शुक्रवार, अक्टूबर 18, 2024

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Rakta Chandika Swapna Siddhi Mantra Sadhana

रक्त चंडिका स्वप्न सिद्धी मंत्र – सही दिशा मे कदम उठाने के संकेत पाये

रक्त चंडिका स्वप्न सिद्धी मंत्र का उपयोग हर उस ब्यक्ति के लिये जरूरी जो अपने जीवन मे सही मार्ग को चुनना चाहता है, पूर्व घटनाओं, दुर्घटनाओं, सही मार्गदर्शन का संकेत चाहता है।

रक्त चंडिका स्वप्न सिद्धी मंत्र व उसका अर्थ

मंत्र

॥ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं रक्त चामुंडे कथय कथय शुभा शुभ ॐ फट्ट स्वाहा॥

मंत्र का अर्थ

यह मंत्र एक शक्तिशाली तांत्रिक मंत्र है जो विशेष रूप से स्वप्नों के माध्यम से आने वाले संकेतों और घटनाओं की पूर्व जानकारी प्राप्त करने के लिए जपा जाता है। इसमें देवी चामुंडा से अनुरोध किया जाता है कि वे शुभ-अशुभ घटनाओं के बारे में स्वप्न के माध्यम से मार्गदर्शन करें। इसमें “श्रीं” और “ह्रीं” बीज मंत्रों का उपयोग देवी लक्ष्मी और भुवनेश्वरी माता की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। “क्लीं” कामदेव का बीज मंत्र है जो इच्छाओं की पूर्ति करता है। “फट्ट” बीज मंत्र से नकारात्मक शक्तियों का विनाश होता है।

रक्त चंडिका स्वप्न सिद्धी मंत्र के लाभ

  1. दुर्घटनाओं की जानकारी: यह मंत्र स्वप्न में आगामी दुर्घटनाओं या अनहोनी घटनाओं की सूचना देता है।
  2. भविष्य की घटनाओं का पूर्वाभास: स्वप्न के माध्यम से आने वाली महत्वपूर्ण घटनाओं का संकेत मिलता है।
  3. सही निर्णय लेने की क्षमता: व्यक्ति स्वप्न के माध्यम से सही निर्णय लेने में सक्षम होता है।
  4. दिशा की पहचान: यह मंत्र मार्गदर्शन करता है कि किस दिशा में जाना चाहिए।
  5. करियर में मार्गदर्शन: स्वप्न के माध्यम से कौन से क्षेत्र में करियर बनाने के लिए संकेत मिलते हैं।
  6. संकेतात्मक स्वप्न: शुभ-अशुभ स्वप्नों के माध्यम से उचित कदम उठाने की दिशा में संकेत मिलते हैं।
  7. दुर्भाग्य से बचाव: यह मंत्र आने वाले दुर्भाग्य से बचने में मदद करता है।
  8. सपनों की गहराई समझना: व्यक्ति स्वप्नों के पीछे छिपे संकेतों और अर्थों को समझने में सक्षम होता है।
  9. अवांछनीय स्थितियों से बचाव: स्वप्न के माध्यम से आने वाली अनावश्यक स्थितियों से बचाव होता है।
  10. आध्यात्मिक उन्नति: व्यक्ति को स्वप्नों के माध्यम से आध्यात्मिक उन्नति के संकेत मिलते हैं।
  11. भविष्यवाणी करने की क्षमता: इस मंत्र के माध्यम से व्यक्ति आने वाले समय की भविष्यवाणी कर सकता है।
  12. स्वप्नों का स्पष्ट विवरण: स्वप्न अधिक स्पष्ट और अर्थपूर्ण होते हैं।
  13. नकारात्मक ऊर्जाओं से बचाव: स्वप्न के माध्यम से नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा मिलती है।
  14. मन की शांति: स्वप्नों के माध्यम से मन की शांति और स्थिरता प्राप्त होती है।
  15. सफलता का मार्ग: यह मंत्र व्यक्ति को सफलता के मार्ग पर ले जाता है।

