Ganesha Sankashthi Vrat for Peace & Wishes

संकष्टी गणेश व्रत भगवान गणेश की आराधना के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत है। इसे हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को किया जाता है। इस व्रत को करने से भक्तों को भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है और उनके जीवन से सभी संकट और विघ्न दूर हो जाते हैं।

यहां संकष्टी गणेश व्रत की विधि, मंत्र, मुहूर्त, व्रत के दौरान क्या खाएं और क्या न खाएं, व्रत से लाभ, नियम, सावधानियां, भोग, व्रत कथा और व्रत से संबंधित प्रश्नों के उत्तर दिए गए हैं।

संकष्टी गणेश व्रत विधि

  1. प्रातःकाल स्नान करें: सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. पूजा स्थल की तैयारी: पूजा स्थल को शुद्ध करें और भगवान गणेश की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित करें।
  3. दीप प्रज्वलित करें: दीपक जलाएं और धूप-अगरबत्ती से भगवान गणेश की आरती करें।
  4. भगवान गणेश का आह्वान करें: “ॐ गं ग्लौं गणपतये नमः” मंत्र का जाप करते हुए भगवान गणेश का आह्वान करें।
  5. अभिषेक करें: भगवान गणेश की मूर्ति का पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर) से अभिषेक करें और स्वच्छ जल से स्नान कराएं।
  6. पुष्प, अक्षत और दूर्वा अर्पित करें: भगवान गणेश को पुष्प, अक्षत (चावल), दूर्वा (घास) और 21 मोदक अर्पित करें।
  7. मंत्र जाप करें: “ॐ वक्रतुण्डाय हुं” मंत्र का 108 बार जाप करें।
  8. प्रसाद वितरण करें: पूजा के बाद भगवान गणेश को अर्पित प्रसाद को सभी में वितरित करें।
  9. आरती करें: “जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा” आरती करें।
  10. ध्यान और प्रार्थना करें: भगवान गणेश का ध्यान करें और अपनी मनोकामनाएं प्रकट करें।

संकष्टी गणेश व्रत मुहूर्त

  • मुहूर्त: व्रत का समय चतुर्थी तिथि पर चंद्रोदय के समय से शुरू होकर अगले दिन की चंद्रमा के दर्शन के समय तक रहता है। व्रत रखने वाले भक्त सूर्योदय से चंद्रोदय तक उपवास करते हैं।

व्रत में क्या खाएं और क्या न खाएं

क्या खाएं:

  1. फल: सेब, केला, अंगूर, और अनार आदि।
  2. दूध और दूध से बने उत्पाद: दूध, दही, पनीर आदि।
  3. सात्विक भोजन: साबूदाना खिचड़ी, सिंघाड़े का आटा, कुट्टू का आटा, आलू, और मूंगफली।
  4. सूखे मेवे: बादाम, काजू, किशमिश, और अखरोट।

क्या न खाएं:

  1. मसालेदार और तले-भुने खाद्य पदार्थ: व्रत के दौरान मसालेदार और तले-भुने खाद्य पदार्थ न खाएं।
  2. मांसाहार और अंडे: मांसाहार और अंडों का सेवन वर्जित है।
  3. अनाज और दालें: गेहूं, चावल, और अन्य अनाज का सेवन न करें।
  4. प्याज और लहसुन: प्याज और लहसुन का उपयोग न करें।

Know more about Ganesha kavacham

संकष्टी गणेश व्रत से लाभ

  1. संकटों का निवारण: जीवन के सभी संकटों और विघ्नों का नाश होता है।
  2. धन और समृद्धि: आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं और धन-धान्य में वृद्धि होती है।
  3. स्वास्थ्य लाभ: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  4. मानसिक शांति: मानसिक शांति और स्थिरता प्राप्त होती है।
  5. आध्यात्मिक उन्नति: आध्यात्मिक चेतना का विकास होता है और साधना में सिद्धि प्राप्त होती है।
  6. बुद्धि की वृद्धि: बुद्धि और विवेक में वृद्धि होती है।
  7. शत्रु नाश: शत्रुओं का नाश होता है और जीवन में विजय प्राप्त होती है।
  8. पारिवारिक सुख: परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
  9. मनोकामना पूर्ति: भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
  10. सकारात्मक ऊर्जा: शरीर और मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  11. विघ्न-बाधाओं का नाश: जीवन में आने वाली विघ्न-बाधाओं का नाश होता है।
  12. कार्य में सफलता: सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।

