शिव तत्व कवचम्- शिव की कृपा और सुरक्षा प्राप्त करने का शक्तिशाली उपाय
शिव तत्व कवचम् भगवान शिव का अत्यंत शक्तिशाली और महत्वपूर्ण कवच पाठ है। शिव तत्व यानी आज्ञा चक्र। हम ५ तत्व के बारे मे जानते है, ६ठा तत्व आज्ञा चक्र माना जाता है, जो चक्र जागरण व अध्यात्मिक उन्नति के लिये सहायक होता है। यह कवच शिव तत्व की रक्षा के लिए रचा गया है और इसे पढ़ने से साधक भगवान शिव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। शिव तत्व कवच का पाठ करने से व्यक्ति को मानसिक शांति, शारीरिक सुरक्षा, और आध्यात्मिक उन्नति मिलती है। यह कवच सभी प्रकार के संकटों से बचाता है और शिव के विभिन्न रूपों का आह्वान करता है। इसे विशेषकर उन साधकों के लिए अनुशंसित किया जाता है जो शिव की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं और जीवन के संकटों से मुक्त होना चाहते हैं।
शिव तत्व कवचम् एक महत्वपूर्ण तांत्रिक कवच है जो भगवान शिव की शक्तियों और गुणों की रक्षा का कवच प्रदान करता है। इसका पाठ करने से साधक को शिव के तत्व का ज्ञान प्राप्त होता है और वह शिव की कृपा से जीवन के सभी संकटों से सुरक्षित रहता है। यह कवच साधक को आत्मबल, मानसिक शांति, और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करता है।
संपूर्ण शिव तत्व कवचम् और उसका अर्थ
शिव तत्व कवचम्:
- अस्य श्री शिवतत्त्वकवचस्य ऋषिर् भगवान् सदाशिवः।
छन्दः अनुष्टुप् देवता श्री शिवः।
विनियोगः तस्य शिवतत्त्वकवचस्य जपे विनियोगः। - शिवो मे हृदयं पातु भालं पातु महेश्वरः। शिरो मे शङ्करो पातु शेषाङ्गं शम्भुराव्ययः॥
- नेत्रे गिरिशपः पातु कर्णौ पातु महाशिवः। नासिकां पातु मे शर्वो जिव्हां पात्वन्दकारिकः॥
- कण्ठं पातु कपाली च स्कन्धौ पातु कपर्दवान्। बाहू कैलासवासी मे हस्तौ पातु च शूलधृत्॥
- वक्षः पातु जगद्धाता उदरं पातु विश्वभुक्। पातु पृष्ठं गिरीशो मे कटिं पातु च कृत्तिवासः॥
- ऊरू पातु महादेवो जानुनी मे महेश्वरः। जङ्घे पातु जगद्व्यापी पादौ पातु गणाधिपः॥
- एवं कृतं शिवकवचं भक्त्यायः पठेत् सदा। तस्य मृत्युं भय नास्ति सदा त्रैलोक्यमङ्गलम्॥
शिव तत्व कवचम् का अर्थ:
- शिवो मे हृदयं पातु भालं पातु महेश्वरः। शिरो मे शङ्करो पातु शेषाङ्गं शम्भुराव्ययः॥ अर्थ: भगवान शिव मेरे हृदय की रक्षा करें, महेश्वर मेरे ललाट की रक्षा करें। शंकर मेरे सिर की रक्षा करें और शेष अंगों की रक्षा अविनाशी शम्भु करें।
- नेत्रे गिरिशपः पातु कर्णौ पातु महाशिवः। नासिकां पातु मे शर्वो जिव्हां पात्वन्दकारिकः॥ अर्थ: गिरिश (पर्वतों के ईश्वर) मेरे नेत्रों की रक्षा करें, महाशिव मेरे कानों की रक्षा करें। शर्व (विनाशक) मेरी नाक की रक्षा करें और अंधकार को हरने वाले शिव मेरी जीभ की रक्षा करें।
- कण्ठं पातु कपाली च स्कन्धौ पातु कपर्दवान्। बाहू कैलासवासी मे हस्तौ पातु च शूलधृत्॥ अर्थ: कपाली (खोपड़ी धारण करने वाले) मेरे कंठ की रक्षा करें, और जटाधारी शिव मेरे कंधों की रक्षा करें। कैलासवासी शिव मेरे बाहु (बाजू) की रक्षा करें और त्रिशूल धारण करने वाले शिव मेरे हाथों की रक्षा करें।
