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Balram Chalisa Path – Peace Prosperity & Protection

41 दिन का बलराम चालीसा पाठ: शक्ति, समृद्धि और सफलता का मार्ग


🔱 बलराम चालीसा पाठ का महत्व

बलराम चालीसा पाठ भगवान बलराम की कृपा प्राप्त करने का शक्तिशाली माध्यम है। बलराम जी शक्ति, धैर्य और धर्म के प्रतीक हैं। वे भक्तों के संकट हरते हैं और उनकी रक्षा करते हैं। उनका आशीर्वाद जीवन में शांति, समृद्धि और शक्ति प्रदान करता है। जो भी श्रद्धा से बलराम चालीसा पाठ करता है, उसे आध्यात्मिक और भौतिक लाभ मिलते हैं। इस पाठ से मानसिक और शारीरिक बल बढ़ता है। नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश होता है और जीवन में सकारात्मकता आती है।


🔱 बलराम चालीसा पाठ के प्रमुख लाभ

  1. जीवन में स्थिरता और आत्मविश्वास बढ़ता है।
  2. पारिवारिक समस्याएँ समाप्त होती हैं।
  3. मानसिक और शारीरिक शक्ति प्राप्त होती है।
  4. धन-धान्य और समृद्धि में वृद्धि होती है।
  5. कार्यक्षेत्र में सफलता मिलती है।
  6. वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है।
  7. शत्रु नाश होता है।
  8. आध्यात्मिक उन्नति होती है।
  9. रोगों से मुक्ति मिलती है।
  10. संतान सुख की प्राप्ति होती है।
  11. ग्रह दोष शांत होते हैं।
  12. जीवन की बाधाएँ समाप्त होती हैं।
  13. भय, तनाव और चिंता दूर होती है।
  14. कर्ज़ मुक्ति में सहायता मिलती है।
  15. बुरी आदतों से छुटकारा मिलता है।
  16. दैवीय कृपा प्राप्त होती है।
  17. घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।

🔱 संपूर्ण बलराम चालीसा 🔱

॥ दोहा ॥
नमो नमो जय सन्त सन्तानन,
रक्षक भक्तन के भगवानन।
निरखत राम सहाय सदा,
बजरंगी बलशाली विदा।।

॥ चौपाई ॥
जय जय जय बलराम कृपाला,
रौद्र रूप धरनेवाले नंदलाला।
गदा धरे कर महा पराक्रम,
राक्षस दल के तुम संहारक।।

यदुकुल शिरोमणि बलवाना,
भक्तन के तुम हो सहारा माना।
शेषनाग अवतार तुम आए,
नील वर्ण छवि अति सुहाए।।

गोकुल में बालक रूप बसायो,
दाऊ भैया नाम धरायो।
कृष्ण सखा बन कीन्ह सहाय,
कंस मथुरा भेजे धराय।।

मूसल से रचयो तुम लीला,
भक्तन के दुख किए तुम ढीला।
प्रभु तेरी महिमा अपरंपार,
जो भी जपे नाम हो उद्धार।।

गोकुल खेलत ब्रज रस रास,
कन्हैया के संग करे उल्लास।
कौरव सभा में लीन्हा पक्ष,
भीम से बढ़कर दिखलायो दक्ष।।

शत्रु दल के तुम संहारक,
धर्म रक्षा के अवतारक।
युद्ध भूमि में गदा चलायो,
अधर्मी जन समूल मिटायो।।

दीन दयालु भक्त के प्यारे,
जो शरण आए सो दुख हारे।
मूसल लीला कर दी समाप्त,
गोलोक गए छोड़ जगत।।

॥ दोहा ॥
जो कोई मन से नाम पुकारे,
संकट कबहुँ ना उसको सतावे।
बलराम कृपा करे सब पर,
भक्तन पे सदा कृपालु वर।।

॥ आरती ॥
जय बलराम गदा धरि धारी,
शेषनाग के रूप विचारी।
भक्तन के संकट हरो महाराज,
करहु कृपा दीन पर आज।।


🔱 संपूर्ण बलराम चालीसा 🔱

॥ दोहा ॥

नमो नमो जय सन्त सन्तानन,
रक्षक भक्तन के भगवानन।
निरखत राम सहाय सदा,
बजरंगी बलशाली विदा।।

॥ चौपाई ॥

जय जय जय बलराम कृपाला,
रौद्र रूप धरनेवाले नंदलाला।
गदा धरे कर महा पराक्रम,
राक्षस दल के तुम संहारक।।

यदुकुल शिरोमणि बलवाना,
भक्तन के तुम हो सहारा माना।
शेषनाग अवतार तुम आए,
नील वर्ण छवि अति सुहाए।।

गोकुल में बालक रूप बसायो,
दाऊ भैया नाम धरायो।
कृष्ण सखा बन कीन्ह सहाय,
कंस मथुरा भेजे धराय।।

मूसल से रचयो तुम लीला,
भक्तन के दुख किए तुम ढीला।
प्रभु तेरी महिमा अपरंपार,
जो भी जपे नाम हो उद्धार।।

गोकुल खेलत ब्रज रस रास,
कन्हैया के संग करे उल्लास।
कौरव सभा में लीन्हा पक्ष,
भीम से बढ़कर दिखलायो दक्ष।।

शत्रु दल के तुम संहारक,
धर्म रक्षा के अवतारक।
युद्ध भूमि में गदा चलायो,
अधर्मी जन समूल मिटायो।।

दीन दयालु भक्त के प्यारे,
जो शरण आए सो दुख हारे।
मूसल लीला कर दी समाप्त,
गोलोक गए छोड़ जगत।।