Ganesha sadhana samagri with diksha

संकष्टी गणेश व्रत के नियम और सावधानियां

  1. स्वच्छता का ध्यान रखें: पूजा स्थल और अपनी स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें।
  2. निर्जला उपवास: चंद्रोदय तक निर्जला उपवास रखें।
  3. व्रत का पालन: व्रत का पालन श्रद्धा और भक्ति के साथ करें।
  4. मंदिर जाने की आवश्यकता नहीं: आप घर पर ही पूजा कर सकते हैं।
  5. मानसिक संकल्प: व्रत के दौरान किसी प्रकार की नकारात्मकता से दूर रहें।

संकष्टी गणेश व्रत की कथा

एक बार देवताओं और ऋषियों ने भगवान गणेश से प्रार्थना की कि वे संकटों का निवारण करें। भगवान गणेश ने उन्हें संकष्टी गणेश व्रत करने का उपाय बताया। एक दिन चंद्रमा ने गणेश जी का मज़ाक उड़ाया। गणेश जी ने उन्हें श्राप दिया कि उन्हें कलंक लगेगा। बाद में, चंद्रमा ने पश्चाताप किया और भगवान गणेश की पूजा की। गणेश जी ने उन्हें श्राप से मुक्त कर दिया। तब से, संकष्टी गणेश व्रत का महत्व बढ़ गया और इसे संकटों के निवारण के लिए किया जाता है।

संकष्टी गणेश व्रत संबंधित प्रश्न और उत्तर

प्रश्न 1: संकष्टी गणेश व्रत किस दिन करना चाहिए?

उत्तर: संकष्टी गणेश व्रत हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करना चाहिए।

प्रश्न 2: क्या व्रत के दौरान अनाज का सेवन किया जा सकता है?

उत्तर: नहीं, व्रत के दौरान अनाज का सेवन वर्जित है; केवल फल, दूध, और सात्विक भोजन करें।

प्रश्न 3: क्या महिलाएं संकष्टी गणेश व्रत कर सकती हैं?

उत्तर: हां, महिलाएं भी संकष्टी गणेश व्रत कर सकती हैं, बशर्ते वे व्रत विधि का पालन करें।

प्रश्न 4: व्रत के दौरान कौन से मंत्र का जाप करना चाहिए?

उत्तर: व्रत के दौरान “ॐ गं गणपतये नमः” और “ॐ वक्रतुण्डाय हुं” जैसे मंत्रों का जाप किया जाता है।

प्रश्न 5: क्या व्रत के दौरान जल ग्रहण किया जा सकता है?

उत्तर: संकष्टी गणेश व्रत में चंद्रोदय तक निर्जला व्रत का पालन करना चाहिए।

प्रश्न 6: व्रत का फल कब प्राप्त होता है?

उत्तर: व्रत का फल भगवान गणेश की कृपा से तत्क्षण प्राप्त होता है और जीवन में शांति और समृद्धि आती है।

प्रश्न 7: क्या व्रत के दौरान मंदिर जाना आवश्यक है?

उत्तर: नहीं, आप घर पर ही भगवान गणेश की पूजा कर सकते हैं।

प्रश्न 8: क्या व्रत के दौरान केवल एक समय भोजन करना चाहिए?

उत्तर: हां, व्रत के दौरान एक समय सात्विक भोजन का सेवन करें और फलाहार करें।

प्रश्न 9: क्या व्रत के दौरान अन्य देवी-देवताओं की पूजा की जा सकती है?

उत्तर: हां, व्रत के दौरान अन्य देवी-देवताओं की पूजा भी की जा सकती है।

प्रश्न 10: व्रत का पालन करने से कौन-कौन से लाभ मिलते हैं?

उत्तर: व्रत का पालन करने से संकटों का निवारण, धन-समृद्धि, स्वास्थ्य लाभ, और कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।

प्रश्न 11: क्या गणेश व्रत में विशेष भोग अर्पित किया जाता है?

उत्तर: हां, भगवान गणेश को मोदक, लड्डू, और दूर्वा विशेष भोग के रूप में अर्पित किए जाते हैं।

प्रश्न 12: क्या व्रत के दौरान मनोकामना पूर्ति की जा सकती है?

उत्तर: हां, भगवान गणेश की पूजा और व्रत से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

निष्कर्ष

संकष्टी गणेश व्रत का पालन श्रद्धा और भक्ति

से करने से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में आने वाली सभी समस्याओं का समाधान होता है। भक्तों को चाहिए कि वे इस व्रत को पूर्ण विधि-विधान और नियमों के साथ करें ताकि भगवान गणेश की कृपा सदैव बनी रहे।

spot_img
spot_img

Related Articles

Stay Connected

65,000FansLike
782,365SubscribersSubscribe
spot_img
spot_img

Latest Articles

spot_img
spot_img
Select your currency