Madan mekhala Yakshini Mantra- Charm, beauty & love

Madan mekhala Yakshini Mantra- Charm, beauty & love

मदन मेखला यक्षिणी को इच्छापूर्ति करने वाली देवी माना जाता है। मदन मेखला यक्षिणी को आकर्षण, सौंदर्य और प्रेम की देवी के रूप में जाना जाता है। उनका नाम “मदन” यानी कामदेव से जुड़ा हुआ है, जो प्रेम और आकर्षण के देवता हैं, और “मेखला” का अर्थ होता है कमरबंद, जो उनके सौंदर्य और आकर्षक व्यक्तित्व का प्रतीक है।

मदन मेखला यक्षिणी का स्वरूप

मदन मेखला यक्षिणी को अत्यंत सुंदर, मनमोहक और आकर्षक रूप में वर्णित किया गया है। उनका सौंदर्य इतना प्रभावशाली है कि कोई भी उनके प्रभाव से बच नहीं सकता। उनका आभूषण और वस्त्र दिव्य और मनमोहक होते हैं, जो उनकी आभा को और भी बढ़ाते हैं। उन्हें एक अद्भुत और अलौकिक शक्ति के रूप में देखा जाता है, जो साधक को अपनी आकर्षण शक्ति और प्रेमपूर्ण ऊर्जा प्रदान करती हैं।

मदन मेखला यक्षिणी मंत्र और उसका अर्थ

मंत्र

ॐ ह्रीं क्लीं मदन मेखले आबद्धय क्लीं स्वाहा

मदन मेखला मंत्र एक ऐसा मंत्र है जिसका प्रयोग आकर्षण शक्ति को बढ़ाने, प्रभावशाली व्यक्तित्व पाने और जीवन में सफलता के लिए किया जाता है। इस मंत्र का अर्थ है:

  • : ब्रह्माण्ड की सर्वोच्च शक्ति का प्रतीक
  • ह्रीं: देवी की ऊर्जा और शक्ति का बीज मंत्र
  • क्लीं: कामदेव या प्रेम की ऊर्जा का बीज मंत्र
  • मदन मेखले: मदन (कामदेव) की शक्ति को बांधने वाली मेखला का आह्वान
  • आबद्धय: बांधने का आदेश
  • स्वाहा: पूर्णता का संकेत और ऊर्जा को संप्रेषित करने का माध्यम

इस मंत्र का प्रयोग मुख्यतः आकर्षण शक्ति को बढ़ाने और लोगों को प्रभावित करने के लिए किया जाता है।

मदन मेखला यक्षिणी मंत्र के लाभ

  1. आकर्षण शक्ति: इस मंत्र के नियमित जप से आपकी आकर्षण शक्ति बढ़ती है, जिससे आप लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर सकते हैं।
  2. बुढ़ापे पर रोक: मंत्र के प्रभाव से शरीर की वृद्धावस्था की प्रक्रिया धीमी हो जाती है, जिससे आप दीर्घकाल तक युवा और ऊर्जावान बने रहते हैं।
  3. प्रभावशाली व्यक्तित्व: इस मंत्र का नियमित जप आपके व्यक्तित्व को प्रभावशाली बनाता है, जिससे लोग आपकी ओर खिंचे चले आते हैं।
  4. स्पीच पॉवर: इस मंत्र के जप से आपके वाणी में प्रभाव बढ़ता है, जिससे आप अपने विचारों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत कर सकते हैं।
  5. भाषण कला: मदन मेखला मंत्र के प्रभाव से आपकी भाषण कला में निखार आता है, जिससे आप सभाओं और बैठकों में प्रभावशाली वक्ता बन सकते हैं।
  6. सही निर्णय: इस मंत्र के प्रभाव से आपका मन शांत रहता है और आप सही निर्णय लेने में सक्षम होते हैं।
  7. सुंदरता: मंत्र के जप से आपकी आभा में निखार आता है, जिससे आप और अधिक सुंदर और आकर्षक दिखते हैं।
  8. आकर्षक व्यक्तित्व: इस मंत्र के प्रभाव से आपका व्यक्तित्व और अधिक आकर्षक बन जाता है, जिससे लोग आपके प्रति आकर्षित होते हैं।
  9. सम्बन्धों में सुधार: मंत्र के जप से आपके व्यक्तिगत और पेशेवर सम्बन्धों में सुधार होता है।
  10. सफलता: इस मंत्र के नियमित जप से आप अपने कार्यों में सफलता प्राप्त करते हैं।
  11. प्रेम संबंधों में मजबूती: मंत्र का प्रभाव प्रेम संबंधों को मजबूती प्रदान करता है।
  12. समाज में मान-सम्मान: मंत्र के जप से समाज में आपका मान-सम्मान बढ़ता है।
  13. धन-समृद्धि: इस मंत्र के प्रभाव से धन और समृद्धि में वृद्धि होती है।
  14. शांति और संतुलन: मंत्र के जप से मन में शांति और संतुलन आता है।
  15. जीवन में सुख-समृद्धि: इस मंत्र के जप से जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।