॥ दोहा ॥

जो कोई मन से नाम पुकारे,
संकट कबहुँ ना उसको सतावे।
बलराम कृपा करे सब पर,
भक्तन पे सदा कृपालु वर।।

॥ आरती ॥
जय बलराम गदा धरि धारी,
शेषनाग के रूप विचारी।
भक्तन के संकट हरो महाराज,
करहु कृपा दीन पर आज।।


🔱 बलराम चालीसा पाठ की विधि

📅 दिन और अवधि

  • मंगलवार और गुरुवार को पाठ करना शुभ होता है।
  • नियमित 41 दिन तक पाठ करने से विशेष फल प्राप्त होता है।
  • एक ही समय और स्थान पर पाठ करें।

🕰️ शुभ मुहूर्त

  • ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4:00 से 6:00 बजे) सबसे उत्तम है।
  • संध्या काल (शाम 6:00 से 8:00 बजे) भी शुभ होता है।
  • ग्रह दोष शांति के लिए विशेष मुहूर्त में करें।

Aghor lakshmi sadhana shivir


🔱 बलराम चालीसा पाठ के नियम

  1. पाठ के समय पवित्रता बनाए रखें।
  2. स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  3. बलराम जी की मूर्ति या चित्र के सामने पाठ करें।
  4. साधना को गुप्त रखें, दूसरों को न बताएं।
  5. मन, वचन और कर्म की शुद्धि रखें।
  6. सात्त्विक भोजन ग्रहण करें।
  7. संयमित जीवनशैली अपनाएँ।
  8. पाठ के बाद प्रसाद चढ़ाएँ।
  9. घर में स्वच्छता बनाए रखें।
  10. पाठ के दौरान मोबाइल और अन्य ध्यान भंग करने वाली चीज़ों से बचें।

Get mantra diksha


🔱 बलराम चालीसा पाठ की सावधानियाँ

  1. अशुद्ध मन से पाठ न करें।
  2. पाठ के दौरान मांसाहार और नशे से दूर रहें।
  3. बिना श्रद्धा के पाठ न करें।
  4. नियमितता बनाए रखें, बीच में पाठ न छोड़ें।
  5. पाठ के समय नकारात्मक विचार न लाएँ।
  6. घर में क्लेश और अशांति न हो।
  7. ऊँची आवाज़ में पाठ करें, लेकिन चिल्लाएँ नहीं।
  8. बलराम जी का अपमान न करें।
  9. पाठ के बाद भोजन करें, पहले नहीं।
  10. घर के किसी भी कोने में गंदगी न रखें।

Shri krisna sadhana with diksha


🔱 बलराम चालीसा पाठ – प्रश्न उत्तर

1️⃣ बलराम चालीसा पाठ क्यों करना चाहिए?

✅ बलराम जी की कृपा पाने के लिए यह पाठ किया जाता है। यह पाठ जीवन में शक्ति, शांति और सफलता लाता है।

2️⃣ क्या बलराम चालीसा पाठ नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करता है?

✅ हां, इस पाठ से नकारात्मक ऊर्जाओं और बुरी शक्तियों का नाश होता है।

3️⃣ क्या बलराम चालीसा पाठ से आर्थिक समृद्धि मिलती है?

✅ जी हां, यह पाठ धन और समृद्धि में वृद्धि करता है।

4️⃣ बलराम चालीसा पाठ किस समय करना चाहिए?

✅ सुबह ब्रह्म मुहूर्त या संध्या समय सर्वोत्तम होता है।

5️⃣ क्या बलराम चालीसा पाठ ग्रह दोष समाप्त करता है?

✅ हां, यह पाठ ग्रह दोषों को शांत करता है।

6️⃣ कितने दिन तक बलराम चालीसा पाठ करना चाहिए?

✅ 41 दिन तक करने से विशेष लाभ मिलता है।

7️⃣ क्या बलराम चालीसा पाठ संतान प्राप्ति में मदद करता है?

✅ हां, यह पाठ संतान सुख में सहायक है।

8️⃣ क्या महिलाएं बलराम चालीसा पाठ कर सकती हैं?

✅ हां, महिलाएं भी श्रद्धा से यह पाठ कर सकती हैं।

9️⃣ बलराम चालीसा पाठ के दौरान कौन से नियम पालन करने चाहिए?

✅ शुद्धता, सात्त्विक भोजन और संयमित जीवनशैली अपनानी चाहिए।

🔟 क्या बलराम चालीसा पाठ रोगों से मुक्ति दिलाता है?

✅ हां, यह पाठ शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्ति देता है।

1️⃣1️⃣ क्या बलराम चालीसा पाठ घर में सुख-शांति लाता है?

✅ हां, यह पाठ घर में सुख-शांति और समृद्धि लाता है।

1️⃣2️⃣ क्या बलराम चालीसा पाठ जीवन की बाधाएँ दूर करता है?

✅ हां, यह पाठ जीवन की सभी बाधाओं को दूर करता है।


🔱 अंत मे

बलराम चालीसा पाठ जीवन में शक्ति, समृद्धि और शांति प्रदान करता है। नियमित पाठ करने से सभी संकट दूर होते हैं और बलराम जी की कृपा प्राप्त होती है। श्रद्धा और नियमपूर्वक इस पाठ को करने से सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। जो भी भक्त सच्चे मन से यह पाठ करता है, उसे अवश्य ही सफलता और संतोष प्राप्त होता है।

🔱 बलराम जी की जय! 🔱

BOOK RUDRABHISHEK PUJAN ON MAHA SHIVRATRI

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