Lalita Chalisa for Wealth & Prosperity

मनोकामना पूर्ण करने वाली ललिता चालीसा हिंदू धर्म की महत्वपूर्ण स्तुति है, जो देवी ललिता की महिमा का गुणगान करती है। देवी ललिता को आदिशक्ति, त्रिपुरा सुंदरी और मां शक्ति के रूप में जाना जाता है। ललिता चालीसा का पाठ करने से साधक को कई लाभ प्राप्त होते हैं, जैसे कि मानसिक शांति, आध्यात्मिक उन्नति, और सांसारिक संकटों से मुक्ति। इस लेख में हम ललिता चालीसा के संपूर्ण पाठ, उसके लाभ, विधि, नियम, सावधानियों और महत्वपूर्ण सवाल-जवाबों के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे।

ललिता चालीसा का पाठ

॥ दोहा ॥

श्रीगणेश गुरुपद मुकुट मणि, जगवन्दित अद्भुत छवि।
जाकरि कृपा सब सुख पावहिं, भक्त होंहि सदा जुग जुग॥

॥ चालीसा ॥

जय जय श्री ललिता माता, करुणा सिन्धु दयालु।
दीन दयाला विश्ववन्द्या, करहु सदा प्रतिपालु॥1॥

सर्व मंगल मंगल्ये, सर्व पाप हरिणी।
सर्व श्रेयस्युपमाया, सर्व शक्त्या मयी॥2॥

ललिता अष्टक में वर्णित, नित्य कल्याणी रूप।
त्रिपुरा सुन्दरी अम्बिका, करू कृपा अनूप॥3॥

सृष्टि पालन कर्त्री माता, संहार शक्ति धाम।
काली, तारा, सोधशकला, सदा अनन्त धाम॥4॥

महामाया, महामारी, कष्ट हरण अघ हर।
देवि महिष मर्दिनी, कृपा करहु सदा अमर॥5॥

नमस्ते शरण्ये शंकरि, नमस्ते जगदम्बे।
नमस्ते महिषघ्नि नमः, सर्व शक्त्युपमाये॥6॥

सुर असुरों के संग्राम में, किया देव पक्षी।
पार्वती स्वरूपा तू ही, शंकर सुभट रक्षी॥7॥

श्रीविद्या महामन्त्र जप, भक्त बन्धन तारे।
ललिता त्रिपुरा सुन्दरी, नामों के तुम धारे॥8॥

ध्यान धरो ललिता अंबिका, सर्व मङ्गल दायिनी।
सुख संम्पत्ति की हो घटा, संकट दूर कर दायिनी॥9॥

शरणागत की रक्षा में, अंबिका तुम जागृत।
महामायिनी महामारि, शक्ति तुम हो सार्थ॥10॥

जय जय श्री ललिता माता, जय जय त्रिपुर सुन्दरी।
करहु सदा करुणा की वर्षा, रक्षक हो भवशरणी॥11॥

॥ दोहा ॥

जग में तेरे अनेक नाम हैं, कृपा करियो सब जन।
जय ललिता भवानी की, भक्तजन हर दिन॥12॥

ललिता चालीसा के लाभ

  1. मानसिक शांति: ललिता चालीसा का पाठ मानसिक अशांति को दूर कर शांति प्रदान करता है।
  2. आध्यात्मिक उन्नति: यह चालीसा साधक को आध्यात्मिक उन्नति की ओर अग्रसर करती है।
  3. संकट से मुक्ति: साधक के जीवन में आने वाले सभी संकटों को दूर करती है।
  4. शत्रुओं पर विजय: यह चालीसा शत्रुओं पर विजय दिलाने में सहायक होती है।
  5. आरोग्य की प्राप्ति: स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए भी इसका पाठ लाभकारी होता है।
  6. धन और समृद्धि: ललिता चालीसा का नियमित पाठ साधक को धन और समृद्धि प्रदान करता है।
  7. सुख-शांति: यह चालीसा परिवार में सुख-शांति बनाए रखने में सहायक होती है।
  8. सभी प्रकार की बाधाओं का निवारण: यह चालीसा जीवन में आने वाली सभी प्रकार की बाधाओं का निवारण करती है।
  9. आत्मबल की वृद्धि: साधक के आत्मबल और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
  10. भय और चिंता से मुक्ति: ललिता चालीसा का पाठ भय और चिंता को दूर करता है।
  11. संतान सुख: नि:संतान दंपत्ति को संतान सुख प्राप्त होता है।
  12. कार्य सिद्धि: महत्वपूर्ण कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
  13. तांत्रिक बाधाओं से मुक्ति: तांत्रिक बाधाओं से मुक्ति के लिए भी इसका पाठ उपयोगी होता है।
  14. विवाह में बाधा का निवारण: विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करने में सहायक होती है।
  15. मंत्र सिद्धि: यह चालीसा मंत्र सिद्धि के लिए भी प्रभावी होती है।
  16. कलह का नाश: परिवार में हो रही कलह और मतभेदों का नाश करती है।
  17. विपरीत परिस्थितियों से रक्षा: विपरीत परिस्थितियों में साधक की रक्षा करती है।
  18. ज्ञान की प्राप्ति: साधक को ज्ञान और विवेक की प्राप्ति होती है।
  19. धार्मिक आस्था की वृद्धि: धार्मिक आस्था और विश्वास में वृद्धि होती है।
  20. मुक्ति का मार्ग: साधक को मोक्ष प्राप्ति के मार्ग की ओर अग्रसर करती है।

