योगमाया देवी को हिंदू धर्म में आदिशक्ति के रूप में पूजा जाता है। योगमाया देवी को समस्त जगत की माता, संकट हरने वाली, और सुख प्रदान करने वाली देवी के रूप में माना जाता है। उनकी पूजा और मंत्र जाप से साधक को मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है। योगमाया साबर मंत्र विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है और इसे साधारण व्यक्ति भी आसानी से कर सकता है।
योगमाया साबर मंत्र और उसका अर्थ
मंत्र:
ॐ योग माये नमः, संकट हरो, सुख की दाता, सभी जगत की तुम हो माता, करो हमारे काज, दर्शन दीजो आज, ॐ योग माये नमः।
अर्थ:
इस मंत्र में साधक योगमाया देवी को प्रणाम करता है और उनसे विनती करता है कि वे सभी संकटों को हर लें, सुख प्रदान करें और साधक की इच्छाओं को पूरा करें। देवी को सभी जगत की माता के रूप में स्मरण करते हुए साधक उनसे आशीर्वाद की कामना करता है और उनका दर्शन पाने की प्रार्थना करता है।
योगमाया साबर मंत्र विधि
मंत्र जाप का दिन, अवधि और मुहूर्त
योगमाया साबर मंत्र का जाप किसी भी शुभ दिन जैसे पूर्णिमा, अमावस्या, नवमी, अथवा नवरात्रि के दिनों में प्रारंभ किया जा सकता है। मंत्र जाप के लिए सुबह 4 बजे से 6 बजे के बीच का समय सबसे उत्तम माना जाता है। इसे 11 से 21 दिनों तक नियमित रूप से किया जा सकता है, और साधक को इस अवधि में नियम और अनुशासन का पालन करना चाहिए।
मंत्र जाप सामग्री
- योगमाया की तस्वीर या मूर्ति: देवी का ध्यान करते हुए उनकी तस्वीर या मूर्ति के सामने बैठें।
- आसन: कुश या रेशमी कपड़े का आसन प्रयोग करें।
- माला: स्फटिक या तुलसी की माला का उपयोग करें।
- धूप और दीप: साधना स्थल पर धूप, दीपक, और शुद्ध घी का दीपक जलाएं।
- सफेद वस्त्र: साधक को सफेद वस्त्र पहनना चाहिए।
- पंचमेवा या फल: देवी को पंचमेवा या फल अर्पण करें।
- जल से भरा कलश: मंत्र जाप के लिए स्थान की शुद्धि हेतु जल से भरा हुआ एक कलश रखें।
- पत्ताः आम या केले का पत्ता रखे।
मंत्र जप संख्या
योगमाया साबर मंत्र का जाप साधक अपनी सुविधा और शक्ति के अनुसार कर सकता है। इस मंत्र को 1188 बार (11 माला) तक रोजाना जप किया जा सकता है। मंत्र की शक्ति और प्रभाव बढ़ाने के लिए इसे अधिकतम बार जपना उचित होता है।
योगमाया साबर मंत्र जप के नियम
- उम्र: मंत्र जाप करने वाले की उम्र 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
- लिंग: इसे स्त्री और पुरुष दोनों कर सकते हैं।
- वस्त्र: मंत्र जाप करते समय ब्लू और ब्लैक कपड़े न पहनें। सफेद या हल्के रंग के वस्त्र पहनें।
- आहार: साधक को मंत्र जाप के दौरान धूम्रपान, मद्यपान, और मांसाहार से परहेज करना चाहिए।
- ब्रह्मचर्य: साधक को मंत्र जाप की अवधि में ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
- शुद्धता: शारीरिक और मानसिक शुद्धता का ध्यान रखें। प्रतिदिन स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- आसन: एक ही आसन पर बैठकर मंत्र जाप करें। आसन का स्थान रोजाना न बदलें।
- समर्पण: मंत्र जाप करते समय पूर्ण समर्पण भाव और श्रद्धा रखें।
- नियमितता: मंत्र जाप को नियमबद्ध और निरंतर करें, बिना किसी व्यवधान के।
- ध्यान: मंत्र जाप के समय योगमाया देवी का ध्यान करें और उनसे अपनी इच्छाओं की पूर्ति की प्रार्थना करें।
- सकारात्मक सोच: मंत्र जाप के दौरान सकारात्मक विचार रखें और किसी भी प्रकार की नकारात्मकता से दूर रहें।
- व्रत: साधक मंत्र जाप के दौरान व्रत रख सकते हैं, जिससे उनकी साधना और भी प्रभावशाली हो जाती है।
