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Ganesha Pradosh Vrat for Peace & Prosperity

गणेश प्रदोष व्रत भगवान गणेश और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। इस व्रत को करने से सभी प्रकार की विघ्न-बाधाओं का नाश होता है और जीवन में समृद्धि आती है।

यहां गणेश प्रदोष व्रत की विधि, मंत्र, मुहूर्त, व्रत में क्या खाएं और क्या न खाएं, व्रत का समय, व्रत से 12 लाभ, नियम, सावधानियां, भोग, व्रत कथा और व्रत से संबंधित प्रश्नों के उत्तर दिए गए हैं।

गणेश प्रदोष व्रत विधि

  1. प्रातःकाल स्नान करें: सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. पूजा स्थल की तैयारी: पूजा स्थल को स्वच्छ करें और भगवान गणेश व शिव की मूर्ति या चित्र को स्थापित करें।
  3. दीप प्रज्वलित करें: दीपक जलाएं और धूप-अगरबत्ती से भगवान गणेश और शिव की आरती करें।
  4. भगवान गणेश का आह्वान करें: “ॐ गं गणपतये नमः” और “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करते हुए भगवान गणेश और शिव का आह्वान करें।
  5. अभिषेक करें: भगवान गणेश और शिव की मूर्ति का पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर) से अभिषेक करें और स्वच्छ जल से स्नान कराएं।
  6. पुष्प, अक्षत, और दूर्वा अर्पित करें: भगवान गणेश को पुष्प, अक्षत (चावल), दूर्वा (घास), और 21 मोदक अर्पित करें, और शिव जी को बिल्व पत्र अर्पित करें।
  7. मंत्र जाप करें: “ॐ वक्रतुण्डाय हुं” और “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें।
  8. प्रसाद वितरण करें: पूजा के बाद भगवान गणेश और शिव को अर्पित प्रसाद को सभी में वितरित करें।
  9. आरती करें: “जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा” और “शिव आरती” करें।
  10. ध्यान और प्रार्थना करें: भगवान गणेश और शिव का ध्यान करें और अपनी मनोकामनाएं प्रकट करें।

गणेश प्रदोष व्रत मुहूर्त

  • मुहूर्त: गणेश प्रदोष व्रत का मुहूर्त त्रयोदशी तिथि के प्रदोष काल में होता है, जो सूर्यास्त से लगभग 1 घंटा पहले और सूर्यास्त के 1 घंटा बाद तक का समय होता है।

गणेश प्रदोष व्रत में क्या खाएं और क्या न खाएं

क्या खाएं:

  1. फल: सेब, केला, अंगूर, और अनार आदि।
  2. दूध और दूध से बने उत्पाद: दूध, दही, पनीर आदि।
  3. सात्विक भोजन: साबूदाना खिचड़ी, सिंघाड़े का आटा, कुट्टू का आटा, आलू, और मूंगफली।
  4. सूखे मेवे: बादाम, काजू, किशमिश, और अखरोट।

क्या न खाएं:

  1. मसालेदार और तले-भुने खाद्य पदार्थ: व्रत के दौरान मसालेदार और तले-भुने खाद्य पदार्थ न खाएं।
  2. मांसाहार और अंडे: मांसाहार और अंडों का सेवन वर्जित है।
  3. अनाज और दालें: गेहूं, चावल, और अन्य अनाज का सेवन न करें।
  4. प्याज और लहसुन: प्याज और लहसुन का उपयोग न करें।

गणेश प्रदोष व्रत से लाभ

  1. विघ्न-बाधाओं का नाश: जीवन के सभी विघ्न और बाधाओं का नाश होता है।
  2. धन और समृद्धि: आर्थिक समृद्धि और धन का आगमन होता है।
  3. स्वास्थ्य लाभ: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  4. मानसिक शांति: मानसिक शांति और स्थिरता प्राप्त होती है।
  5. आध्यात्मिक उन्नति: आध्यात्मिक चेतना का विकास होता है।
  6. बुद्धि की वृद्धि: बुद्धि और विवेक में वृद्धि होती है।
  7. शत्रु नाश: शत्रुओं का नाश होता है और जीवन में विजय प्राप्त होती है।
  8. पारिवारिक सुख: परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
  9. मनोकामना पूर्ति: भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
  10. सकारात्मक ऊर्जा: शरीर और मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  11. कार्य में सफलता: सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
  12. संकटों का निवारण: जीवन के सभी संकटों का निवारण होता है।