मदन मेखला यक्षिणी मंत्र जप विधि

मंत्र जप का दिन, अवधि और मुहुर्थ

  • दिन: इस मंत्र का जप किसी भी दिन शुरू किया जा सकता है, लेकिन शुक्रवार का दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
  • अवधि: इस मंत्र का जप 11 से 21 दिन तक लगातार किया जाना चाहिए।
  • मुहूर्त: मंत्र जप के लिए ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे के बीच) सबसे उपयुक्त समय माना जाता है।

मंत्र जप सामग्री

  • शुद्ध जल
  • तांबे या चांदी की थाली
  • गुलाब के फूल
  • कुमकुम
  • एकाग्रता और शुद्ध मन

मदन मेखला मंत्र जप संख्या

इस मंत्र का जप 11 माला यानी 1188 मंत्र रोज किया जाना चाहिए। 11 माला का जप प्रतिदिन करना लाभकारी होता है।

मदन मेखला यक्षिणी मंत्र जप के नियम

  1. उम्र: 20 वर्ष से ऊपर के लोग ही इस मंत्र का जप करें।
  2. लिंग: इस मंत्र का जप स्त्री और पुरुष दोनों कर सकते हैं।
  3. कपड़े: मंत्र जप के समय ब्लू या ब्लैक कपड़े न पहनें।
  4. धूम्रपान और मांसाहार: मंत्र जप के दौरान धूम्रपान, मांसाहार और मद्यपान से बचें।
  5. ब्रह्मचर्य: मंत्र जप के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  6. शुद्धता: जप करते समय मन, वाणी और कर्म की शुद्धता बनाए रखें।
  7. स्थान: मंत्र जप के लिए शांत और पवित्र स्थान चुनें।
  8. समर्पण: मंत्र जप के दौरान पूर्ण समर्पण और एकाग्रता बनाए रखें।
  9. दिशा: उत्तर-पूर्व दिशा की ओर मुख करके मंत्र जप करना सबसे उत्तम माना जाता है।
  10. श्रद्धा: मंत्र जप के दौरान अपने इष्टदेव और मंत्र पर पूर्ण श्रद्धा रखें।
  11. आसन: मंत्र जप के लिए एक ही आसन का प्रयोग करें।
  12. समय: हर दिन एक ही समय पर मंत्र जप करें।
  13. व्रत: मंत्र जप के दौरान उपवास या फलाहार का पालन करें।
  14. सकारात्मकता: मंत्र जप के दौरान सकारात्मक विचारों को बनाए रखें।
  15. समापन: मंत्र जप के अंत में अपने इष्टदेव का आभार व्यक्त करें।

मदन मेखला यक्षिणी मंत्र जप सावधानी

  1. अनुशासन: मंत्र जप के दौरान अनुशासन का पालन करें।
  2. धैर्य: मंत्र जप करते समय धैर्य बनाए रखें और जल्दबाजी न करें।
  3. शुद्धता: मंत्र जप के दौरान शरीर और मन की शुद्धता बनाए रखें।
  4. व्रत पालन: व्रत या उपवास के नियमों का सख्ती से पालन करें।
  5. दिशा: गलत दिशा में मुख करके मंत्र जप न करें।
  6. भ्रमित न हों: मंत्र जप के दौरान भ्रमित न हों, सकारात्मक विचारों पर ध्यान केंद्रित करें।
  7. अनुचित प्रयोग: इस मंत्र का अनुचित या स्वार्थपूर्ण प्रयोग न करें।
  8. मंत्र की गिनती: मंत्र जप के दौरान मंत्र की गिनती का सही ध्यान रखें।
  9. समर्पण: मंत्र जप के दौरान ईश्वर के प्रति पूर्ण समर्पण रखें।
  10. नियमितता: मंत्र जप को नियमित रूप से करें, बीच में रुकावट न आए।
  11. स्थान की शुद्धता: मंत्र जप के स्थान की शुद्धता बनाए रखें।
  12. आसन की पवित्रता: आसन की पवित्रता का ध्यान रखें और उसे एक ही स्थान पर रखें।
  13. स्वास्थ्य: मंत्र जप के दौरान अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
  14. मौन: मंत्र जप के बाद थोड़ी देर मौन रहें।
  15. सकारात्मकता: मंत्र जप के बाद सकारात्मक परिणाम की आशा रखें।

