Mookambika Kavacham, एक शक्तिशाली पाठ माना जाता है। इस कवचम् से देवी मूकांबिका के आशिर्वाद के साथ भौतिक सुख व सुरक्षा प्राप्त होती है। देवी मूकांबिका को ज्ञान, शक्ति और समृद्धि की देवी माना जाता है। उनके इस कवच का पाठ भक्तों को उनके जीवन की हर समस्या से रक्षा करने में सहायक होता है।
मूकांबिका कवचम् का पाठ
श्री गणेशाय नमः
श्री मूकांबिकाय कवचम्
ध्यानम्
बुद्धिम् प्रग्राम्य देवानाम् बृन्दानाम् च महेश्वरि।
निदानम् जगताम् त्वम् च बुद्धेर् ज्ञानस्य नित्यशः।
कवचम्
ऊँ अस्य श्री मूकांबिकायाः कवचस्य।
श्री परमहंस ऋषिः। अनुष्टुप् छन्दः।
श्री मूकांबिका देवी देवता।
मां बीजम्। हूं शक्तिः।
फट् कीलकम्।
मम सर्वज्वर निवारणार्थे, श्री मूकांबिकाप्रीत्यर्थे जपे विनियोगः।
स्तोत्रम्
ऊँ अस्य श्री मूकांबिकायाः कवचस्य।
मां मे शीर्षे पातु, मूकांबिका शिवान्विता।
ललाटे पातु मां देवी, द्रौपदी दुःख नाशिनी।
नेत्रयोः पातु मां देवी, वाणि पातु च कर्णयोः।
नासिकायां पातु गौरी, वदने विश्वेश्वरी मम।
जिह्वायां पातु मां बाला, कण्ठे पातु सरस्वती।
स्कन्धयोः पातु कौमारी, हृदये ललिता मम।
पार्श्वयोः पातु वाराही, कट्यां पातु चन्द्रघण्टा।
ऊरू पातु महा माया, जानुनि विन्ध्यवासिनी।
जङ्घायां पातु वैष्णवी, पादयोः पातु मारवी।
अन्येषु सर्वगात्रेषु पातु श्री मूकांबिका।
भूर्जपत्रे लिखित्वा च यो धारयति भक्तितः।
सोऽपि पातकैर्मुक्तो याति विष्णोः परम् पदम्।
मूकांबिका कवचम् का अर्थ
ध्यानम्
देवी मूकांबिका का ध्यान करते हुए, मैं उन्हें प्रणाम करता हूँ। वह बुद्धि की देवी हैं, ज्ञान की स्त्रोत हैं, और सभी देवताओं की शक्ति का आधार हैं। वह संसार के समस्त ज्ञान और बुद्धि की आधारशिला हैं, और हमेशा हम सभी के लिए मंगलकारी हैं।
कवचम्
मूकांबिका कवचम् का पाठ करते समय, भक्तों को ध्यान रखना चाहिए कि यह कवच उन सभी रोगों, विशेषकर ज्वर से रक्षा करने वाला है। इस कवच का पाठ भक्तों के लिए मूकांबिका देवी की कृपा प्राप्त करने का एक साधन है।
स्तोत्रम् अर्थ
- श्री मूकांबिका देवी, जो शिव के साथ संयुक्त हैं, मेरे सिर की रक्षा करें।
- दुःखों का नाश करने वाली देवी, जो द्रौपदी की रक्षक हैं, मेरे ललाट की रक्षा करें।
- देवी वाणी मेरे कानों की रक्षा करें और गौरी मेरी नासिका की रक्षा करें।
- विश्वेश्वरी देवी मेरे मुख की रक्षा करें और बाला देवी मेरी जिह्वा की रक्षा करें।
- सरस्वती देवी मेरे कण्ठ की रक्षा करें।
- कौमारी देवी मेरे स्कंधों की, ललिता देवी मेरे हृदय की, वाराही देवी मेरे पार्श्वों की, चन्द्रघण्टा देवी मेरी कटि की, महा माया मेरी ऊरु की, विन्ध्यवासिनी देवी मेरे जानु की, वैष्णवी देवी मेरी जंघाओं की, और मारवी देवी मेरे पैरों की रक्षा करें।
- अन्य सभी अंगों की रक्षा श्री मूकांबिका करें।
- जो भक्त इस कवच को भूर्जपत्र पर लिखकर धारण करता है, वह सभी पापों से मुक्त होकर भगवान विष्णु के परम पद को प्राप्त करता है।
अर्थ के माध्यम से मूल भाव
इस मूकांबिका कवचम् के श्लोकों में देवी मूकांबिका के विभिन्न रूपों का वर्णन किया गया है और उनके द्वारा व्यक्ति के जीवन के विभिन्न अंगों की रक्षा की प्रार्थना की गई है। यह कवच व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक जीवन में सुरक्षा और समृद्धि का प्रतीक है।
मूकांबिका कवचम् के लाभ
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- आध्यात्मिक उन्नति: मूकांबिका कवचम् का नियमित पाठ व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है।
- आत्मविश्वास में वृद्धि: देवी मूकांबिका की कृपा से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
- मानसिक शांति: इसका पाठ मानसिक शांति और तनावमुक्त जीवन प्रदान करता है।
- स्वास्थ्य लाभ: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार आता है।
- सकारात्मक ऊर्जा: घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- धन और समृद्धि: देवी की कृपा से धन और समृद्धि में वृद्धि होती है।