रक्त चंडिका स्वप्न सिद्धी मंत्र विधि

  1. मंत्र जप का दिन:
    • चुनाव: इस मंत्र का जप विशेषकर मंगलवार या शुक्रवार को शुरू करना शुभ माना जाता है।
  2. अवधि:
    • इस मंत्र का जप कम से कम 11 दिन और अधिकतम 21 दिन तक करना चाहिए।
  3. मुहूर्त:
    • इस मंत्र का जप प्रातःकाल 4 से 6 बजे के बीच करना उत्तम है, जिसे ब्रह्म मुहूर्त कहते हैं। इस समय किया गया जप अधिक प्रभावकारी होता है।

रक्त चंडिका स्वप्न सिद्धी साधना विधि

एक चम्मच लाल सिंदूर को स्टील की प्लेट मे रखकर अपने रखे. सरसो के तेल का दीपक जलाये, किसी भी रंग के कपड़े पहनकर सामने बैठ जाये। अब मुंड मुद्रा लगाकर १० बार प्राणायाम करे और मुद्रा लगाकर ही इस मंत्र का जप रोज ३० मिनट व ७ दिन तक लगातार करे। ८वे दि किसी को भोजन या फल दान करे। अब रातो सोने के पहले अपने मन मे कोई पृश्न रकहकर ३ बार इस मंत्र जप करे व सो जाये. सुबह उठने पर संकेत मिलना शुरु हो जाता है। बस! आप पूरी श्रद्धा से इस प्रयोग को करे।

रक्त चंडिका स्वप्न सिद्धी मंत्र जप सामग्री

  1. रक्त चंदन की माला: इस मंत्र का जप रक्त चंदन की माला से करना चाहिए। इसमें 108 मनके होते हैं।
  2. दीपक: गाय के घी का दीपक जलाना चाहिए।
  3. धूप: कर्पूर या गुग्गल धूप का उपयोग करना चाहिए।
  4. आसन: आसन लाल या काले रंग का हो।
  5. भोग: देवी को गुड़ और नारियल का भोग अर्पित करना चाहिए।

रक्त चंडिका स्वप्न सिद्धी मंत्र जप संख्या

  • इस मंत्र का जप प्रतिदिन 11 माला (1188 मंत्र) करना चाहिए। यह संख्या मंत्र की प्रभावशीलता को बढ़ाती है।

रक्त चंडिका स्वप्न सिद्धी मंत्र जप के नियम

  1. उम्र: मंत्र जप करने वाले व्यक्ति की आयु 20 वर्ष से ऊपर होनी चाहिए।
  2. स्त्री-पुरुष: इस मंत्र को स्त्री और पुरुष दोनों जप सकते हैं।
  3. वस्त्र: मंत्र जप के समय नीले और काले कपड़े न पहनें।
  4. आहार: जप के दौरान धूम्रपान, मद्यपान और मांसाहार का सेवन न करें।
  5. ब्रह्मचर्य: जप के समय ब्रह्मचर्य का पालन अनिवार्य है।

रक्त चंडिका स्वप्न सिद्धी मंत्र जप में सावधानियाँ

  1. मंत्र का सही उच्चारण: मंत्र का सही उच्चारण करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
  2. शुद्धता: मानसिक और शारीरिक शुद्धता का पालन करें।
  3. स्थान: शांत और पवित्र स्थान का चयन करें।
  4. विशेष ध्यान: जप करते समय किसी भी प्रकार के विक्षेप से बचें।

रक्त चंडिका स्वप्न सिद्धी मंत्र से संबंधित प्रश्न-उत्तर

प्रश्न: क्या यह मंत्र केवल स्वप्न सिद्धी के लिए ही प्रयोग होता है?
उत्तर: नहीं, यह मंत्र स्वप्न के माध्यम से मार्गदर्शन के अलावा, जीवन में आने वाली कठिनाइयों से बचने के लिए भी प्रयोग होता है।

