श्री मेहंदीपुर बालाजी चालीसा
विघ्न बाधा दूर करने वाला बालाजी चालीसा एक महत्वपूर्ण धार्मिक पाठ है, जो भक्तों द्वारा भगवान हनुमान जी की आराधना के लिए किया जाता है। इसे बालाजी या संकटमोचन हनुमान जी के रूप में जाना जाता है, और उनकी स्तुति में गाया जाता है। बालाजी चालीसा को पढ़ने और गाने से भक्तों के जीवन में आने वाली हर प्रकार की कठिनाईयों और संकटों का नाश होता है। यह चालीसा विशेष रूप से उन लोगों द्वारा पढ़ी जाती है जो शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक बल प्राप्त करना चाहते हैं।
भगवान हनुमान को उनकी शक्ति, बुद्धि, और भक्ति के लिए पूजा जाता है। वे राम भक्तों में सबसे प्रमुख माने जाते हैं और उन्हें अपने भक्तों से अपार प्रेम और श्रद्धा प्राप्त होती है। बालाजी चालीसा का पाठ करके व्यक्ति अपने जीवन की हर बाधा को दूर कर सकता है और भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त कर सकता है।
संपूर्ण बालाजी चालीसा
॥ दोहा ॥
श्री गुरु चरण चितलाय,के धरें ध्यान हनुमान।
बालाजी चालीसा लिखे,दास स्नेही कल्याण॥
विश्व विदित वर दानी,संकट हरण हनुमान।
मैंहदीपुर में प्रगट भये,बालाजी भगवान॥
॥ चौपाई ॥ भाग १
जय हनुमान बालाजी देवा।
प्रगट भये यहां तीनों देवा॥
प्रेतराज भैरव बलवाना।
कोतवाल कप्तानी हनुमाना॥
मैंहदीपुर अवतार लिया है।
भक्तों का उध्दार किया है॥
बालरूप प्रगटे हैं यहां पर।
संकट वाले आते जहाँ पर॥
डाकनि शाकनि अरु जिन्दनीं।
मशान चुड़ैल भूत भूतनीं॥
जाके भय ते सब भाग जाते।
स्याने भोपे यहाँ घबराते॥
चौकी बन्धन सब कट जाते।
दूत मिले आनन्द मनाते॥
सच्चा है दरबार तिहारा।
शरण पड़े सुख पावे भारा॥
रूप तेज बल अतुलित धामा।
सन्मुख जिनके सिय रामा॥
कनक मुकुट मणि तेज प्रकाशा।
सबकी होवत पूर्ण आशा॥
महन्त गणेशपुरी गुणीले।
भये सुसेवक राम रंगीले॥
अद्भुत कला दिखाई कैसी।
कलयुग ज्योति जलाई जैसी॥
ऊँची ध्वजा पताका नभ में।
स्वर्ण कलश हैं उन्नत जग में॥
धर्म सत्य का डंका बाजे।
सियाराम जय शंकर राजे॥
आन फिराया मुगदर घोटा।
भूत जिन्द पर पड़ते सोटा॥
राम लक्ष्मन सिय ह्रदय कल्याणा।
बाल रूप प्रगटे हनुमाना॥
जय हनुमन्त हठीले देवा।
पुरी परिवार करत हैं सेवा॥
लड्डू चूरमा मिश्री मेवा।
अर्जी दरखास्त लगाऊ देवा॥
दया करे सब विधि बालाजी।
संकट हरण प्रगटे बालाजी॥
जय बाबा की जन जन ऊचारे।
कोटिक जन तेरे आये द्वारे॥
बाल समय रवि भक्षहि लीन्हा।
तिमिर मय जग कीन्हो तीन्हा॥
देवन विनती की अति भारी।
छाँड़ दियो रवि कष्ट निहारी॥
लांघि उदधि सिया सुधि लाये।
लक्ष्मन हित संजीवन लाये॥
रामानुज प्राण दिवाकर।
शंकर सुवन माँ अंजनी चाकर॥
केशरी नन्दन दुख भव भंजन।
रामानन्द सदा सुख सन्दन॥
सिया राम के प्राण पियारे।
जब बाबा की भक्त ऊचारे॥
संकट दुख भंजन भगवाना।
दया करहु हे कृपा निधाना॥
सुमर बाल रूप कल्याणा।
करे मनोरथ पूर्ण कामा॥
अष्ट सिद्धि नव निधि दातारी।
भक्त जन आवे बहु भारी॥
मेवा अरु मिष्ठान प्रवीना।
भैंट चढ़ावें धनि अरु दीना॥
॥ चौपाई ॥ भाग २
नृत्य करे नित न्यारे न्यारे।
