अक्षय तृतीया Akshaya Tritiya-Day of wealth
“अक्षय यानी जिसका क्षय नही होता या जो समाप्त नही होता” ऐसे अक्षय तृतीया का मुहुर्थ १० मई २०२४ को है। इस दिन कई लोग धार्मिक और सामाजिक कार्यों में भाग लेते हैं और दान आदि करते हैं। यहाँ इस दिन के महत्व और लाभों के बारे में कुछ जानकारी दी जा रही है:
अक्षय तृतीया- शास्त्रों के अनुसार
कुछ पुराणों और ग्रंथों के अनुसार, अक्षय तृतीया को भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन विष्णु भगवान ने देवताओं के साथ समुद्र मंथन किया था, जिससे अमृत मिला था और यह दिन अक्षय कहलाया।
दान करने का महत्व
अक्षय तृतीया पर दान करने का विशेष महत्व है। यहाँ कुछ दान की सूची है:
- गौ माता को अन्न या घास देना
- ब्राह्मण को भोजन कराना या दान देना
- जल दान करना
- धातु दान करना
- वस्त्र दान करना
- विद्या दान करना
- अन्न दान करना
- किसी भी जरूरतमंद को किसी भी रूप मे मदत करना
अक्षय तृतीया के दिन का लाभ
- अक्षय तृतीया के दिन जो कुछ भी दान किया जाता है, वह अक्षय हो जाता है और उसे दाता को कभी कमी नहीं होती।
- इस दिन किए गए जल दान से पितृ दोष निवारण होता है और पितृ तृप्ति मिलती है।
- धन दान करने से धन के क्षेत्र मे उन्नति होती है।
- यह दिन मनोकामना को पूरा करने वाला दिन माना जाता है।
- इस दिन किए गए धातु दान से रोग निवारण होता है और स्वस्थ्य रहता है।
- इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा से धन, समृद्धि, और सुख-शांति की प्राप्ति होती है।
- इस दिन दान करने से आपकी आयु बढ़ती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
- इस दिन ब्राह्मणों को भोजन कराने से पितृ ऋण मुक्ति मिलती है और पुण्य का फल मिलता है।
- अक्षय तृतीया के दिन किए गए वस्त्र दान से धन संबंधी समस्याएं दूर होती हैं।
- इस दिन विद्या दान से विद्यार्थियों को सफलता मिलती है और उनका भविष्य उज्जवल होता है।