प्रश्न: इस मंत्र का प्रभाव कब तक रहता है?
उत्तर: यह मंत्र नियमित जप से व्यक्ति के जीवन में स्थायी प्रभाव छोड़ता है।

प्रश्न: क्या इस मंत्र का जप बिना गुरु के किया जा सकता है?
उत्तर: हां, लेकिन गुरु के मार्गदर्शन में किया गया जप अधिक प्रभावी होता है।

प्रश्न: मंत्र का जप क्यों करना चाहिए?
उत्तर: यह मंत्र जीवन में शांति, सफलता और शुभ संकेत प्राप्त करने में मदद करता है।

प्रश्न: क्या इस मंत्र का जप हर किसी को करना चाहिए?
उत्तर: यह मंत्र हर व्यक्ति के लिए है, जो स्वप्नों के माध्यम से जीवन में मार्गदर्शन चाहते हैं।

प्रश्न: इस मंत्र का जप क्या नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है?
उत्तर: यदि मंत्र का जप शुद्धता और विधि के अनुसार नहीं किया गया तो इसका विपरीत प्रभाव हो सकता है।

प्रश्न: क्या इस मंत्र के लिए कोई विशेष पूजा की आवश्यकता है?
उत्तर: इस मंत्र का जप स्वयं में पूर्ण है, लेकिन यदि विशेष पूजन किया जाए तो इसके प्रभाव में वृद्धि होती है।

प्रश्न: क्या यह मंत्र किसी अन्य मंत्र के साथ प्रयोग किया जा सकता है?
उत्तर: हां, यह मंत्र अन्य सिद्ध मंत्रों के साथ भी जपा जा सकता है।

प्रश्न: मंत्र जप के दौरान क्या ध्यान में रखना चाहिए?
उत्तर: जप करते समय देवी रक्त चंडिका के स्वरूप का ध्यान करना चाहिए।

प्रश्न: क्या इस मंत्र का जप स्त्रियों द्वारा मासिक धर्म के दौरान किया जा सकता है?
उत्तर: नहीं, मासिक धर्म के दौरान मंत्र का जप नहीं करना चाहिए।

प्रश्न: क्या इस मंत्र का जप विशेष समस्याओं के समाधान के लिए किया जा सकता है?
उत्तर: हां, यह मंत्र विशेष समस्याओं के समाधान के लिए भी प्रभावकारी है।

प्रश्न: क्या इस मंत्र का जप समूह में किया जा सकता है?
उत्तर: हां, लेकिन व्यक्तिगत जप अधिक प्रभावकारी होता है।

प्रश्न: इस मंत्र के जप के बाद क्या करना चाहिए?
उत्तर: जप के बाद देवी रक्त चंडिका को धन्यवाद देना चाहिए और भोग अर्पित करना चाहिए।

प्रश्न: क्या इस मंत्र के प्रभाव को बढ़ाने के लिए कोई उपाय है?
उत्तर: हां, जप के बाद हवन करना मंत्र के प्रभाव को बढ़ा सकता है।

प्रश्न: क्या इस मंत्र का जप किसी भी समय किया जा सकता है?
उत्तर: ब्रह्म मुहूर्त का समय सर्वोत्तम है, लेकिन यदि संभव न हो तो शांत समय में भी जप किया जा सकता है।

इस प्रकार, रक्त चंडिका स्वप्न सिद्धी मंत्र एक अत्यंत प्रभावशाली मंत्र है जो स्वप्नों के माध्यम से व्यक्ति को महत्वपूर्ण जानकारी और मार्गदर्शन प्रदान करता है। इसके जप के दौरान नियमों का पालन करने से यह मंत्र अत्यधिक प्रभावशाली और फलदायी सिद्ध होता है।

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