रिद्धि सिद्धियां जाके द्वारे॥
अर्जी का आदेश मिलते ही।
भैरव भूत पकड़ते तबही॥
कोतवाल कप्तान कृपाणी।
प्रेतराज संकट कल्याणी॥
चौकी बन्धन कटते भाई।
जो जन करते हैं सेवकाई॥
रामदास बाल भगवन्ता।
मैंहदीपुर प्रगटे हनुमन्ता॥
जो जन बालाजी में आते।
जन्म जन्म के पाप नशाते॥
जल पावन लेकर घर जाते।
निर्मल हो आनन्द मनाते॥
क्रूर कठिन संकट भग जावे।
सत्य धर्म पथ राह दिखावे॥
जो सत पाठ करे चालीसा।
तापर प्रसन्न होय बागीसा॥
कल्याण स्नेही, स्नेह से गावे।
सुख समृद्धि रिद्धि सिद्धि पावे॥
॥ दोहा ॥
मन्द बुद्धि मम जानके,क्षमा करो गुणखान।
संकट मोचन क्षमहु मम,दास स्नेही कल्याण॥
लाभ
- संकटों से मुक्ति: यह चालीसा जीवन के सभी संकटों और बाधाओं से मुक्ति दिलाती है।
- शारीरिक और मानसिक बल: बालाजी चालीसा का पाठ शारीरिक और मानसिक बल प्रदान करता है।
- आत्मिक शांति: इस चालीसा के पाठ से मन की अशांति दूर होती है और आत्मिक शांति मिलती है।
- नकारात्मकता से बचाव: यह चालीसा नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों से बचाव करती है।
- स्वास्थ्य में सुधार: इस चालीसा के पाठ से रोग और पीड़ा का नाश होता है।
- भय से मुक्ति: बालाजी चालीसा के पाठ से भय और चिंता से मुक्ति मिलती है।
- परिवार में सुख-शांति: यह चालीसा परिवार में सुख-शांति और समृद्धि लाती है।
- संकल्प सिद्धि: इसे पढ़ने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और संकल्प सिद्ध होते हैं।
- रक्षा कवच: बालाजी चालीसा का पाठ व्यक्ति के लिए एक रक्षा कवच का काम करता है।
- आध्यात्मिक विकास: इस चालीसा के नियमित पाठ से व्यक्ति का आध्यात्मिक विकास होता है।
- धन और संपत्ति में वृद्धि: यह चालीसा धन और संपत्ति में वृद्धि लाती है।
- विवादों का निवारण: बालाजी चालीसा का पाठ पारिवारिक और सामाजिक विवादों का निवारण करता है।
- कार्य में सफलता: यह चालीसा व्यक्ति के सभी कार्यों में सफलता दिलाती है।
- सुखद विवाह: बालाजी चालीसा का पाठ विवाह संबंधी समस्याओं का समाधान करता है।
- संतान प्राप्ति: यह चालीसा नि:संतान दंपत्तियों के लिए संतान प्राप्ति में सहायक होती है।
बालाजी चालीसा पाठ की विधि
दिन और अवधि
बालाजी चालीसा का पाठ किसी भी दिन प्रारंभ किया जा सकता है, लेकिन मंगलवार और शनिवार का दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है। पाठ की अवधि ४१ दिन की होती है। इस अवधि में प्रतिदिन बालाजी चालीसा का एक या तीन बार पाठ करना चाहिए। यदि किसी कारणवश आप इस अवधि में एक दिन भी पाठ नहीं कर पाते हैं, तो अगले दिन इसे दुगनी बार पढ़ना चाहिए।
मुहूर्त
बालाजी चालीसा का पाठ करने का सबसे अच्छा समय ब्रह्म मुहूर्त (सुबह ४ से ६ बजे तक) माना जाता है। इस समय वातावरण शुद्ध और शांत होता है, जिससे मानसिक एकाग्रता बनी रहती है। हालांकि, दिन के किसी भी समय चालीसा का पाठ किया जा सकता है।
नियम
- साधना को गुप्त रखें: चालीसा का पाठ करने की साधना को गुप्त रखना चाहिए। इसे बिना किसी दिखावे के श्रद्धा और विश्वास से करना चाहिए।