- संकटों से मुक्ति: जीवन के सभी संकटों से मुक्ति मिलती है।
- शत्रुओं का नाश: शत्रुओं से रक्षा होती है और वे पराजित होते हैं।
- परिवारिक सुख: परिवार में सुख-शांति और सामंजस्य बना रहता है।
- संतान सुख: संतान प्राप्ति में सहायक होता है।
- ज्ञान की प्राप्ति: ज्ञान और बुद्धि में वृद्धि होती है।
- सफलता: सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
- विवाह में सफलता: विवाह संबंधित समस्याओं का समाधान होता है।
- रोगों से मुक्ति: रोगों से मुक्ति मिलती है और स्वास्थ्य में सुधार आता है।
- मंत्र सिद्धि: नियमित पाठ से मंत्र सिद्धि प्राप्त होती है।
विधि
- दिन का चयन: इस कवच का पाठ किसी भी दिन शुरू किया जा सकता है, लेकिन शुक्रवार का दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
- अवधि: इस कवच का पाठ ४१ दिन तक नियमित रूप से करना चाहिए।
- मुहूर्त: ब्रह्ममुहूर्त में पाठ करना सबसे अच्छा माना जाता है, लेकिन किसी भी शांत समय में किया जा सकता है।
- स्नान: पाठ करने से पहले स्नान करना अनिवार्य है।
- ध्यान: देवी मूकांबिका का ध्यान करके पाठ की शुरुआत करें।
- पाठ की विधि: स्वच्छ और शांत स्थान पर बैठकर देवी मूकांबिका की प्रतिमा या चित्र के सामने पाठ करें।
नियम
- पूजा का गुप्त रखरखाव: मूकांबिका कवचम् की पूजा और साधना को गुप्त रखना चाहिए। इसे सार्वजनिक रूप से प्रचारित नहीं करना चाहिए।
- शुद्धता का पालन: पूजा करते समय शुद्धता का विशेष ध्यान रखें।
- नियमितता: इस कवच का पाठ नियमित रूप से करें। अगर किसी दिन पाठ नहीं कर पाए तो अगले दिन उसके बदले दो बार पाठ करें।
- व्रत: साधक को इस दौरान व्रत रखने का प्रयास करना चाहिए।
- सादा जीवन: साधना के समय सादा जीवन और सात्विक भोजन का पालन करें।
मूकांबिका कवचम् में सावधानियाँ
- पाठ की गुप्तता: साधना के समय किसी को न बताएं।
- विधि का पालन: साधना की विधि का सही तरीके से पालन करें।
- शुद्धता: शुद्धता का पालन करें।
- मानसिक तैयारी: साधक को मानसिक रूप से तैयार होना चाहिए।
- साधना का समय: समय का पालन करें, बिना किसी विघ्न के साधना करें।
मूकांबिका कवचम् पाठ के प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1: मूकांबिका कवचम् का पाठ किसे करना चाहिए?
उत्तर: जो व्यक्ति जीवन में शांति, सुरक्षा, और समृद्धि की कामना करता है, उसे मूकांबिका कवचम् का पाठ करना चाहिए।
प्रश्न 2: मूकांबिका कवचम् का सबसे अच्छा समय क्या है?
उत्तर: ब्रह्ममुहूर्त में, यानी सुबह 4 से 6 बजे के बीच, मूकांबिका कवचम् का पाठ सबसे अच्छा होता है।
प्रश्न 3: क्या मूकांबिका कवचम् का पाठ किसी भी दिन शुरू किया जा सकता है?
उत्तर: हाँ, लेकिन शुक्रवार का दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
प्रश्न 4: मूकांबिका कवचम् का पाठ कितने दिनों तक करना चाहिए?
उत्तर: इस कवच का पाठ 41 दिनों तक नियमित रूप से करना चाहिए।
प्रश्न 5: क्या साधना के दौरान व्रत रखना जरूरी है?
उत्तर: व्रत रखना अनिवार्य नहीं है, लेकिन यह साधना को अधिक प्रभावी बनाता है।
प्रश्न 6: क्या साधना को गुप्त रखना आवश्यक है?
उत्तर: हाँ, साधना और पूजा को गुप्त रखना चाहिए।
प्रश्न 7: क्या मूकांबिका कवचम् का पाठ सार्वजनिक रूप से किया जा सकता है?
उत्तर: नहीं, इसे व्यक्तिगत रूप से और शांति से किया जाना चाहिए।
प्रश्न 8: क्या साधना के दौरान किसी विशेष प्रकार के भोजन का पालन करना चाहिए?
उत्तर: साधना के दौरान सात्विक और शुद्ध भोजन का सेवन करना चाहिए।
प्रश्न 9: क्या मूकांबिका कवचम् का पाठ करने से शत्रु बाधा से मुक्ति मिलती है?
उत्तर: हाँ, यह कवच शत्रु बाधाओं से रक्षा करता है।
प्रश्न 10: क्या मूकांबिका कवचम् का पाठ मानसिक शांति प्रदान करता है?
उत्तर: हाँ, इसका नियमित पाठ मानसिक शांति प्रदान करता है।
प्रश्न 11: क्या मूकांबिका कवचम् का पाठ धन और समृद्धि में वृद्धि करता है?
उत्तर: हाँ, देवी की कृपा से धन और समृद्धि में वृद्धि होती है।