- शांति: मंत्र जाप शांत और एकांत स्थान पर करें ताकि ध्यान केंद्रित रहे।
- रात्रि जागरण: यदि संभव हो तो मंत्र जाप के दौरान रात्रि जागरण करें।
- अंतिम आहुति: मंत्र जाप की समाप्ति पर हवन या यज्ञ करें, जिसमें मंत्र की आहुति दी जाए।
मंत्र जाप सावधानियाँ
- नियमितता का पालन: मंत्र जाप में अनियमितता न करें। यदि संभव हो तो एक ही समय पर मंत्र जाप करें।
- शुद्धता: साधक को शारीरिक, मानसिक और वाणी की शुद्धता का पालन करना चाहिए।
- स्थान का चयन: मंत्र जाप के लिए स्थान का चयन सोच-समझ कर करें, ताकि ध्यान केंद्रित रहे और साधना सफल हो।
- नियमों का पालन: मंत्र जाप के दौरान बताए गए सभी नियमों का पालन करें, जिससे मंत्र जाप सफल हो सके।
- धैर्य और विश्वास: साधक को मंत्र जाप के दौरान धैर्य और विश्वास बनाए रखना चाहिए। तुरंत परिणाम की अपेक्षा न करें, बल्कि साधना पर ध्यान केंद्रित करें।
- अशुद्धता से बचाव: साधक को मंत्र जाप के दौरान किसी भी प्रकार की अशुद्धता से बचना चाहिए।
- अनुशासन: मंत्र जाप के दौरान अनुशासन बनाए रखें और ध्यान भटकाने वाले कारकों से दूर रहें।
- मौन: मंत्र जाप के समय मौन रहना चाहिए और ध्यान देवी के चरणों में लगाना चाहिए।
- दूर रहें: मंत्र जाप के दौरान किसी भी प्रकार की नकारात्मकता, हिंसा, और गलत आचरण से दूर रहें।
- सामाजिक गतिविधियों से दूर रहें: साधक को मंत्र जाप की अवधि में अनावश्यक सामाजिक गतिविधियों से दूर रहना चाहिए।
- वचनबद्धता: साधक को मंत्र जाप के दौरान किसी भी प्रकार के वचनबद्धता या प्रतिज्ञा से बचना चाहिए।
- पूजा सामग्री का ध्यान रखें: मंत्र जाप की सामग्री को सुरक्षित और शुद्ध रखें।
- पर्याप्त नींद लें: मंत्र जाप के दौरान उचित विश्राम और नींद लें।
- समय का पालन करें: मंत्र जाप का समय सुनिश्चित करें और उसका पालन करें।
- साधना पूरी होने पर हवन करें: मंत्र जाप की समाप्ति पर हवन या यज्ञ अवश्य करें।
योगमाया साबर मंत्र से जुड़े सामान्य प्रश्न और उत्तर
- सवाल: योगमाया साबर मंत्र का अर्थ क्या है?
जवाब: योगमाया साबर मंत्र में साधक देवी योगमाया से संकट हरने और सुख प्रदान करने की प्रार्थना करता है। - सवाल: इस मंत्र का जाप किस दिन से शुरू करना चाहिए?
जवाब: इसे किसी शुभ दिन जैसे पूर्णिमा, अमावस्या, या नवरात्रि के दिन शुरू करना चाहिए। - सवाल: मंत्र जाप के लिए कौन से कपड़े पहनने चाहिए?
जवाब: सफेद या हल्के रंग के वस्त्र पहनें और ब्लू या ब्लैक कपड़ों से बचें। - सवाल: योगमाया साबर मंत्र जाप की अवधि कितनी होनी चाहिए?
जवाब: मंत्र जाप की अवधि 11 से 21 दिनों तक होनी चाहिए। - सवाल: क्या महिलाएं इस मंत्र का जाप कर सकती हैं?
जवाब: हां, महिलाएं भी इस मंत्र का जाप कर सकती हैं। - सवाल: योगमाया साबर मंत्र जाप के दौरान क्या आहार संबंधी नियम हैं?
जवाब: मंत्र जाप के दौरान धूम्रपान, मद्यपान, और मांसाहार से बचें। - सवाल: मंत्र जाप के दौरान कौन सा आसन उपयोगी होता है?
जवाब: कुश या रेशमी कपड़े का आसन प्रयोग करें। - सवाल: योगमाया साबर मंत्र जाप के समय कौन सा माला उपयोग करना चाहिए?
जवाब: स्फटिक, या तुलसी की माला का उपयोग करें। - सवाल: क्या इस मंत्र जाप के लिए ब्रह्मचर्य का पालन आवश्यक है?
जवाब: हां, ब्रह्मचर्य का पालन अनिवार्य है। - सवाल: योगमाया साबर मंत्र जाप के दौरान क्या शारीरिक शुद्धता का ध्यान रखना चाहिए?
जवाब: हां, प्रतिदिन स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनना चाहिए।