ललिता चालीसा का पाठ विधि

दिन और समय

  • ललिता चालीसा का पाठ किसी भी दिन किया जा सकता है, लेकिन शुक्रवार और पूर्णिमा के दिन इसका विशेष महत्व होता है।
  • ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 बजे से 6 बजे तक) इसका पाठ करने का सर्वोत्तम समय होता है।

पाठ की अवधि

  • एक बार ललिता चालीसा का पाठ करने में लगभग 10 से 15 मिनट का समय लगता है।
  • साधक इसे अपनी सुविधा के अनुसार एक बार, तीन बार, या 108 बार भी कर सकते हैं।

आवश्यक सामग्री

  • देवी ललिता की मूर्ति या चित्र
  • अगरबत्ती या धूप
  • दीपक
  • पुष्प
  • नैवेद्य (मिष्ठान्न)
  • लाल वस्त्र और माला

विधि

  1. स्वच्छता: सबसे पहले स्वच्छ वस्त्र धारण कर स्वच्छ स्थान पर बैठें।
  2. ध्यान: देवी ललिता का ध्यान करें और उनसे प्रार्थना करें कि वे आपके सभी कष्टों को दूर करें।
  3. दीप प्रज्वलन: देवी के सामने दीपक प्रज्वलित करें और अगरबत्ती या धूप जलाएं।
  4. चालीसा पाठ: ललिता चालीसा का पाठ करें। पाठ करते समय ध्यान देवी ललिता की महिमा और उनके स्वरूप पर केंद्रित रखें।
  5. प्रसाद चढ़ाना: पाठ समाप्ति के बाद देवी को नैवेद्य अर्पित करें और उन्हें श्रद्धापूर्वक प्रणाम करें।
  6. प्रसाद वितरण: चढ़ाए गए प्रसाद को सभी परिजनों में बांटें।

नियम

  1. श्रद्धा और विश्वास: ललिता चालीसा का पाठ श्रद्धा और विश्वास के साथ करना चाहिए।
  2. नियमितता: इसे नियमित रूप से करना चाहिए, विशेषकर शुक्रवार और पूर्णिमा को।
  3. स्वच्छता: पाठ करते समय और पाठ स्थल की स्वच्छता का ध्यान रखें।
  4. संकल्प: पाठ करने से पहले देवी ललिता से अपनी मनोकामना पूर्ति का संकल्प लें।
  5. मौन: पाठ करते समय मौन रहें और बाहरी विचारों से मन को मुक्त रखें।
  6. मंत्रोच्चारण: पाठ करते समय उच्चारण स्पष्ट और शुद्ध होना चाहिए।
  7. ध्यान: पाठ के दौरान देवी के स्वरूप का ध्यान करें।
  8. सत्यनिष्ठा: साधक को सत्यनिष्ठा का पालन करना चाहिए।
  9. सकारात्मकता: पाठ करते समय सकारात्मक विचार रखें।
  10. व्रत: यदि संभव हो, तो पाठ के दिन व्रत रखें।
  11. संगति: पाठ के बाद सत्संगति में रहें।
  12. दान: पाठ के बाद गरीबों में दान करें।
  13. सहजता: चालीसा पाठ को सहज और सरलता से करें।
  14. संकल्प: पाठ करते समय एक ही संकल्प लें और उसे बार-बार दोहराएं।
  15. विशेष दिन: विशेष कार्य सिद्धि के लिए विशेष मुहूर्त में पाठ करें।
  16. आसन: पाठ के समय एक निश्चित आसन का प्रयोग करें।
  17. माला: माला का उपयोग करते हुए पाठ करें।
  18. विचार शुद्धता: विचारों की शुद्धता बनाए रखें।
  19. शांति: पाठ के दौरान और उसके बाद शांति बनाए रखें।
  20. समर्पण: पूरी तरह से समर्पण भाव से पाठ करें।