- वक्षः पातु जगद्धाता उदरं पातु विश्वभुक्। पातु पृष्ठं गिरीशो मे कटिं पातु च कृत्तिवासः॥ अर्थ: जगत के धाता (पालनकर्ता) मेरे वक्ष स्थल की रक्षा करें, और संपूर्ण विश्व को भोगने वाले (समस्त संसार को नियंत्रित करने वाले) मेरे उदर की रक्षा करें। गिरिश (पर्वतों के स्वामी) मेरी पीठ की रक्षा करें और कृत्तिवास (जानवर की खाल पहनने वाले) मेरी कमर की रक्षा करें।
- ऊरू पातु महादेवो जानुनी मे महेश्वरः। जङ्घे पातु जगद्व्यापी पादौ पातु गणाधिपः॥ अर्थ: महादेव मेरे ऊरू (जांघों) की रक्षा करें, महेश्वर मेरे घुटनों की रक्षा करें। जगद्व्यापी (समस्त जगत में व्यापक) शिव मेरी जंघाओं की रक्षा करें और गणों के स्वामी (गणाधिपति) मेरे पैरों की रक्षा करें।
- एवं कृतं शिवकवचं भक्त्यायः पठेत् सदा। तस्य मृत्युं भय नास्ति सदा त्रैलोक्यमङ्गलम्॥ अर्थ: इस प्रकार जो व्यक्ति इस शिव कवच का भक्तिपूर्वक सदा पाठ करता है, उसे मृत्यु का भय नहीं होता और तीनों लोकों में वह मंगल का अनुभव करता है।
शिव तत्व कवचम् का महत्व
शिव तत्व कवचम् का पाठ करने से साधक भगवान शिव की कृपा प्राप्त करता है। यह कवच साधक को सभी प्रकार के संकटों, भय, और रोगों से रक्षा करता है। शिव तत्व कवच का पाठ करने से व्यक्ति को आत्मबल, मानसिक शांति, और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। यह कवच साधक को शिव के तत्व का ज्ञान प्रदान करता है और उसे शिव की अनंत शक्तियों का आभास कराता है।
इस कवचम् का नियमित पाठ करना चाहिए, विशेषकर शिवरात्रि, प्रदोष व्रत, और सोमवार के दिन। यह साधक को भगवान शिव के साथ एक गहरा संबंध बनाने में मदद करता है और उसे शिव की अनंत कृपा प्राप्त होती है।
शिव तत्व कवचम् के लाभ
- आध्यात्मिक उन्नति: साधक की आत्मा को उच्च आध्यात्मिक स्तर तक पहुंचाता है।
- मानसिक शांति: मन को स्थिरता और शांति प्रदान करता है।
- भयमुक्ति: सभी प्रकार के भय से रक्षा करता है।
- शारीरिक सुरक्षा: शारीरिक समस्याओं और रोगों से बचाता है।
- धन-संपत्ति की वृद्धि: आर्थिक समृद्धि और उन्नति को बढ़ावा देता है।
- शत्रु बाधा निवारण: शत्रुओं से रक्षा और उनकी बुरे प्रभावों का नाश करता है।
- कष्टों से मुक्ति: जीवन के सभी कष्टों और कठिनाइयों को समाप्त करता है।
- परिवारिक सुख: परिवार में सुख-शांति और समृद्धि लाता है।
- मुक्ति: जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति प्राप्त करने में सहायक होता है।
- सकारात्मक ऊर्जा का संचार: सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देता है।
- अकाल मृत्यु से रक्षा: अकाल मृत्यु के भय से मुक्त करता है।
- सुख-समृद्धि में वृद्धि: जीवन में सुख और समृद्धि को बढ़ाता है।
- आध्यात्मिक ज्ञान: शिव के तत्व का गहन ज्ञान प्रदान करता है।
- धार्मिक और आध्यात्मिक संरक्षण: धार्मिक और आध्यात्मिक संरक्षण प्राप्त करता है।
