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Ashwamukhi Kinnari Mantra – Unlock Divine Power & Prosperity

अश्वमुखी किन्नरी मंत्र से कैसे पाएं जीवन में अद्भुत परिवर्तन?

अश्वमुखी किन्नरी मंत्र शारीरिक सुख, भौतिक समृद्धि, धन, और स्वर्ण संपदा प्रदान करने वाला एक अद्वितीय साधना मंत्र है। यह मंत्र इच्छाओं की पूर्ति और मानसिक शांति प्रदान करने के लिए प्रसिद्ध है। नियमित जप से यह मंत्र भक्तों को जीवन में अपार सफलता और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देता है। विश्वास और साधना में इसकी शक्ति असीमित मानी जाती है।

मंत्र व उसका संपूर्ण अर्थ

मंत्र: “ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अश्वमुखी किन्नरी क्लीं स्वाहा”

अर्थ: यह मंत्र देवी अश्वमुखी किन्नरी को प्रसन्न करता है। इसके नियमित जप से धन, स्वास्थ्य और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साधक को मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति का अनुभव होता है।

“ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अश्वमुखी किन्नरी क्लीं स्वाहा” मंत्र का अर्थ:

: ब्रह्मांड की सार्वभौमिक ध्वनि, जो ऊर्जा और शांति का प्रतीक है।

ऐं: ज्ञान और बौद्धिक शक्ति प्रदान करने वाला बीज मंत्र।

ह्रीं: शक्ति, आध्यात्मिक उन्नति, और आंतरिक शुद्धता का प्रतीक।

श्रीं: समृद्धि, धन, और वैभव का बीज मंत्र।

अश्वमुखी किन्नरी: देवी का स्वरूप, जो साधक की इच्छाओं को पूर्ण करती हैं।

क्लीं: आकर्षण, विजय, और सफलता का प्रतीक।

स्वाहा: पूर्णता और अर्पण का भाव।

जप काल में सेवन करने योग्य चीजें

  • ताजे फल और सब्जियां
  • गाय का दूध और घी
  • शुद्ध जल
  • खजूर और किशमिश
  • मूंगफली और चने

अश्वमुखी किन्नरी मंत्र जप के लाभ

  1. मानसिक शांति में वृद्धि।
  2. धन और भौतिक सुखों की प्राप्ति।
  3. शारीरिक ऊर्जा में सुधार।
  4. नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा।
  5. आध्यात्मिक उन्नति।
  6. सफलता और समृद्धि।
  7. रिश्तों में मधुरता।
  8. व्यावसायिक उन्नति।
  9. स्वास्थ्य में सुधार।
  10. आत्मविश्वास में वृद्धि।
  11. स्थायी खुशहाली।
  12. शत्रुओं पर विजय।
  13. मनोकामनाओं की पूर्ति।
  14. घर में सुख-शांति।
  15. सकारात्मक सोच का विकास।
  16. आत्मा की शुद्धि।
  17. करियर में सफलता।
  18. स्थिरता और संतुलन।

पूजा सामग्री और मंत्र विधि

  • जल से भरा हुआ कलश
  • घी का दीपक
  • लाल आसन

विधि:

  1. सूर्यास्त के बाद शुद्ध होकर लाल आसन पर बैठें।
  2. जल से भरा कलश अपने सामने रखें।
  3. घी का दीपक जलाएं।
  4. 25 मिनट तक मंत्र का जप करें।
  5. यह प्रक्रिया 11 दिन तक दोहराएं।

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दिन अवधि और मुहूर्त

  • दिन: शुभ शुक्रवार या पूर्णिमा।
  • अवधि: 11 दिन।
  • मुहूर्त: सूर्यास्त के बाद।

नियम

  • उम्र 20 वर्ष के ऊपर हो।
  • स्त्री-पुरुष दोनों कर सकते हैं।
  • नीले और काले कपड़े न पहनें।
  • धूम्रपान, मद्यपान और मांसाहार से बचें।
  • ब्रह्मचर्य का पालन करें।

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मंत्र जप में सावधानियां

  • जप के दौरान मन को एकाग्र रखें।
  • साफ और शांत जगह का चयन करें।
  • अनुष्ठान में किसी प्रकार की बाधा न आने दें।
  • मंत्र उच्चारण शुद्धता से करें।
  • आसन का ध्यान रखें।

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मंत्र से संबंधित प्रश्न और उत्तर

प्रश्न 1: क्या अश्वमुखी किन्नरी मंत्र धन प्राप्ति में सहायक है?
उत्तर: हां, यह मंत्र धन और समृद्धि का वरदान देता है।

प्रश्न 2: इस मंत्र का जप कौन कर सकता है?
उत्तर: 20 वर्ष से ऊपर के स्त्री और पुरुष।

प्रश्न 3: मंत्र जप का सही समय क्या है?
उत्तर: सूर्यास्त के बाद।

प्रश्न 4: क्या मांसाहार करने वालों को यह मंत्र जप करना चाहिए?
उत्तर: नहीं, मांसाहार से बचना चाहिए।

प्रश्न 5: क्या नीले कपड़े पहन सकते हैं?
उत्तर: नहीं, नीले और काले कपड़ों से बचें।

प्रश्न 6: क्या यह मंत्र आध्यात्मिक उन्नति में सहायक है?
उत्तर: हां, यह आत्मा की शुद्धि करता है।

प्रश्न 7: क्या इस मंत्र से शत्रुओं पर विजय प्राप्त हो सकती है?
उत्तर: हां, यह शत्रु बाधाओं को समाप्त करता है।

प्रश्न 8: क्या ब्रह्मचर्य आवश्यक है?
उत्तर: हां, साधना के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें।

प्रश्न 9: मंत्र जप में कितने दिन लगते हैं?
उत्तर: 11 दिन।

प्रश्न 10: मंत्र का उच्चारण कैसे करें?
उत्तर: शुद्धता और श्रद्धा से।

प्रश्न 11: क्या साधना में विशेष सामग्री चाहिए?
उत्तर: हां, जल, दीपक, और लाल आसन।

प्रश्न 12: क्या यह मंत्र केवल हिंदू धर्म के लिए है?
उत्तर: नहीं, यह सार्वभौमिक है।

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