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सावधानियाँ

  1. अवकाश का चयन: पाठ करने के लिए एक शांत और पवित्र स्थान का चयन करें।
  2. स्वच्छता: पाठ से पहले और बाद में स्वच्छता बनाए रखें।
  3. शुद्धता: चालीसा पाठ करते समय मन, वचन, और कर्म की शुद्धता बनाए रखें।
  4. ध्यान: ध्यान भटकने से बचें और देवी ललिता पर केंद्रित रहें।
  5. संकल्प: पाठ के दौरान अपना संकल्प स्पष्ट रखें।
  6. भयमुक्ति: किसी भी प्रकार का भय या संशय मन में न रखें।
  7. व्रत: यदि आप व्रत कर रहे हैं तो उसे सही विधि से करें।
  8. भोग: पाठ के बाद देवी को भोग अर्पित करना न भूलें।
  9. ध्यानस्थल: ध्यानस्थल पर कोई व्यवधान न हो, यह सुनिश्चित करें।
  10. सहजता: पाठ को अनावश्यक जटिलताओं से मुक्त रखें।
  11. द्विविधा: किसी भी द्विविधा में न रहें।
  12. ध्यानमग्नता: ध्यानमग्न होकर पाठ करें।
  13. शब्द उच्चारण: सही उच्चारण का ध्यान रखें।
  14. समयबद्धता: समय का पालन करें, पाठ को समयबद्धता से करें।
  15. मंत्र का जप: पाठ के बाद मंत्र का जप करें।
  16. समर्पण: पूर्ण समर्पण के साथ पाठ करें।
  17. आत्मचिंतन: पाठ के बाद आत्मचिंतन करें।
  18. सत्संग: सत्संग का अनुसरण करें।
  19. पुनरावलोकन: पाठ के दौरान संकल्प की पुनरावृत्ति करें।
  20. धैर्य: धैर्य और स्थिरता बनाए रखें।

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ललिता चालीसा सामान्य प्रश्न

  1. ललिता चालीसा किसके लिए की जाती है?
    • ललिता चालीसा देवी ललिता की स्तुति के लिए की जाती है।
  2. क्या ललिता चालीसा किसी विशेष दिन ही की जाती है?
    • नहीं, इसे किसी भी दिन किया जा सकता है, लेकिन शुक्रवार और पूर्णिमा के दिन विशेष माने जाते हैं।
  3. ललिता चालीसा का पाठ करने का सर्वोत्तम समय क्या है?
    • ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 बजे से 6 बजे तक) सर्वोत्तम समय है।
  4. ललिता चालीसा का पाठ कितनी बार करना चाहिए?
    • इसे एक बार, तीन बार, या 108 बार किया जा सकता है।
  5. ललिता चालीसा पाठ के लिए कौन-सी सामग्री आवश्यक है?
    • देवी ललिता की मूर्ति या चित्र, अगरबत्ती, दीपक, पुष्प, नैवेद्य आदि।
  6. क्या ललिता चालीसा से सभी संकट दूर हो सकते हैं?
    • हां, यह चालीसा सभी संकटों को दूर करने में सक्षम है।
  7. ललिता चालीसा पाठ करने से धन और समृद्धि मिलती है?
    • हां, यह चालीसा साधक को धन और समृद्धि प्रदान करती है।
  8. ललिता चालीसा का पाठ किस प्रकार की बाधाओं को दूर करता है?
    • यह तांत्रिक, मानसिक, और शारीरिक बाधाओं को दूर करता है।
  9. क्या ललिता चालीसा का पाठ हर कोई कर सकता है?
    • हां, इसे कोई भी श्रद्धालु कर सकता है।
  10. ललिता चालीसा का पाठ करते समय किन नियमों का पालन करना चाहिए?
    • स्वच्छता, श्रद्धा, मौन, और संकल्प का पालन करना चाहिए।
  11. ललिता चालीसा का पाठ कब नहीं करना चाहिए?
    • अशुद्ध स्थिति में इसका पाठ नहीं करना चाहिए।
  12. क्या ललिता चालीसा का पाठ घर में शांति लाता है?
    • हां, यह चालीसा घर में सुख-शांति लाती है।
  13. क्या ललिता चालीसा का पाठ विशेष कार्यों में सफलता दिलाता है?
    • हां, यह चालीसा विशेष कार्यों में सफलता दिलाती है।
  14. क्या ललिता चालीसा का पाठ से विवाह की बाधा दूर होती है?
    • हां, यह चालीसा विवाह की बाधाओं को दूर करती है।

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