त होने के २४ घंटे के अंदर किसी को खाने पीने वस्तु दान करे, पैसे दान न करे।
  • इसके बाद अघोर लक्ष्मी-गजेंद्र साधना सामग्री आपके घर पर विधि के साथ कुरियर से भेज दी जाती है तथा बाकी की जानकारी WhatsApp पर दी जाती है।

Shivir Booking

साधना शिविर से संबंधित सामान्य प्रश्न उत्तर:

1. अघोर लक्ष्मी व गजेण्द्र मोक्ष साधना शिविर कहां होगा?

उत्तर: यह शिविर दिव्ययोग आश्रम में आयोजित होगा।

2. शिविर की तारीख और समय क्या है?

उत्तर: यह शिविर 22-23 फरवरी 2025 को आयोजित होगा।

3. क्या यह शिविर ऑनलाइन उपलब्ध है?

उत्तर: हां, आप ऑनलाइन भी इस शिविर में भाग ले सकते हैं।

4. क्या भाग लेने के लिए कोई शुल्क है?

उत्तर: शुल्क की जानकारी के लिए कृपया दिव्ययोग आश्रम से संपर्क करें। Sadhana Booking

5. क्या बच्चों के लिए यह शिविर उपयुक्त है?

उत्तर: नहीं, यह शिविर केवल 20 वर्ष या उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए है।

6. क्या शिविर में सभी के लिए ड्रेस कोड है?

उत्तर: हां, नीले और काले रंग के कपड़े पहनने की अनुमति नहीं है।

7. शिविर के दौरान क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

उत्तर: शिविर के दौरान धूम्रपान, मद्यपान, और मांसाहार का सेवन न करें।

8. क्या साधना शिविर के लिए पूर्व तैयारी आवश्यक है?

उत्तर: हां, मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार रहना आवश्यक है, बस श्रद्धा बनाये रखे।

9. क्या सिद्ध यंत्र और कवच का कोई अतिरिक्त शुल्क है?

उत्तर: यह शिविर शुल्क में शामिल होता है।

10. क्या पहले शिविर में भाग लेने वाले फिर से भाग ले सकते हैं?

उत्तर: हां, सभी लोग दोबारा भाग ले सकते हैं।

11. क्या शिविर में भाग लेने के बाद व्यक्तिगत लाभ मिलेगा?

उत्तर: हां, शिविर के लाभ व्यक्तिगत अनुभव पर आधारित होते हैं।

12. दिव्ययोग आश्रम का मोबाईल संपर्क क्या है?

उत्तर: 8652439844- 9702222903.

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