गणेश प्रदोष व्रत के नियम और सावधानियां

  1. स्वच्छता का ध्यान रखें: पूजा स्थल और अपनी स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें।
  2. निर्जला उपवास: व्रत के दौरान सूर्योदय से प्रदोष काल तक निर्जला उपवास रखें।
  3. व्रत का पालन: व्रत का पालन श्रद्धा और भक्ति के साथ करें।
  4. मंदिर जाने की आवश्यकता नहीं: आप घर पर ही पूजा कर सकते हैं।
  5. मानसिक संकल्प: व्रत के दौरान किसी प्रकार की नकारात्मकता से दूर रहें।

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गणेश प्रदोष व्रत के लिए भोग

भगवान गणेश को मोदक, लड्डू, गुड़, चावल के पिट्ठे, और नारियल का विशेष भोग अर्पित करें। शिव जी को बेलपत्र, धतूरा, और भांग का भोग अर्पित करें।

गणेश प्रदोष व्रत की कथा

प्राचीन काल में एक ब्राह्मण परिवार पर बहुत संकट आया। उन्होंने भगवान गणेश और शिव की आराधना कर प्रदोष व्रत का पालन किया। भगवान गणेश और शिव की कृपा से उनका संकट दूर हुआ और जीवन में समृद्धि आई। तभी से गणेश प्रदोष व्रत का प्रचलन शुरू हुआ।

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गणेश प्रदोष व्रत संबंधित प्रश्न और उत्तर

प्रश्न 1: गणेश प्रदोष व्रत कब करना चाहिए?

उत्तर: गणेश प्रदोष व्रत प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि के प्रदोष काल में करना चाहिए।

प्रश्न 2: क्या व्रत के दौरान अनाज का सेवन किया जा सकता है?

उत्तर: नहीं, व्रत के दौरान अनाज का सेवन वर्जित है; केवल फल, दूध, और सात्विक भोजन करें।

प्रश्न 3: क्या महिलाएं गणेश प्रदोष व्रत कर सकती हैं?

उत्तर: हां, महिलाएं भी गणेश प्रदोष व्रत कर सकती हैं, बशर्ते वे व्रत विधि का पालन करें।

प्रश्न 4: व्रत के दौरान कौन से मंत्र का जाप करना चाहिए?

उत्तर: व्रत के दौरान “ॐ गं गणपतये नमः” और “ॐ नमः शिवाय” जैसे मंत्रों का जाप किया जाता है।

प्रश्न 5: क्या व्रत के दौरान जल ग्रहण किया जा सकता है?

उत्तर: गणेश प्रदोष व्रत में प्रदोष काल तक निर्जला व्रत का पालन करना चाहिए।

प्रश्न 6: व्रत का फल कब प्राप्त होता है?

उत्तर: व्रत का फल भगवान गणेश और शिव की कृपा से तत्क्षण प्राप्त होता है और जीवन में शांति और समृद्धि आती है।

प्रश्न 7: क्या व्रत के दौरान मंदिर जाना आवश्यक है?

उत्तर: नहीं, आप घर पर ही भगवान गणेश और शिव की पूजा कर सकते हैं।

प्रश्न 8: क्या व्रत के दौरान केवल एक समय भोजन करना चाहिए?

उत्तर: हां, व्रत के दौरान एक समय सात्विक भोजन का सेवन करें और फलाहार करें।

प्रश्न 9: क्या व्रत के दौरान अन्य देवी-देवताओं की पूजा की जा सकती है?

उत्तर: हां, व्रत के दौरान अन्य देवी-देवताओं की पूजा भी की जा सकती है।

प्रश्न 10: व्रत का पालन करने से कौन-कौन से लाभ मिलते हैं?

उत्तर: व्रत का पालन करने से संकटों का निवारण, धन-समृद्धि, स्वास्थ्य लाभ, और कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।

प्रश्न 11: क्या गणेश व्रत में विशेष भोग अर्पित किया जाता है?

उत्तर: हां, भगवान गणेश को मोदक, लड्डू, और दूर्वा विशेष भोग के रूप में अर्पित किए जाते हैं। शिव जी को बेलपत्र, धतूरा, और भांग का भोग दिया जाता है।

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