मदन मेखला यक्षिणी मंत्र से संबंधित प्रश्न और उत्तर

  1. मदन मेखला यक्षिणी मंत्र किसके लिए उपयोगी है? यह मंत्र उन लोगों के लिए उपयोगी है जो अपने व्यक्तित्व और आकर्षण शक्ति को बढ़ाना चाहते हैं।
  2. क्या महिलाएं भी इस मंत्र का जप कर सकती हैं? हां, महिलाएं भी इस मंत्र का जप कर सकती हैं।
  3. मदन मेखला यक्षिणी मंत्र का जप करने का सही समय क्या है? ब्रह्म मुहूर्त में यानी सुबह 4 से 6 बजे के बीच इस मंत्र का जप करना सबसे उपयुक्त है।
  4. इस मंत्र का जप कितने दिन करना चाहिए? इस मंत्र का जप 11 से 21 दिन तक रोज करना चाहिए।
  5. क्या इस मंत्र का जप करते समय विशेष आहार का पालन करना चाहिए? हां, मंत्र जप के दौरान शाकाहारी आहार का पालन करना चाहिए और धूम्रपान व मद्यपान से बचना चाहिए।
  6. मदन मेखला यक्षिणी मंत्र जप के लिए कौन से कपड़े पहनने चाहिए? मंत्र जप के लिए सफेद, पीले या लाल रंग के कपड़े पहनना सबसे उपयुक्त है।
  7. मंत्र जप के दौरान कौन से नियमों का पालन करना चाहिए? मंत्र जप के दौरान शुद्धता, ब्रह्मचर्य और नियमितता का पालन करना चाहिए।
  8. मदन मेखला यक्षिणी का अनुचित प्रयोग क्या होता है? इस मंत्र का अनुचित प्रयोग किसी को नुकसान पहुंचाने या स्वार्थसिद्धि के लिए किया जाना होता है, जिसे नहीं करना चाहिए।
  9. क्या इस मंत्र का जप करते समय किसी विशेष दिशा में बैठना चाहिए? हां, उत्तर-पूर्व दिशा में मुख करके मंत्र जप करना सबसे उत्तम माना जाता है।
  10. मंत्र जप के बाद क्या करना चाहिए? मंत्र जप के बाद अपने इष्टदेव का आभार व्यक्त करें और कुछ देर मौन रहें।
  11. मदन मेखला यक्षिणी मंत्र जप के दौरान अगर मन विचलित हो तो क्या करना चाहिए? अगर मन विचलित हो, तो शांत रहें और धीरे-धीरे मन को मंत्र पर केंद्रित करने की कोशिश करें।
  12. क्या मंत्र जप के दौरान किसी विशेष वस्त्र का प्रयोग करना चाहिए? हां, मंत्र जप के लिए साफ और विशेष रूप से निर्धारित वस्त्र पहनना चाहिए।
  13. क्या इस मंत्र का जप किसी भी उम्र का व्यक्ति कर सकता है? इस मंत्र का जप 20 वर्ष की उम्र के बाद का व्यक्ति कर सकता है।
  14. मंत्र जप के दौरान किस प्रकार के विचार रखने चाहिए? मंत्र जप के दौरान सकारात्मक और शुद्ध विचार रखने चाहिए।
  15. क्या मदन मेखला यक्षिणी मंत्र का जप एकांत में करना चाहिए? हां, इस मंत्र का जप एकांत और शांत स्थान पर करना सबसे अच्छा होता है।

मदन मेखला मंत्र एक प्रभावशाली तांत्रिक मंत्र है, जिसका सही तरीके से और नियमपूर्वक जप करने से आकर्षण शक्ति, व्यक्तित्व में निखार, और जीवन में अनेक सफलताओं की प्राप्ति होती है। इस मंत्र का जप करते समय अनुशासन, शुद्धता, और नियमितता का पालन करना अत्यंत आवश्यक है, जिससे इसके सकारात्मक और चमत्कारिक परिणाम प्राप्त हो सकते हैं।इसके सकारात्मक और चमत्कारिक परिणाम प्राप्त हो सकते हैं।