- स्नान और शुद्धता: पाठ से पहले स्नान कर लेना चाहिए और साफ वस्त्र पहनने चाहिए। पाठ करने के लिए एक पवित्र स्थान का चयन करना चाहिए।
- ध्यान और श्रद्धा: पाठ के दौरान भगवान बालाजी का ध्यान करना चाहिए और पूरी श्रद्धा और विश्वास से उनका स्मरण करना चाहिए।
- धूप, दीप और प्रसाद: पाठ करते समय भगवान बालाजी के सामने धूप, दीप जलाएं और प्रसाद अर्पित करें। प्रसाद को पाठ के बाद सभी लोगों में बांटना चाहिए।
- नियमितता: ४१ दिन तक प्रतिदिन बालाजी चालीसा का पाठ करना अनिवार्य है। इस दौरान किसी भी प्रकार का विचलन या अनियमितता नहीं होनी चाहिए।
बालाजी चालीसा पाठ के दौरान सावधानियां
- अपवित्रता से बचें: चालीसा का पाठ करते समय मन, वचन, और कर्म से पवित्र रहना आवश्यक है। किसी भी प्रकार की अपवित्रता से बचना चाहिए।
- सदाचार का पालन: पाठ के दौरान और उसके बाद भी सदाचार का पालन करना चाहिए। किसी भी प्रकार के गलत आचरण से बचना चाहिए।
- मानसिक स्थिरता: पाठ के दौरान मन को स्थिर रखना चाहिए। किसी भी प्रकार की मानसिक अशांति से बचना चाहिए।
- परिस्थिति अनुसार: यदि आप किसी कारणवश ४१ दिन का पाठ पूरा नहीं कर पाते हैं, तो इसे अगले उपयुक्त समय पर दोबारा प्रारंभ कर सकते हैं।
- धार्मिक अनुशासन: चालीसा का पाठ धार्मिक अनुशासन में रहकर करना चाहिए। किसी भी प्रकार का अनुचित व्यवहार इस साधना को प्रभावित कर सकता है।
बालाजी चालीसा से संबंधित पृश्न उत्तर
- बालाजी चालीसा क्या है?
बालाजी चालीसा भगवान हनुमान की स्तुति में लिखा गया एक धार्मिक पाठ है, जिसे भक्त उनके संकटमोचन रूप में पढ़ते हैं। - बालाजी चालीसा का पाठ क्यों करें?
यह चालीसा व्यक्ति के जीवन में आने वाले संकटों और बाधाओं को दूर करने के लिए पढ़ा जाता है। - क्या बालाजी चालीसा को किसी भी दिन पढ़ा जा सकता है?
हाँ, बालाजी चालीसा को किसी भी दिन पढ़ा जा सकता है, लेकिन मंगलवार और शनिवार को इसका विशेष महत्व है। - बालाजी चालीसा का पाठ कितने दिनों तक करना चाहिए?
बालाजी चालीसा का पाठ ४१ दिन तक नियमित रूप से करना चाहिए। - क्या बालाजी चालीसा का पाठ अकेले किया जा सकता है?
हाँ, इस चालीसा का पाठ अकेले भी किया जा सकता है। - क्या बालाजी चालीसा का पाठ घर पर किया जा सकता है?
हाँ, इस चालीसा का पाठ घर पर ही किया जा सकता है। - क्या बालाजी चालीसा का पाठ समूह में किया जा सकता है?
हाँ, इसे समूह में भी पढ़ा जा सकता है। - बालाजी चालीसा का पाठ कौन कर सकता है?
कोई भी व्यक्ति, चाहे वह पुरुष हो या महिला, बालाजी चालीसा का पाठ कर सकता है। - क्या बालाजी चालीसा का पाठ करने के लिए किसी विशेष स्थान की आवश्यकता होती है?
नहीं, इसे किसी भी पवित्र स्थान पर पढ़ा जा सकता है। - क्या बालाजी चालीसा का पाठ सभी प्रकार के संकटों को दूर करता है?
हाँ, यह चालीसा सभी प्रकार के संकटों और बाधाओं को दूर करने में सहायक होता है। - क्या बालाजी चालीसा का पाठ करने के लिए विशेष पूजा सामग्री की आवश्यकता होती है?
नहीं, केवल धूप, दीप और प्रसाद की आवश्यकता होती है।