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अक्षय तृतीया Akshaya Tritiya-Day of wealth

अक्षय तृतीया एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्यौहार है जो चैत्र मास की शुक्ल तृतीया को मनाया जाता है। इसे ‘अक्षय तृतीया’ या ‘आखातिज’ भी कहते हैं। इस दिन को धार्मिक और शुभ दिन माना जाता है, और इसे विशेष रूप से हरिशयनी एकादशी के रूप में भी जाना जाता है।

इस दिन को ‘अक्षय’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह दिन सदा के लिए स्थायी और अमर माना जाता है। अक्षय तृतीया पर किया गया दान और पुण्य कार्य कभी भी व्यर्थ नहीं जाता।

इस दिन को विशेष रूप से व्यापारियों द्वारा नए व्यापारिक लेखा-बही की शुरुआत के लिए, और विवाह व अन्य शुभ कार्यों के लिए भी चुना जाता है। इसके अलावा, इस दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा भी की जाती है।

व्रति इस दिन व्रत रखते हैं, विशेष पूजा-अर्चना करते हैं और विभिन्न धार्मिक गतिविधियों में भाग लेते हैं। इस दिन सुनहरे और बहुमूल्य वस्तुओं की खरीदारी की भी परंपरा है।

अक्षय तृतीया मुहुर्थ २०२५

अक्षय तृतीया 2025 में बुधवार, 30 अप्रैल को मनाई जाएगी। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 5:41 बजे से दोपहर 12:18 बजे तक रहेगा, जिसकी अवधि 6 घंटे 37 मिनट की होगी।

तृतीया तिथि की शुरुआत 29 अप्रैल को शाम 5:31 बजे होगी और समाप्ति 30 अप्रैल को दोपहर 2:12 बजे होगी। यह दिन सोना खरीदने, पूजा-पाठ करने और नए कार्यों की शुरुआत के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है​

अक्षय तृतीया- शास्त्रों के अनुसार

कुछ पुराणों और ग्रंथों के अनुसार, अक्षय तृतीया को भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन विष्णु भगवान ने देवताओं के साथ समुद्र मंथन किया था, जिससे अमृत मिला था और यह दिन अक्षय कहलाया।

दान करने का महत्व

  • गौ माता को अन्न या घास देना
  • ब्राह्मण को भोजन कराना या दान देना
  • जल दान करना
  • धातु दान करना
  • वस्त्र दान करना
  • विद्या दान करना
  • अन्न दान करना
  • किसी भी जरूरतमंद को किसी भी रूप मे मदत करना

Kamakhya sadhana shivir

लाभ

  • अक्षय तृतीया के दिन जो कुछ भी दान किया जाता है, वह अक्षय हो जाता है और उसे दाता को कभी कमी नहीं होती।
  • इस दिन किए गए जल दान से पितृ दोष निवारण होता है और पितृ तृप्ति मिलती है।
  • धन दान करने से धन के क्षेत्र मे उन्नति होती है।
  • यह दिन मनोकामना को पूरा करने वाला दिन माना जाता है।
  • इस दिन किए गए धातु दान से रोग निवारण होता है और स्वस्थ्य रहता है।
  • इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा से धन, समृद्धि, और सुख-शांति की प्राप्ति होती है।
  • इस दिन दान करने से आपकी आयु बढ़ती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
  • इस दिन ब्राह्मणों को भोजन कराने से पितृ ऋण मुक्ति मिलती है और पुण्य का फल मिलता है।
  • अक्षय तृतीया के दिन किए गए वस्त्र दान से धन संबंधी समस्याएं दूर होती हैं।
  • इस दिन विद्या दान से विद्यार्थियों को सफलता मिलती है और उनका भविष्य उज्जवल होता है।

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अक्षय तृतीया- पृश्न उत्तर

1. अक्षय तृतीया क्या है?

अक्षय तृतीया हिंदू कैलेंडर के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इसे सर्वसिद्ध मुहूर्त माना जाता है।

2. अक्षय तृतीया का धार्मिक महत्व क्या है?

यह दिन बिना किसी विशेष मुहूर्त के शुभ कार्यों को करने के लिए शुभ माना जाता है, जैसे विवाह, गृह प्रवेश, या नए काम की शुरुआत।

3. अक्षय तृतीया का नाम क्यों पड़ा?

‘अक्षय’ का अर्थ है ‘अविनाशी’। इस दिन किए गए पुण्य कर्म या शुभ कार्यों का फल हमेशा अक्षय रहता है।

4. अक्षय तृतीया कब मनाई जाती है?

यह वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को आती है, जो आमतौर पर अप्रैल या मई में पड़ती है।

5. इस दिन कौन से देवी-देवता की पूजा की जाती है?

अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है।

6. अक्षय तृतीया को कौन से कार्य शुभ माने जाते हैं?

इस दिन सोना, चांदी, या नए वस्त्र खरीदना, विवाह, भूमि पूजन, गृह प्रवेश, और अन्य शुभ कार्यों को अति शुभ माना जाता है।

7. क्या अक्षय तृतीया पर दान का महत्व है?

हां, इस दिन दान करना बहुत पुण्यदायी माना जाता है। विशेषकर अन्न, वस्त्र और जल का दान करना शुभ है।

8. अक्षय तृतीया पर कौन से व्रत किए जाते हैं?

अक्षय तृतीया पर भगवान विष्णु की पूजा के साथ व्रत करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।

9. क्या अक्षय तृतीया पर निवेश करना अच्छा होता है?

हाँ, इस दिन सोना या संपत्ति खरीदना शुभ माना जाता है और यह निवेश लाभकारी माना जाता है।

10. क्या अक्षय तृतीया पर विवाह करना शुभ है?

हां, इस दिन विवाह करने से दांपत्य जीवन में सौभाग्य और सुख-समृद्धि आती है।

11. क्या अक्षय तृतीया पर कोई विशेष कथा है?

इस दिन भगवान परशुराम का जन्म हुआ था और इसे परशुराम जयंती के रूप में भी मनाया जाता है।

12. क्या अक्षय तृतीया पर सोना खरीदना अनिवार्य है?

यह अनिवार्य नहीं है, लेकिन इस दिन सोना खरीदना शुभ माना जाता है और इसे समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

13. अक्षय तृतीया को क्या विशेष खाद्य पदार्थ बनते हैं?

इस दिन विशेषकर सत्तू का भोग लगाया जाता है और इसे प्रसाद के रूप में बांटा जाता है।

14. अक्षय तृतीया से जुड़ी कौन सी पौराणिक कथा प्रसिद्ध है?

महाभारत में पांडवों को भगवान कृष्ण ने अक्षय पात्र दिया था, जिससे वे कभी अन्न की कमी नहीं महसूस करते थे।

15. क्या अक्षय तृतीया पर यात्रा करना शुभ होता है?

हां, इस दिन किसी नए स्थान की यात्रा करना या तीर्थ यात्रा पर जाना शुभ माना जाता है।

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