- शिव की कृपा प्राप्ति: भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है।
शिव तत्व कवचम् का पाठ विधि
- दिन: सोमवार, प्रदोष, और महाशिवरात्रि का दिन विशेष फलदायी है।
- अवधि: इसे ४१ दिनों तक नियमित रूप से पढ़ें।
- मुहूर्त: ब्रह्म मुहूर्त में इसका जप करना श्रेष्ठ माना जाता है।
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शिव तत्व कवच के नियम
- पूजा विधि: शिवलिंग पर जल, बिल्व पत्र, और धूप-दीप अर्पित करें।
- गोपनीयता: साधना को गुप्त रखना चाहिए।
- शुद्धता: स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- स्थान: एकांत और पवित्र स्थान पर साधना करें।
- आहार: सात्विक भोजन करें और ब्रह्मचर्य का पालन करें।
शिव तत्व कवच में सावधानियां
- स्वच्छता का ध्यान: अशुद्ध वस्त्र और अपवित्र स्थान से बचें।
- नियम का पालन: संकल्प और नियम का दृढ़ता से पालन करें।
- साधना के दौरान व्रत: साधना के दौरान उपवास रखें।
- शिव का ध्यान: शिव का ध्यान और एकाग्रता बनाए रखें।
शिव तत्व कवचम् के प्रश्न और उत्तर
प्रश्न 1: शिव तत्व कवच क्या है?
उत्तर: शिव तत्व कवच भगवान शिव का एक पवित्र कवच है, जो उनकी कृपा और सुरक्षा प्रदान करता है।
प्रश्न 2: शिव तत्व कवच का महत्व क्या है?
उत्तर: यह कवच व्यक्ति को मानसिक शांति, शारीरिक सुरक्षा, और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करता है।
प्रश्न 3: शिव तत्व कवच का पाठ कब करना चाहिए?
उत्तर: इसे सोमवार, प्रदोष, और महाशिवरात्रि पर करना विशेष लाभकारी होता है।
प्रश्न 4: शिव तत्व कवच का पाठ कैसे करें?
उत्तर: एकांत स्थान पर, शुद्ध मन और शरीर के साथ, शिवलिंग के समक्ष जप करें।
प्रश्न 5: शिव तत्व कवच का जप करने का सर्वोत्तम समय क्या है?
उत्तर: ब्रह्म मुहूर्त में, जो प्रातःकाल 4 से 6 बजे के बीच होता है, सर्वोत्तम है।
प्रश्न 6: शिव तत्व कवच का पाठ करने से क्या लाभ होते हैं?
उत्तर: मानसिक शांति, रोगों का नाश, और आर्थिक समृद्धि प्राप्त होती है।
प्रश्न 7: क्या शिव तत्व कवच का पाठ किसी भी दिन किया जा सकता है?
उत्तर: हाँ, लेकिन सोमवार और प्रदोष तिथि पर विशेष लाभ मिलता है।
प्रश्न 8: शिव तत्व कवच का जप कितने दिन करना चाहिए?
उत्तर: इसे ४१ दिनों तक नियमित रूप से करना चाहिए।
प्रश्न 9: शिव तत्व कवच का पाठ करते समय किन वस्त्रों का उपयोग करना चाहिए?
उत्तर: सफेद या पीले रंग के स्वच्छ वस्त्र पहनना चाहिए।
प्रश्न 10: शिव तत्व कवच का पाठ करते समय क्या सावधानियां रखनी चाहिए?
उत्तर: शुद्धता और मानसिक एकाग्रता का ध्यान रखें, नकारात्मक विचारों से बचें।
प्रश्न 11: शिव तत्व कवच का पाठ करने के लिए क्या कोई विशेष पूजन सामग्री चाहिए?
उत्तर: शिवलिंग, जल, बिल्व पत्र, दूध, और धूप-दीप का उपयोग किया जाता है।
प्रश्न 12: क्या शिव तत्व कवच का पाठ गुप्त रूप से करना चाहिए?
उत्तर: हाँ, साधना को गोपनीय रखना चाहिए ताकि ऊर्जा की शुद्धता बनी रहे।